ओस की बूंद और राही मासूम रज़ा के बीच समानता
ओस की बूंद और राही मासूम रज़ा आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): ओस की बूंद।
ओस की बूंद
ओस की बूंद राही मासूम रज़ा का तीसरा उपन्यास है। यह उपन्यास हिन्दू-मुस्लिम समस्याओं को लेकर शुरू होता है लेकिन आखिर तक आते-आते पाठकों को पता चलता है कि हिन्दू-मुस्लिम समस्या वास्तव में कुछ नहीं है, यह सिर्फ राजनीति का एक मोहरा है और जो असली चीज है वह है इंसान के पहलू में धड़कने वाला दिल और उस दिल में रहने वाले ज़ज्बात और इन दोनों का मजहब और जात से कोई ताल्लुक नहीं। इसलिए साम्प्रदायिक दंगों के बीच सच्ची इंसानियत की तलाश करने वाला यह उपन्यास एक शहर और एक मजहब का होते हुए भी हर शहर और हर मजहब का है ! एक छोटी-सी जिन्दगी की दर्द भरी दास्तान जो ओस की बूँद की तरह चमकीली और कम उम्र है। .
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ओस की बूंद और राही मासूम रज़ा के बीच तुलना
ओस की बूंद 2 संबंध है और राही मासूम रज़ा 28 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.33% है = 1 / (2 + 28)।
संदर्भ
यह लेख ओस की बूंद और राही मासूम रज़ा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: