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ऐतिहासिक उपन्यास और रांगेय राघव

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ऐतिहासिक उपन्यास और रांगेय राघव के बीच अंतर

ऐतिहासिक उपन्यास vs. रांगेय राघव

ऐतिहासिक उपन्यास उपन्यास साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी भी कालखंड विशेष की प्रख्यात् कथा का चित्रण हो। वैसे तो किसी भी कालखंड विशेष का चित्रण ऐतिहासिक उपन्यास हो सकता है। रंगभूमि, बूंद और समुद्र, झूठा सच और उत्‍तरकथा भी अपने युग का प्रामाणिक चित्रण करने के कारण, ऐतिहासिक उपन्यास हो सकते हैं; किंतु ऐतिहासिक उपन्यास होने के लिए एक अनिवार्य शर्त है - उसकी कथा का प्रख्यात् होना, पाठकों का उससे पूर्व-परिचित होना। . रांगेय राघव (१७ जनवरी, १९२३ - १२ सितंबर, १९६२) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए।आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी। .

ऐतिहासिक उपन्यास और रांगेय राघव के बीच समानता

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संदर्भ

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