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एक इकाई व्यवस्था और पश्चिमी पाकिस्तान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एक इकाई व्यवस्था और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच अंतर

एक इकाई व्यवस्था vs. पश्चिमी पाकिस्तान

एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। . पश्चिमी पाकिस्तान(مغربی پاکستان, मग़रिबी पाकिस्तान, পশ্চিম পাকিস্তান, पोश्चिम पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान (पाकिस्तान अधिराज्य) की पश्चिमी इकाई थी, जो अब, (बांग्लादेश के अलग होने के बाद से) वर्तमान पाकिस्तान है। .

एक इकाई व्यवस्था और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच समानता

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एक इकाई व्यवस्था

एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। .

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ढाका

ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .

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पश्चिमी पाकिस्तान

पश्चिमी पाकिस्तान(مغربی پاکستان, मग़रिबी पाकिस्तान, পশ্চিম পাকিস্তান, पोश्चिम पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान (पाकिस्तान अधिराज्य) की पश्चिमी इकाई थी, जो अब, (बांग्लादेश के अलग होने के बाद से) वर्तमान पाकिस्तान है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान आंदोलन

पाकिस्तान आन्दोलन या तहरीकए पाकिस्तान (تحریک پاکستان) २०वीं सदी के भारतीय उपमहाद्वीप में हुए एक राजनीतिक आंदोलन का नाम था, जिसने अंत्यतः भारतवर्ष को धार्मिक आधार पर विभाजित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उपमहाद्वीप के भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य के उत्तर पश्चिमी के चार प्रांतों व पूर्व में पूर्वी बंगाल की स्वतंत्रता संयोजन से स्थापना हुई पाकिस्तान नामक एक स्वतंत्र इस्लामिक गणरज्य की। यह आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समानांतर ही चला था। हालांकि, दोनो आंदोलनो का उद्देश्य एक ही था, परन्तु, पाकिस्तान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की धार्मिक पहचान और राजनीतिक हितों का संरक्षित व सुरक्षा था।" इस प्रसंग का पहला संगठित आंदोलन सैय्यद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ में हुआ था, जिसे अलीगढ़ आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा था। यह आन्दोलन पाकिस्तान आंदोलन का आधार था। १९०६ में, एक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो धीरे धीरे मुस्लिम सुधारकों के आंदोलन से राजनीतिक चरण में तब्दील हो गया। इस बीच में, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया गया था। गुरुत्वपूर्ण मुसलिम नेताओं द्वारा इसके गठन के पीछे का मूल उद्देश्य ब्रिटिश भारत में मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुस्लिम लीग के वार्षिक सत्रों ने अल्लामा इकबाल की दार्शनिक दृष्टिकोण व नेतृत्व में आंदोलन को आगे बढ़ाया। जिस्के पश्चात मुहम्मद अली जिन्ना के संवैधानिक प्रयासों ने आंदोलन के लिए जनसमर्थन बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उर्दू शायर इकबाल और फैज के साहित्य, कविता एवं भाषणों ने भी राजनीतिक चेतना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके अलावा बेगम राणा लियाकत अली खान और फातिमा जिन्नाह जैसी महिलाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी। नौकरीपेशे वाले लोगों ने भी पाकिस्तान आंदोलन में भाग लिया था। बाद में, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ पारित किया गया, जिसके अंतर्गत भारत अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वतंत्र स्वायत्य-उपनिवेश(डोमीनियन) की स्थापना की गई। पाकिस्तान आंदोलन कई माएनों में, सामाजिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक प्रक्रिया का परिणाम था। इसके बाद पाकिस्तान के संस्थापकों ने एक मजबूत सरकार बनाने की प्रयास की जो की नवस्थापित देश के दोनों खंडों पर सफल नियंत्रण बनाए रख सके। १९५८ में बाद में, पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट हुआ और राजनीतिक एवं आर्थिक भेदभाव, एवं अन्य कई मसलों के परिणामस्वरूप बांग्लादेश १९७१ में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा जो की उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान था। .

