लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ऋग्वेद और शौनक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ऋग्वेद और शौनक के बीच अंतर

ऋग्वेद vs. शौनक

ऋग्वेद सनातन धर्म का सबसे आरंभिक स्रोत है। इसमें १०२८ सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं, यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाऔं में एक मानते हैं। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है जिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है। ऋक् संहिता में १० मंडल, बालखिल्य सहित १०२८ सूक्त हैं। वेद मंत्रों के समूह को सूक्त कहा जाता है, जिसमें एकदैवत्व तथा एकार्थ का ही प्रतिपादन रहता है। ऋग्वेद में ही मृत्युनिवारक त्र्यम्बक-मंत्र या मृत्युंजय मन्त्र (७/५९/१२) वर्णित है, ऋग्विधान के अनुसार इस मंत्र के जप के साथ विधिवत व्रत तथा हवन करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु दूर हो कर सब प्रकार का सुख प्राप्त होता है। विश्व-विख्यात गायत्री मन्त्र (ऋ० ३/६२/१०) भी इसी में वर्णित है। ऋग्वेद में अनेक प्रकार के लोकोपयोगी-सूक्त, तत्त्वज्ञान-सूक्त, संस्कार-सुक्त उदाहरणतः रोग निवारक-सूक्त (ऋ०१०/१३७/१-७), श्री सूक्त या लक्ष्मी सूक्त (ऋग्वेद के परिशिष्ट सूक्त के खिलसूक्त में), तत्त्वज्ञान के नासदीय-सूक्त (ऋ० १०/१२९/१-७) तथा हिरण्यगर्भ सूक्त (ऋ०१०/१२१/१-१०) और विवाह आदि के सूक्त (ऋ० १०/८५/१-४७) वर्णित हैं, जिनमें ज्ञान विज्ञान का चरमोत्कर्ष दिखलाई देता है। ऋग्वेद के विषय में कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित है-. शौनक एक संस्कृत वैयाकरण तथा ऋग्वेद प्रतिशाख्य, बृहद्देवता, चरणव्यूह तथा ऋग्वेद की छः अनुक्रमणिकाओं के रचयिता ऋषि हैं। वे कात्यायन और अश्वलायन के के गुरु माने जाते हैं। उन्होने ऋग्वेद की बश्कला और शाकला शाखाओं का एकीकरण किया। विष्णुपुराण के अनुसार शौनक गृतसमद के पुत्र थे। .

ऋग्वेद और शौनक के बीच समानता

ऋग्वेद और शौनक आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सर्वानुक्रमणी, कात्यायन

सर्वानुक्रमणी

वेदराशि की सुरक्षा के लिए तथा मंत्रों की प्राचीन परंपरा को सुव्यवस्थित बनाए रखने के उद्देश्य से प्राचीन महर्षियों ने प्रत्येक वैदिक संहिता के विविध विषयों की क्रमबद्ध अनुक्रमणी (या 'अनुक्रमणिका') बनाई है। संस्कृत वाङ्मय के सूत्रसाहित्य के अंतर्गत छह वेदांगों के अतिरिक्त अनुक्रमणियों का भी समावेश है। ऐसी अनुक्रमाणियाँ अनेक हैं। इनमें वैदिक संहिताओं के सकल सूक्त, उनमें प्रयुक्त पद, प्रत्येक मंत्र के द्रष्टा ऋषि, प्रत्येक ऋचा के छंद और देवता क्रमबद्ध रूप से अनुसूचित हैं। संकलित विषय के अनुसार इनकी पृथक् पृथक् संज्ञाएँ हैं- जैसे.

ऋग्वेद और सर्वानुक्रमणी · शौनक और सर्वानुक्रमणी · और देखें »

कात्यायन

धर्मग्रंथों से जिन कात्यायनों का परिचय मिलता है, उनमें तीन प्रधान हैं-.

ऋग्वेद और कात्यायन · कात्यायन और शौनक · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ऋग्वेद और शौनक के बीच तुलना

ऋग्वेद 32 संबंध है और शौनक 10 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.76% है = 2 / (32 + 10)।

संदर्भ

यह लेख ऋग्वेद और शौनक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »