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उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के बीच अंतर

उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा vs. स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध

उशिकु दायबुत्सु जापान के उशिकु शहर में स्थित भगवान गौतम बुद्ध की यह विशालकाय मूर्ति 1993 में बनाई गई थी। उशिकु दायबुत्सु नाम से पहचानी जाने वाली इस मूर्ति की ऊंचाई 120 मीटर (390 फ़ुट) है। यह मुर्ति 10 मीटर (33 फ़ुट) आधार और 10 मीटर कमलमंच पर सामील है। यह दुनिया में शीर्ष तीन सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। एक लिफ्ट आगंतुकों को 85 मी (279 फ़ुट) एक अवलोकन मंजिल तक ले जाता है। इस प्रतिमा में अमिताभ बुद्ध को दर्शाया गया है और यह पीतल से बनी है। यह भी उशुकी अर्काडिया (अमिदा की चमक और करुणा असल में विकास और रोशन क्षेत्र) के रूप में जाना जाता है। यह शिनरन, बौद्ध धर्म के जुडो शिन्शु (浄土 真宗) या "सत्य पवित्र भूमि सम्प्रदाय" के संस्थापक के जन्म के उपलक्ष्य में बनाया गया था। . स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध (तथा), वैरोचन बुद्ध की एक सबसे विशालकाय बुद्ध प्रतिमा है, जो कि हेनान के जाओकुन कस्बे (लुशान काउन्टी) में, चीन में स्थित है। यह फ़ोदुशान सीनिक एरिया में, नेश्नल फ़्रीवे नम्बर ३११ में स्थित है। यह बुद्ध मूर्ती १२८ मीटर (४२० फुट) ऊँची है जिसमें कि २० मीटर (६६ फुट) ऊँचा कमल-सिंहासन भी शामिल है, तथा यह संसार की सबसे ऊँची प्रतिमा है। यदि इसके २५ मीटर (८२ फुट) ऊँचे आधार/भवन को भी गिन लिया जाये तो इसकी कुल ऊँचाई १५३ मीटर (५५२ फुट) हो जाती है। अक्टूबर २००८ की स्थिति के अनुसार इसके आधार को नई शक्ल दी जा चूँकी है और अब इसकी ऊँचाई २०८ मीटर (६८२ फुट) हो गई है। इस प्रतिमा के नीचे बौद्ध मठ - विहार है। स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के निर्माण की योजना की घोषणा अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान द्वारा बामियान के बुद्ध प्रतिमाओं के ध्वंस के तुरंत बाद की गयी थी। चीन ने अफ़ग़ानिस्तान में बौद्ध धरोहर के योजनाबद्ध विनाश की भर्त्सना की थी। .

उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के बीच समानता

उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चीन, लेशान के विशाल बुद्ध, गौतम बुद्ध, कमल

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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लेशान के विशाल बुद्ध

लेशान के विशाल बुद्ध (सरलीकृत चीनी: 乐山 大佛, पारंपरिक चीनी: 乐山 大佛) तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान बनाई गयी गौतम बुद्ध की ऊँची विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा को लाल बलुआ पत्थर की चट्टान एमी पर्वत को तराश कर बनाया गया है। यह चीन के दक्षिण में स्थित सिचुआन प्रांत के शहर लेशान में मिनजियांग, दादु और किंग्यी नदी के संगम पर स्थित है। यह दुनिया में सबसे ऊँची पत्थर की प्रतिमा है और इसके निर्माण के समय तो यह दुनिया में बुद्ध की सबसे ऊँची मूर्ति थी। लेशान की विशाल बुद्ध प्रतिमा सन 1996 के बाद से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है। सन 2008 में सिचुआन में आये भूकंप से यह क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। .

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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कमल

'''कमल''' - यही भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी है। कमल (वानस्पतिक नाम:नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा (Nelumbian nucifera)) वनस्पति जगत का एक पौधा है जिसमें बड़े और सुन्दर फूल खिलते हैं। यह भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। संस्कृत में इसके नाम हैं - कमल, पद्म, पंकज, पंकरुह, सरसिज, सरोज, सरोरुह, सरसीरुह, जलज, जलजात, नीरज, वारिज, अंभोरुह, अंबुज, अंभोज, अब्ज, अरविंद, नलिन, उत्पल, पुंडरीक, तामरस, इंदीवर, कुवलय, वनज आदि आदि। फारसी में कमल को 'नीलोफ़र' कहते हैं और अंग्रेजी में इंडियन लोटस या सैक्रेड लोटस, चाइनीज़ वाटर-लिली, ईजिप्शियन या पाइथागोरियन बीन। कमल का पौधा (कमलिनी, नलिनी, पद्मिनी) पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है। कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है और पत्ते लगभग गोल, ढाल जैसे, होते हैं। पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से एक तरह का रेशा निकाला जाता है जिससे मंदिरों के दीपों की बत्तियाँ बनाई जाती हैं। कहते हैं, इस रेशे से तैयार किया हुआ कपड़ा पहनने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं। कमल के तने लंबे, सीधे और खोखले होते हैं तथा पानी के नीचे कीचड़ में चारों ओर फैलते हैं। तनों की गाँठों पर से जड़ें निकलती हैं। .

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उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के बीच तुलना

उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा 10 संबंध है और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध 15 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 16.00% है = 4 / (10 + 15)।

संदर्भ

यह लेख उशिकु दायबुत्सु बुद्ध प्रतिमा और स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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