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पाकिस्तान का इतिहास

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। इसके पहले सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों -सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद)- को मिलाकर एक अलग राष्ट्र का मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे। सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। आज के पाकिस्तानी भूभाग में ईसा के 3000 साल पहले सिन्धुघाटी सभ्यता का जन्म हुआ। यह 1500 ईसापूर्व के आसपास नष्ट हो गई और 1200 ईसापूर्व के आसपास आर्यों की एक शाखा भारत आई। ईसापूर्व सन् 543 में यह फारस के हखामनी शासकों के साम्राज्य का अंग बना। सिकन्दर ने 330 ईसापूर्व के आसपास हखामनी शासक दारा तृतीय को हराकर उसके सम्पूर्ण साम्राज्य पर कब्जा कर लिया। उसके साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने बाँट लिया और इस क्षेत्र मे एक अभूतपूर्व यूनानी-बैक्टियन संस्कृति का अंग बना। इसके बाद यह मौर्य साम्राज्य का अंग बना। इसके बाद शक (सीथियनों की भारतीय शाखा) और फिर कुषाणों की शाखा यहाँ आई। सन् 712 में फारस के एक अरब सेनापति मुहम्मद-बिन-क़ासिम ने सिन्ध के नरेश को हरा दिया। इसके बाद यहाँ इस्लाम का आगमन हुआ। इस क्षेत्र पर गजनवियों का अधिकार बारहवीं सदी में हुआ और 1206 में यह दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सन् 1526 में दिल्ली की सत्ता पर मुगलों का अधिकार हो गया और 1857 के बाद यहाँ अंग्रेजों का शासन आया। 14 अगस्त 1947 को यह स्वतंत्र हुआ। .

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा

पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा या क़ौमी असेम्ब्ली (قومی اسمبلی; National Assembly, नैशनल असेम्ब्ली) पाकिस्तान की द्वीसदनीय संसद(मजलिस-ए शूरा), जिसका उच्चसदन सेनेट है, का निम्नसदन है। उर्दू भाषा मैं इसे कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता हैं। इसमें कुल 342 आसन हैं, जिन में से 242 चुनाव के जरये चुने जाते हैं और बाक़ी के 70 महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। क़ौमी इस्म्ब्ली पाकिस्तान की संधीय विधायिका की वह इकाई है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है(यह पाकिस्तान में लोकसभा की जोड़ीदार है)। .

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पाकिस्तान अधिराज्य

पाकिस्तानी अधिराज्य (ﻣﻤﻠﮑﺖِ ﭘﺎﮐﺴﺘﺎﻥ., मुम्लिक़ात्'ए पाकिस्तान; পাকিস্তান অধিরাজ্য, पाकिस्तान ओधिराज्जो) नवनिर्मित देश, पाकिस्तान की स्वायत्त्योपनिवेशिय अवस्था थी। इस शासनप्रणाली के तहत पाकिस्तान को भारत विभाजन के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य का एक स्वशासित व स्वतंत्र इकाइ(अधिराज्य) के रूप मे स्थापित किया गया था। पाकिस्तानी अधिराज्य की स्थापना भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के तहत ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद तथाकथित तौर पर भारतिय उपमहाद्वीप की मुस्लिम आबादी के लिए हुआ था। एसकी कुल भूभाग मौजूदा इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान व बांग्लादेश के बराबर थी। 1956 में पाकिस्तान का पहला संविधान के लागू होने के साथ ही "पाकिस्तान अधिराज्य" की विस्थापना हो गई जब अधिराजकिय राजतांत्रिक व्यवस्था को इस्लामिक गणराज्य से बदल दिया गया। इस व्यवस्था के तहत पाकिस्तान ब्रिटिश हुक़ूमत से स्वतंत्र हो गया एवं ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का हिस्सा होने के नाते अन्य ब्रिटिश स्वायत्त्योपनिवेशों की ही तरह, ब्रिटेन के राजा(ततकालीन जार्ज षष्ठम) को पाकिस्तान के राजा का प्रभार भी सौंप दिया गया, हालांकी, (तथ्यस्वरूप) पाकिस्तान के राजा का लग-भग सारा संवैधानिक व कार्याधिकार पाकिस्तान में उनके प्रतिनिधी पाकिस्तान के महाराज्यपाल (गवर्नर-जनरल) के अधिकार में था। ऐसी व्यवस्था सारे ब्रिटिश-स्वायत्त्योपनिवेशों में रहती है। पाकिस्तान अधिराज्य कुल 9 सालों तक, १९४७ से १९५६ तक अस्तित्व में रहा था, जिस बीच 4 महाराज्यपालों की नियुक्ती हुई थी। भारत विभाजन व स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश भारत की सदस्यता भारतीय अधिराज्य को दे दी गई जबकी पाकिस्तान ने नई सदस्यता प्राप्त की। .

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पंजाब (पाकिस्तान)

पंजाब पंजाब पाकिस्तान का एक प्रान्त है। इसमें ३६ जिले हैं। पंजाब आबादी के अनुपात से पाकिस्तान का सब से बड़ा राज्य है। पंजाब में रहने वाले लोग पंजाबी कहलाते हैं। पंजाब की दक्षिण की तरफ़ सिंध, पश्चिम की तरफ़ ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा और बलोचिस्तान,‎‎‎ उत्तर की तरफ़ कश्मीर और इस्लामाबाद और पूर्व में हिन्दुस्तानी पंजाब और राजस्थान से मिलता है। पंजाब में बोली जाने वाली भाषा भी पंजाबी कहलाती है। पंजाबी के अलावा वहां उर्दु और सराइकी भी बोली जाती है। पंजाब की (राजधानी) लाहौर है। पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों - 'पंज' यानि 'पांच' (५) और 'आब' यानि 'पानी' से मिल कर बना है। इन पांच दरियाओं के नाम हैं.

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प्रधानमन्त्री

प्रधानमंत्री एक ऐसा राजनेता होता है जो कि सरकार की कार्यकारिणी शाखा का संचालन करता है। सामान्यतः, प्रधानमंत्री अपने देश की संसद का सदस्य भी होता है। भारत में प्रधानमन्त्री या अन्य कोई मन्त्री छः माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं लेकिन उन्हे छः महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा। अगर प्रधानमन्त्री या मन्त्री इस अवधि में संसद के सदस्य बनने में विफल रहते हैं तो उन्हे त्यागपत्र देना पडेगा। लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हर बार छ: माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मन्त्री पद पर आसीन रहे। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यालय का निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री वर्ष २०१४ में निर्वाचित श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा वाराणसी से सांसद हैं। .

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पूर्वी पाकिस्तान

पूर्वी पाकिस्तान(পূর্ব পাকিস্তান,; مشرقی پاکستان,; East Pakistan, ईस्ट पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान की पूर्वी इकाई थी। यह वर्तमान बांग्लादेश के स्थान पर, १९५५ से १९७१ तक विद्यमान था। इसकी राजधनी ढाका थी, एवं राजभाषा बांग्ला थी। पूर्वी पाकिस्तान का कुल भूक्षेत्र, १,४७,५७० वर्ग की•मी• था। यह पूर्व, उत्तर व पश्चिम दिशाओं में भारत से घिरा हुआ था, और दक्षिण की ओर, बंगाल की खाड़ी के तट पर था। साथ ही पूर्व में यह एक छोटी सी सीमा रेखा, बर्मा के साथ साझा करता था। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रंशन में से एक रहा है, और अर्थव्यवस्था, राजनैतिक प्रतिनिधितिव व जनसंख्या के आधार पर, तत्कालीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य था। अंत्यतः, १६ दिसंबर १९७१ को, नौ महीनों तक चले युद्ध के पश्चात्, पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता घोषित कर दी। .

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पूर्वी बंगाल

पूर्वी बंगाल बंग भंग के समय बंगाल के पूर्वी भाग के लिए प्रयुक्त शब्द है। १९४७ में स्वतंत्रता के बाद यह भाग पाकिस्तान का भाग बना और वर्तमान में इसे बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। .

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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)

बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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ब्रिटिश भारत में रियासतें

