ऋष्यमूक और बालि के बीच समानता
ऋष्यमूक और बालि आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दुंदुभि, बृहद्देशी, रामायण, सुग्रीव, वाल्मीकि।
दुंदुभि
दुंदुभि रामायण के किष्किन्धाकाण्ड में एक भैंसा रूपी असुर है। वह माया नाम की असुर का पुत्र तथा मायावी नामक असुर का छोटा भाई बताया गया है। दोनों भाइयों का वध बालि के हाथों हुआ था। .
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बृहद्देशी
बृहद्देशी संगीत से संबन्धित संस्कृत ग्रंथ है। इसके रचयिता मतंग मुनि (६वीं शती) थे। वैदिक, ऋषिप्रोक्त तथा आगम पुराण से प्रवाहित, भारतीय संगीत की त्रिवेणी में सामवेदीय परम्परा से जुड़े आचार्य भरत की शिष्य-प्रशिष्य परम्परा के साथ तत्कालीन संगीत के शास्त्रीय और प्रायोगिक स्वरूप का सर्वांगीण विवेचन करने वाले पाँचवीं-छठी शती के आचार्यो में आचार्य मतंग प्रमुख हैं। समकालीन अन्य परम्पराओं के तुलनात्मक विवेचन में संगीत-शास्त्र के सिद्धान्तों की बृहत चर्चा के साथ मतंग का यह कथन कि जाति-गायन, गीति-गायन, अथवा राग-गायन को नाट्य के विभिन्न अंको में अनेकविध प्रयुक्त करना चाहिये, आज के नाट्य दिग्दर्शकों के लिए विचारणीय बिन्दु हैं। मतंग के समय में प्रचलित प्रबंधों में संस्कृत के अलावा तत्कालीन अन्य भाषाओं में गेय रचनाओं का वर्गीकरण तत्कालीन संगीतज्ञों की लोकाभिमुख दृष्टि का परिचायक है। संगीत के सर्वग्राही स्वरूप का प्रतिपादन शार्ंगदेवकृत संगीतरत्नाकर से पूर्व भी अनेक बार किया गया है। आचार्य मतंग ने अपने ग्रंथ ‘बृहद्देशी' के ‘देशी-उत्पत्ति-प्रकरण' में नाद की व्याख्या करते हुये बताया है कि नाद के बिना कोई संगीत या संगीत सृजन नहीं। .
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रामायण
रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .
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सुग्रीव
सुग्रीव रामायण का एक प्रमुख पात्र है। वह वालि का अनुज है। हनुमान के कारण राम से उसकी मित्रता हुयी। वाल्मीकि रामायण में किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा युद्धकाण्ड में सुग्रीव का वर्णन वानरराज के रूप में किया गया है। जब राम से उसकी मित्रता हुयी तब वह अपने अग्रज वालि के भय से ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान तथा कुछ अन्य वफ़ादार रीछ (ॠक्ष) (जामवंत) तथा वानर सेनापतियों के साथ रह रहा था। लंका पर चढ़ाई के लिए सुग्रीव ने ही वानर तथा ॠक्ष सेना का प्रबन्ध किया था। .
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वाल्मीकि
महर्षि वाल्मीक (संस्कृत: महर्षि वाल्मीक) प्राचीन भारतीय महर्षि हैं। ये आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होने संस्कृत में रामायण की रचना की। उनके द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। रामायण एक महाकाव्य है जो कि श्रीराम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य से, कर्तव्य से, परिचित करवाता है।http://timesofindia.indiatimes.com/india/Maharishi-Valmeki-was-never-a-dacoit-Punjab-Haryana-HC/articleshow/5960417.cms आदिकवि शब्द 'आदि' और 'कवि' के मेल से बना है। 'आदि' का अर्थ होता है 'प्रथम' और 'कवि' का अर्थ होता है 'काव्य का रचयिता'। वाल्मीकि ऋषि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है। प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये। वाल्मीकि एक आदि कवि थे पर उनकी विशेषता यह थी कि वे कोई ब्राह्मण नहीं थे, बल्कि केवट थे।। .
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ऋष्यमूक और बालि के बीच तुलना
ऋष्यमूक 7 संबंध है और बालि 32 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 12.82% है = 5 / (7 + 32)।
संदर्भ
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