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ओरेसंड सेतु और रज्जु कर्षण सेतु

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ओरेसंड सेतु और रज्जु कर्षण सेतु के बीच अंतर

ओरेसंड सेतु vs. रज्जु कर्षण सेतु

ओरेसण्ड सेतु (Øresundsbroen, Öresundsbron, संयुक्त संकरित नाम: Øresundsbron) स्कैनिया, (दक्षिणतम स्वीडन) एवं डेनमार्क के बीच बना एक द्विमार्गीय रेलमार्ग एवं द्विमार्गीय सड़क सेतु-सुरंग है। यह मार्ग रज्जु कर्षण सेतु रूप में लगभग 8 कि.मी (5 मील) स्वीडिश तट से एक कृत्रिम द्वीप पेबरहोम तक जाता है, जो इस जलडमरुमध्य के बीचोंबीच स्थित है। इस कड़ी का दूसरा भाग एक 4 कि.मी (2.5 मील) लंबी सुरंग द्वारा पेबरहोम से एक डेनिश द्वीप अमेजर तक जाता है। ओरेसण्ड सेतु यूरोप का सबसे लंबा सड़क एवं रेल सेतु है। इसके द्वारा दो बड़े महानगरीय क्षेत्रों: डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन और स्वीडन के महानगर, माल्मो को जोड़ता है। इस सेतु के द्वारा स्कैंडिनेविया के रेल एवं सड़क मार्ग जाल मध्य एवं पश्चिमी यूरोप से जुड़ते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय यूरोपियाई मार्ग ई२० इसी सड़क द्वारा और ओरसंड रेलमार्ग भी इसी रेलकड़ी द्वारा जुड़ते हैं। ग्रेट बेल्ट फ़िक्स्ड लिंक द्वारा ज़ीलैंड को फ़नेन और अन्ततः जटलैंड प्रायद्वीप से जोड़ने के बाद ओरेसंड सेतु के पूरा होने के बाद से मध्य और पश्चिमी यूरोप स्कैंडिनेविया से रेल एवं सड़कमार्ग द्वारा जुड़ गए हैं। ओरेसंड सेतु की अभिकल्पना डेनिश वास्तुकार जोड़ी डिस्सिंग एवं वेट्लिंग ने की थी। इस सेतु को दो भागों में बनाने और दूसरे भाग को भी सेतु न उठाकर सुरंग बनाने के जटिल एवं अतिरिक्त व्यय का मुख्य कारण निकटवर्ती कोपनहेगन विमानक्षेत्र के वायु यातायात मार्ग में हस्तक्षेप से बचने, जलमार्ग द्वारा जलपोतों के लिये बाधा न बनकर उन्हें खुला पहले जैसा जलमार्ग देने एवं शीतऋतु में बह कर आने वाले हिमखण्ड से जलडमरुमध्य को बाधित होने से बचाना था। ओरेसण्ड सेतु डेनमार्क-स्वीडन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पार करता है, पर शेन्जन समझौते एवं नॉर्डिक पासपोर्ट संघ के अनुसार प्रायः यहां कोई पासपोर्ट जाँच नहीं की जाती है। कभी कभार यादृच्छिक कस्टम जाँच स्वीडन प्रवेश के टोल बूथ्स पर की जाती है, पर डेनमार्क प्रवेश पर वह भी नहीं होती। ओरेसंड सेतु को २००२ का IABSE उत्कृष्ट संरचना पुरस्कार (आउटस्टैण्डिंग स्ट्रक्चर अवार्ड) मिला था। . रज्जु कर्षण सेतु, सेतुओं का एक प्रकार होता है। इसमें एक या अधिक स्तंभ होते हैं, (जिन्हें टावर या पायलॉन भी कहते हैं), जो स्तंभ इस्पात रज्जुओं (केबल) द्वारा सेतु की सतह का भार संभालते हैं। इसके तीन मुख्य उप-भेद होते हैं:-;हार्प आकार इसमें सभी केबल समानांतर होते हैं, व स्तंभ में विभिन्न दूरियों पर जुड़े होते हैं। इतनी ही दूरियों पर ये केबल सड़क पर जुड़े होते हैं।;पंखा आकार इसमें सभी केबल स्तंभ पर सबसे ऊपर एक ही स्थान से जुड़े होते हैं। इसमें केबल की वांछित लंबाई हार्प आकार से कहीं अधिक होती है।;सस्पेंशन आकार इसमें सभी केबल ऊर्ध्वाधर होते हैं। ये नीचे सड़क से जुड़े होते हैं, व ऊपर एक स्तंभ से दूसरे स्तंभ को जोड़े हुए एक अन्य मोटे केबल से जुड़े होते हैं। Image:Bridge-suspension.svg|सस्पेंशन आकार Image:Bridge-fan-cable-stayed.svg|पंखा आकार Image:Bridge-harp-cable-stayed.svg|हार्प आकार .

ओरेसंड सेतु और रज्जु कर्षण सेतु के बीच समानता

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ओरेसंड सेतु और रज्जु कर्षण सेतु के बीच तुलना

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संदर्भ

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