15 अगस्त 1947 से पूर्व संयुक्त भारत का मानचित्र जिसमें देशी रियासतों के तत्कालीन नाम साफ दिख रहे हैं। ब्रिटिश भारत में रियासतें (अंग्रेजी:Princely states; उच्चारण:"प्रिंस्ली स्टेट्स्") ब्रिटिश राज के दौरान अविभाजित भारत में नाममात्र के स्वायत्त राज्य थे। इन्हें आम बोलचाल की भाषा में "रियासत", "रजवाड़े" या व्यापक अर्थ में देशी रियासत कहते थे। ये ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा सीधे शासित नहीं थे बल्कि भारतीय शासकों द्वारा शासित थे। परन्तु उन भारतीय शासकों पर परोक्ष रूप से ब्रिटिश शासन का ही नियन्त्रण रहता था। सन् 1947 में जब हिन्दुस्तान आज़ाद हुआ तब यहाँ 565 रियासतें थीं। इनमें से अधिकांश रियासतों ने ब्रिटिश सरकार से लोकसेवा प्रदान करने एवं कर (टैक्स) वसूलने का 'ठेका' ले लिया था। कुल 565 में से केवल 21 रियासतों में ही सरकार थी और मैसूर, हैदराबाद तथा कश्मीर नाम की सिर्फ़ 3 रियासतें ही क्षेत्रफल में बड़ी थीं। 15 अगस्त,1947 को ब्रितानियों से मुक्ति मिलने पर इन सभी रियासतों को विभाजित हिन्दुस्तान (भारत अधिराज्य) और विभाजन के बाद बने मुल्क पाकिस्तान में मिला लिया गया। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सार्वभौम सत्ता का अन्त हो जाने पर केन्द्रीय गृह मन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नीति कौशल के कारण हैदराबाद, कश्मीर तथा जूनागढ़ के अतिरिक्त सभी रियासतें शान्तिपूर्वक भारतीय संघ में मिल गयीं। 26 अक्टूबर को कश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण हो जाने पर वहाँ के महाराजा हरी सिंह ने उसे भारतीय संघ में मिला दिया। पाकिस्तान में सम्मिलित होने की घोषणा से जूनागढ़ में विद्रोह हो गया जिसके कारण प्रजा के आवेदन पर राष्ट्रहित में उसे भारत में मिला लिया गया। वहाँ का नवाब पाकिस्तान भाग गया। 1948 में सैनिक कार्रवाई द्वारा हैदराबाद को भी भारत में मिला लिया गया। इस प्रकार हिन्दुस्तान से देशी रियासतों का अन्त हुआ। .

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची

सन १९१९ में भारतीय उपमहाद्वीप की मानचित्र। ब्रितिश साशित क्षेत्र व स्वतन्त्र रियासतों के क्षेत्रों को दरशाया गया है सन १९४७ में स्वतंत्रता और विभाजन से पहले भारतवर्ष में ब्रिटिश शासित क्षेत्र के अलावा भी छोटे-बड़े कुल 565 स्वतन्त्र रियासत हुआ करते थे, जो ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं थे। ये रियासतें भारतीय उपमहाद्वीप के वो क्षेत्र थे, जहाँ पर अंग्रेज़ों का प्रत्यक्ष रूप से शासन नहीं था, बल्कि ये रियासत सन्धि द्वारा ब्रिटिश राज के प्रभुत्व के अधीन थे। इन संधियों के शर्त, हर रियासत के लिये भिन्न थे, परन्तु मूल रूप से हर संधि के तहत रियासतों को विदेश मामले, अन्य रियासतों से रिश्ते व समझौते और सेना व सुरक्षा से संबंधित विषयों पर ब्रिटिशों की अनुमति लेनी होती थी, इन विषयों का प्रभार प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजी शासन पर था और बदले में ब्रिटिश सरकार, शासकों को स्वतन्त्र रूप से शासन करने की अनुमती देती थी। सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता व विभाजन के पश्चात सिक्किम के अलावा अन्य सभी रियासत या तो भारत या पाकिस्तान अधिराज्यों में से किसी एक में शामिल हो गए, या उन पर कब्जा कर लिया गया। नव स्वतंत्र भारत में ब्रिटिश भारत की एजेंसियों को "दूसरी श्रेणी" के राज्यों का दर्जा दिया गया (उदाहरणस्वरूप: "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी", "मध्य भारत राज्य" बन गया)। इन राज्यों के मुखिया को राज्यपाल नहीं राजप्रमुख कहा जाता था। १९५६ तक "राज्य पुनर्गठन अयोग" के सुझाव पर अमल करते हुए भारत सरकार ने राज्यों को पुनर्गठित कर वर्तमान स्थिती में लाया। परिणामस्वरूप सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत के राज्यों में विलीन कर लिया गया। इस तरह रियासतों का अंत हो गया। सन १९६२ में प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासनकाल के दौरान इन रियासतों के शासकों के निजी कोशों को एवं अन्य सभी ग़ैर-लोकतान्त्रिक रियायतों को भी रद्ध कर दिया गया .

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भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ (Indian Independence Act 1947) युनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट द्वारा पारित वह विधान है जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित भारत का दो भागों (भारत तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया। यह अधिनियम को 18 जुलाई 1947 को स्वीकृत हुआ और १५ अगस्त १९४७ को भारत बंट गया। भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 (1947 सी। 30 (10 और 11. जियो। 6.)), यूनाइटेड किंगडम की संसद है कि भारत और पाकिस्तान के दो नए स्वतंत्र उपनिवेश में ब्रिटिश भारत के विभाजन के एक अधिनियम है। अधिनियम 18 जुलाई 1947 को रॉयल स्वीकृति प्राप्त है, और पाकिस्तान में भारतीय स्वतंत्रता के रूप में एक ही समय में 15 अगस्त को अस्तित्व में आया। हालांकि, माउंटबेटन की शक्ति के हस्तांतरण के लिए नई दिल्ली में होने की जरूरत की वजह से पाकिस्तान अपने गठन के एक दिन आगे दोनों घटनाओं में भाग लेने के वायसराय लार्ड माउंटबेटन को सक्षम करने के लिए मनाया 14 अगस्त 1947। विधान प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली और भारत लार्ड माउंटबेटन के गवर्नर जनरल की सरकार द्वारा तैयार की गई थी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों के बाद, मुस्लिम लीग और सिख समुदाय एक समझौते के लिए आया था भारत के वायसराय, बर्मा के लॉर्ड माउंटबेटन, क्या 3 जून योजना या माउंटबेटन योजना के रूप में जाना जा आ गया है पर साथ। इस योजना के स्वतंत्रता के लिए अंतिम योजना थी। अधिनियम के लिए पृष्ठभूमि एटली की घोषणा यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री 20 फरवरी, 1947 को घोषणा की कि: ब्रिटिश सरकार नवीनतम पर जून 1948 तक ब्रिटिश भारत के लिए पूर्ण स्वशासन अनुदान होगा, रियासतों के भविष्य के बाद अंतिम हस्तांतरण की तारीख का फैसला किया है फैसला किया जाएगा। 3 जून योजना यह भी माउंटबेटन योजना के रूप में जाना जाता था। ब्रिटिश सरकार ने कहा कि इन सिद्धांतों को शामिल एक योजना पर 3 की घोषणा जून 1947 का प्रस्ताव: भारत के विभाजन के सिद्धांत ब्रिटिश सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया उत्तराधिकारी सरकारों अधिराज्य का दर्जा दिया जाएगा ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से अलग होना अंतर्निहित अधिकार भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 3 जून योजना का कार्यान्वयन किया गया था।.

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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मोहम्मद अली बोगरा

मुहम्मद अली बोगरा (१९०९-१९६३) पाकिस्तान के तीसरे प्रधानमंत्री थे। .

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मोहम्मद अली जिन्नाह

मोहम्मद अली जिन्ना (उर्दू:, जन्म: 25 दिसम्बर 1876 मृत्यु: 11 सितम्बर 1948) बीसवीं सदी के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे जिन्हें पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। वे मुस्लिम लीग के नेता थे जो आगे चलकर पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने। पाकिस्तान में, उन्हें आधिकारिक रूप से क़ायदे-आज़म यानी महान नेता और बाबा-ए-क़ौम यानी राष्ट्र पिता के नाम से नवाजा जाता है। उनके जन्म दिन पर पाकिस्तान में अवकाश रहता है। भारतीय राजनीति में जिन्ना का उदय 1916 में कांग्रेस के एक नेता के रूप में हुआ था, जिन्होने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर देते हुए मुस्लिम लीग के साथ लखनऊ समझौता करवाया था। वे अखिल भारतीय होम रूल लीग के प्रमुख नेताओं में गिने जाते थे। काकोरी काण्ड के चारो मृत्यु-दण्ड प्राप्त कैदियों की सजायें कम करके आजीवन कारावास (उम्र-कैद) में बदलने हेतु सेण्ट्रल कौन्सिल के ७८ सदस्यों ने तत्कालीन वायसराय व गवर्नर जनरल एडवर्ड फ्रेडरिक लिण्डले वुड को शिमला जाकर हस्ताक्षर युक्त मेमोरियल दिया था जिस पर प्रमुख रूप से पं॰ मदन मोहन मालवीय, मोहम्मद अली जिन्ना, एन॰ सी॰ केलकर, लाला लाजपत राय व गोविन्द वल्लभ पन्त आदि ने हस्ताक्षर किये थे। भारतीय मुसलमानों के प्रति कांग्रेस के उदासीन रवैये को देखते हुए जिन्ना ने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने देश में मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा और स्वशासन के लिए चौदह सूत्रीय संवैधानिक सुधार का प्रस्ताव रखा। लाहौर प्रस्ताव के तहत उन्होंने मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र का लक्ष्य निर्धारित किया। 1946 में ज्यादातर मुस्लिम सीटों पर मुस्लिम लीग की जीत हुई और जिन्ना ने पाकिस्तान की आजादी के लिए त्वरित कार्रवाई का अभियान शुरू किया। कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया के कारण भारत में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई। मुस्लिम लीग और कांग्रेस पार्टी, गठबन्धन की सरकार बनाने में असफल रहे, इसलिए अंग्रेजों ने भारत विभाजन को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान के गवर्नर जनरल के रूप में जिन्ना ने लाखों शरणार्थियो के पुनर्वास के लिए प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने अपने देश की विदेश नीति, सुरक्षा नीति और आर्थिक नीति बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गौरतलब है कि पाकिस्तान और भारत का बटवारा जिन्ना और नेहरू के राजनीतिक लालच की वजह से हुआ है ! .

