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एस्पेरांतो और नोवियाल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एस्पेरांतो और नोवियाल के बीच अंतर

एस्पेरांतो vs. नोवियाल

एस्पेरांतो (अंग्रेज़ी: Esperanto) एक आसान और कृत्रिम अंतरराष्ट्रीय भाषा है। "दोक्तोरो एस्पेरांतो" के उपनाम से इस भाषा के निर्माता लुडविग लाज़र ज़ामेनहोफ़ ने एस्पेरांतो की पहली किताब १८८७ में वारसा (पोलैंड, तब रूस में) में प्रकाशित की थी। उनकी चाहत थी कि एस्परान्तो एक वैश्विक भाषा बने। इस भाषा में "एस्पेरांतो" शब्द का अर्थ है "आशा रखने वाला"। यह भाषा यूरोप की प्रमुख भाषाओं के मदद से बनाई गई थी। इसकी लिपि भी ध्वनि सिद्धांतों पर आधारित है। लिपि जैसे पढ़ी जाती है, भाषा का वैसे ही उच्चारण होता है। अलग-अलग मातृ भाषाएँ बोलने वालों के लिये एस्पेरांतो एक सामूहिक, आयोजित, सरल भाषा है। ज़ामेनहोफ़ का उद्देश्य था की एक ऐसी भाषा हो जो सीखने में आसान हो, राजनैतिक दृष्टि से तटस्थ हो, जो राष्ट्रीयता के पार हो और भिन्न-भिन्न प्रांतीय और राष्ट्रीय भाषाओँ के बोलने वालों के बीच शांति और अंतरराष्ट्रीय संचार का साधन बन सके। कहा जाता है कि आज दुनिया में १ लाख से २० लाख के बीच लोग एस्पेरांतो बोल सकते हैं। इस भाषा को बोलने वालों की सबसे बड़ी संख्या यूरोप, पूर्वी एशिया और दक्षिण अम्रीका में है। पहला विश्व एस्पेरांतो सम्मलेन १९०५ में फ्रांस में आयोजित किया गया था। उसके बाद, दोनों महायुद्धों को छोड़कर, हर वर्ष अलग-अलग देशों में विश्व सम्मलेन होते आ रहे हैं। एस्पेरांतो अन्य भाषाएं सीखने के लिए प्रयोग किया जाता है। . नोवियाल का ध्वज नोवियाल (Novial) एक कृत्रिम भाषा है, जिसे १९२८ में ओटो येस्पर्सन नामक एक डैनिश भाषाविद् ने निर्मित किया था। यह शब्द "nov" (नया) और "ial" (अन्तर्राष्ट्रीय सहायक भाषा) से बना है। .

एस्पेरांतो और नोवियाल के बीच समानता

एस्पेरांतो और नोवियाल आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रोमन लिपि, ईडो, कृत्रिम भाषा, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला

रोमन लिपि

रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि। ये बायें से दायें लिखी और पढ़ी जाती है। अंग्रेज़ी के अलावा लगभग सारी यूरोपीय भाषाएँ रोमन लिपि के कुछ अक्षरों पर अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयुक्त करते हैं। रोमन लिपि के कुछ अक्शर। रोमन लिपि के कुछ अक्शर .

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ईडो

ईडो (अंग्रेज़ी: Ido) एक आयोजित भाषा है जिसके निर्माता चाहते थे की वह एक वैश्विक भाषा बने। उसका व्याकरण अत्यंत नियमशील होनेके कारण वह बिलकुल आसानीसे सिखी जा सकती है। यह भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है जिसमें २६ अक्षर हैं। उदाहरण: Ido es la maxim facila linguo. ईदो सबसे आसान भाषा है।.

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कृत्रिम भाषा

कोई विवरण नहीं।

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अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला

अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध्व॰व॰, अंग्रेज़ी: International Phonetic Alphabet, इंटरनैशनल फ़ोनॅटिक ऐल्फ़ाबॅट) एक ऐसी लिपि है जिसमें विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं। इसके हर अक्षर और उसकी ध्वनि का एक-से-एक का सम्बन्ध होता है। आरम्भ में इसके अधिकतर अक्षर रोमन लिपि से लिए गए थे, लेकिन जैसे-जैसे इसमें विश्व की बहुत सी भाषाओँ की ध्वनियाँ जोड़ी जाने लगी तो बहुत से यूनानी लिपि से प्रेरित अक्षर लिए गए और कई बिलकुल ही नए अक्षरों का इजाद किया गया। इसमें सन् २०१० तक १६० से अधिक ध्वनियों के लिए चिह्न दर्ज किए जा चुके थे, लेकिन किसी भी एक भाषा को दर्शाने के लिए इस वर्णमाला का एक भाग की ही ज़रुरत होती है। इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन (ट्रान्सक्रिप्शन) में सूक्ष्म प्रतिलेखन के चिन्हों के बीच में और स्थूल प्रतिलेखन / / के चिन्हों के अन्दर लिखे जाते हैं। इसकी नियामक अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ है। उदाहरण के लिए.

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एस्पेरांतो और नोवियाल के बीच तुलना

एस्पेरांतो 14 संबंध है और नोवियाल 17 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 12.90% है = 4 / (14 + 17)।

संदर्भ

यह लेख एस्पेरांतो और नोवियाल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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