उस्ताद अली अकबर खां और शास्त्रीय संगीत
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
उस्ताद अली अकबर खां और शास्त्रीय संगीत के बीच अंतर
उस्ताद अली अकबर खां vs. शास्त्रीय संगीत
उस्ताद अली अकबर खां उस्ताद अली अकबर खां (१४ अप्रैल १९२२ - १९ अप्रैल २००९) जाने-माने सरोद वादक एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साधक थे। उस्ताद अली अकबर खान को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था और पिछले पाँच दशकों से उन्होंने दुनिया में भारतीय शास्त्रीय संगीत का झंडा बुलंद रखा था। भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिम में प्रतिष्ठित करने के क्षेत्र में उनका महान योगदान था। . भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही ‘क्लासिकल म्जूजिक’ भी कहते हैं। शास्त्रीय गायन ध्वनि-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व ध्वनि का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)। इसको जहाँ शास्त्रीय संगीत-ध्वनि विषयक साधना के अभ्यस्त कान ही समझ सकते हैं, अनभ्यस्त कान भी शब्दों का अर्थ जानने मात्र से देशी गानों या लोकगीत का सुख ले सकते हैं। इससे अनेक लोग स्वाभाविक ही ऊब भी जाते हैं पर इसके ऊबने का कारण उस संगीतज्ञ की कमजोरी नहीं, लोगों में जानकारी की कमी है। .
उस्ताद अली अकबर खां और शास्त्रीय संगीत के बीच समानता
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उस्ताद अली अकबर खां और शास्त्रीय संगीत के बीच तुलना
उस्ताद अली अकबर खां 6 संबंध है और शास्त्रीय संगीत 21 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.70% है = 1 / (6 + 21)।
संदर्भ
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