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याह्या ख़ान

याहया ख़ान जनरल आग़ा मुहम्मद याहया ख़ान क़िज़िलबश (जन्म: ४ फ़रवरी १९१७, मृत्यु: १० अगस्त १९८०) पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह और तीसरे राष्ट्रपति थे। उनका शासन सन् १९६९ में शुरू हुआ और दिसम्बर १९७१ में भारत-पाकिस्तान के दरम्यान लड़े गए बंगलादेश युद्ध के बाद ख़त्म हुआ। वे अयूब ख़ान के शासन से इस्तीफ़ा देने के बाद पाकिस्तान के मुख्य शासक बने थे और उनके बाद ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने शासन की बागडोर संभाली। पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली समुदाय में विद्रोह की भावना को कुचलने के प्रयास में उसे और भी भड़का देने और फिर भारतीय सहायता से बंगलादेश के टूटकर अलग होने जाने के लिए अक्सर याहया ख़ान की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है। .

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रावलपिंडी

पंजाब, पाकिस्तान का एक नगर। श्रेणी:पाकिस्तान के शहर श्रेणी:रावलपिंडी.

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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सिंध

सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .

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संघ (प्रशासन)

हरे रंग में वह राष्ट्र हैं जिनकी प्रशासन प्रणाली संघ पर आधारित है एक संघ या फेडरेशन, (जिसे संघीय राज्य भी कहते हैं), एक राजनीतिक सत्त्व हैं, जो किसी केन्द्रीय (संघीय) सरकार के अंतर्गत आंशिक रूप से स्वशासित राज्यों या क्षेत्रों के संघ (यूनियन) से चिन्हित होता हैं। संघ या फेडरेशन ऐसा राष्ट्र है जिसमें बहुत से स्वराजित राज्य, प्रदेश या देश एक केंद्रीय सरकार के अधीन गठित होते हैं। सोवियत संघ के कुछ राज्यों (जैसे के बेलारूस) को अपनी विदेश नीति चलाने का अधिकार था लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्यों को यह अधिकार नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका के हर राज्य को अपना अलग संविधान, राज्यगान और झंडा रखने का अधिकार है, लेकिन पाकिस्तान के राज्यों को यह अधिकार नहीं है। .

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इस्लामाबाद

इस्लामाबाद की फैज़ल मस्जिद इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है। भारत विभाजन के पश्चात पाकिस्तान को एक राजधानी नगर की आवश्यकता थी। ना तो लाहौर और न ही कराची जैसे नगर इस हेतु सही पाए गए अंतः एक नए नगर की स्थापना का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह से नियोजित हो। इस कार्य हेतु फ़्रांसीसी नगर नियोजक तथा वास्तुकार ली कार्बूजियर की सेवा ली गई। इन्हीं महोदय ने भारत में चंडीगढ़ की स्थापना की योजना बनाई थी। इस कारण ये दोनों नगर देखने में एक जैसे लगते हैं। २००९ के अनुमान अनुसार इस नगर की जनसंख्या ६,७३,७६६ है। .

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कराँची

पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक जिला। श्रेणी:सिंध श्रेणी:पाकिस्तान के ज़िले sv:Lista över Pakistans administrativa distrikt.

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

एक इकाई व्यवस्था और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तुलना

एक इकाई व्यवस्था 43 संबंध है और पश्चिमी पाकिस्तान 38 है। वे आम 28 में है, समानता सूचकांक 34.57% है = 28 / (43 + 38)।

संदर्भ

यह लेख एक इकाई व्यवस्था और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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