उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम के बीच समानता
उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मुहम्मद, राशिदून ख़लीफ़ा, ख़िलाफ़त, अली इब्न अबी तालिब, उमर।
मुहम्मद
हज़रत मुहम्मद (محمد صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم) - "मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब" का जन्म सन ५७० ईसवी में हुआ था। इन्होंने इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया। ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक (अरबी: नबी या रसूल, फ़ारसी: पैग़म्बर) माने जाते हैं जिन को अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश' दिया था। मुसलमान इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं। .
उसमान बिन अफ़्फ़ान और मुहम्मद · मुहम्मद और शिया इस्लाम ·
राशिदून ख़लीफ़ा
खलीफ़ा राशिदून: (خلیفۃ راشدون) - रुष्द व हिदायत पाये खलीफ़ा। सुन्नी मुसलमानों के लिए पैगम्बर मुहम्मद की मृत्यु के बाद, सन् ६३२ से लकर सन् ६६१ के मध्य के खलीफ़ा (प्रधानों) को राशिदून या अल खलीफ़ उर्र-राशिदून (सही दिशा में चलते हुए) कहते हैं। कार्यकाल के अनुसार ये चार खलीफ़ा हैं। (इब्न माजा, अबी दाऊद).
उसमान बिन अफ़्फ़ान और राशिदून ख़लीफ़ा · राशिदून ख़लीफ़ा और शिया इस्लाम ·
ख़िलाफ़त
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। .
उसमान बिन अफ़्फ़ान और ख़िलाफ़त · ख़िलाफ़त और शिया इस्लाम ·
अली इब्न अबी तालिब
अली इब्ने अबी तालिब (अरबी: علی ابن ابی طالب) का जन्म 17 मार्च 600 (13 रजब 24 हिजरी पूर्व) मुसलमानों के तीर्थ स्थल काबा के अन्दर हुआ था। वे पैगम्बर मुहम्मद (स.) के चचाजाद भाई और दामाद थे और उनका चर्चित नाम हज़रत अली है। वे मुसलमानों के खलीफा के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 656 से 661 तक राशिदून ख़िलाफ़त के चौथे ख़लीफ़ा के रूप में शासन किया, और शिया इस्लाम के अनुसार वे632 to 661 तक पहले इमाम थे। इसके अतिरिक्त उन्हें पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है। उन्होंने वैज्ञानिक जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से आम आदमी तक पहुँचाया था। .
अली इब्न अबी तालिब और उसमान बिन अफ़्फ़ान · अली इब्न अबी तालिब और शिया इस्लाम ·
उमर
हजरत उमर इब्न अल-ख़त्ताब (अरबी में عمر بن الخطّاب), ई. (586–590 – 644) मुहम्मद साहब के प्रमुख चार सहाबा (साथियों) में से थे। वह हज़रत अबु बक्र के बाद मुसलमानों के दूसरे खलीफा चुने गये। मुहम्मद साहब ने फारूक नाम की उपाधि दी थी। जिसका अर्थ सत्य और असत्य में फर्क करने वाला। मुहम्मद साहब के अनुयाईयों में इनका रुतबा हज़रत अबू बक्र के बाद आता है। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में दूसरे ख़लीफा चुने गए। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में सबसे सफल ख़लीफा साबित हुए। मुसलमान इनको फारूक-ए-आज़म तथा अमीरुल मुमिनीन भी कहते हैं। युरोपीय लेखकों ने इनके बारे में कई किताबें लिखी हैं तथा उमर महान (Umar The Great) की उपाधी दी है। प्रसिद्ध लेखक माइकल एच.
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम लगती में
- यह आम उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम में है क्या
- उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम के बीच समानता
उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम के बीच तुलना
उसमान बिन अफ़्फ़ान 16 संबंध है और शिया इस्लाम 38 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 9.26% है = 5 / (16 + 38)।
संदर्भ
यह लेख उसमान बिन अफ़्फ़ान और शिया इस्लाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: