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एड्स और यक्ष्मा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एड्स और यक्ष्मा के बीच अंतर

एड्स vs. यक्ष्मा

उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण या एड्स (अंग्रेज़ी:एड्स) मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी. यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

एड्स और यक्ष्मा के बीच समानता

एड्स और यक्ष्मा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): एचआइवी, विश्व स्वास्थ्य संगठन

एचआइवी

एचआइवी अथवा कपोसी सार्कोमा प्रभावित महिला की नाक का चित्र एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। मुख्यतः यौण संबंध तथा रक्त के जरिए फैलने वाला यह विषाणु शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं का भक्षण कर लेता है। इसमें उच्च आनुवंशिक परिवर्तनशीलता का गुण है। यह विशेषता इसके उपचार में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। .

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विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्वज विश्व स्वास्थ्य संगठन (वि॰ स्वा॰ सं॰) (WHO) विश्व के देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के १९३ सदस्य देश तथा दो संबद्ध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। इस संस्था की स्थापना ७ अप्रैल १९४८ को की गयी थी। इसका उद्देश्य संसार के लोगो के स्वास्थ्य का स्तर ऊँचा करना है। डब्‍ल्‍यूएचओ का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं। वो डॉक्टर मार्गरेट चैन का स्थान लेंगे जो पाँच-पाँच साल के दो कार्यकाल यानी दस वर्षों तक काम करने के बाद इस पद से रिटायर हो रही हैं।। भारत भी विश्व स्वास्थ्‍य संगठन का एक सदस्य देश है और इसका भारतीय मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। .

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एड्स और यक्ष्मा के बीच तुलना

एड्स 12 संबंध है और यक्ष्मा 40 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 2 / (12 + 40)।

संदर्भ

यह लेख एड्स और यक्ष्मा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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