लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

उर्दू शायरों की सूची

सूची उर्दू शायरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

89 संबंधों: तरन्नुम रियाज़, तालिब चकवाली, नरेश कुमार शाद, नासिर काज़मी, निदा फ़ाज़ली, नज़ीर अकबराबादी, नवाब मिर्ज़ा खान दाग़, परवीन शाकिर, पंडित प्रेम बरेलवी, प्रेम वार बर्टनी, फ़हमीदा रियाज़, फ़ानी बदायूँनी, फ़िराक़ गोरखपुरी, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, बशीर बद्र, बेखुद बदायूँनी, भूपेंद्र नाथ कौशिक, महाराजा चंदू लाल, मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जाना, मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा, मिर्ज़ा ग़ालिब, मज़हर इमाम, मुनव्वर राना, मुहम्मद इक़बाल, मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह, मेला राम वफ़ा, मोमिन, मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़, मोहसिन ज़ैदी, मीर तक़ी "मीर", मीर बाबर अली अनीस, मीरा बाई, यगाना चंगेज़ी, युसुफ हुसैन खान, रतन पंडोरवी, राहत इन्दौरी, राज़ चांदपुरी, राजेंद्र नाथ रहबर, शफ़ी बहराइची, शबनम रोमानी, शबनम शकील, शाह मुबारक आबरू, शाहिदा हसन, शकील बदायूँनी, शीन काफ़ निज़ाम, सफ़ी लखनवी, सलीम कौसर, सिराज उद-दिन-अली ख़ान, सज्जाद ज़हीर, सईद अहमद अख़्तर, ..., सुरूर बाराबंकवी, सुलेमान अरीब, सीमाब अकबराबादी, हरबंस भल्ला, हसन आबिदी, हसरत जयपुरी, हामिद उल्लाह अफसर, हाकिम नासिर, हाकिम अहमद शुजा, हिमायत अली शाएर, हैदर क़ुरैशी, जमीलुद्दीन आली, जयंत परमार, जाँनिसार अख्तर, जावेद जाँनिसार अख्तर, जिगर मुरादाबादी, जॉन एलिया, वली मोहम्मद वली, वसीम बरेलवी, वहीद अख़्तर, ख़्वाजा मीर दर्द, ग़ुलाम अहमद फ़रोगी, गुलज़ार (गीतकार), आनंद नारायण मुल्ला, आग़ा हश्र कश्मीरी, आगाह बिस्मिल, इंशा अल्ला खाँ, कृष्ण कुमार तूर, कैफ़ भोपाली, कैफ़ी आज़मी, अफज़ल अहमद सैयद, अभिषेक कुमार अम्बर, अमजद हैदराबादी, अमीर मीनाई, अमीर ख़ुसरो, अल्ताफ हुसैन हाली, अहमद फ़राज़, अख़्तर-उल-ईमान, अक़बर इलाहाबादी सूचकांक विस्तार (39 अधिक) »

तरन्नुम रियाज़

तरन्नुम रियाज़ उर्दू की प्रसिद्ध शायरा तथा लेखिका हैं। इनका जन्म कश्मीर में हुआ।भादों के चाँद तले, मेरा रखते सफ़र, पुरानी किताबों की खुशबू आदि इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और तरन्नुम रियाज़ · और देखें »

तालिब चकवाली

तालिब चकवाली उर्दू के प्रसिद्ध शायर हैं इनका जन्म 1900 में चकवाल में हुआ। अनवर-ए-हक़ीक़त, मोर पंख आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 1988 में दिल्ली में हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और तालिब चकवाली · और देखें »

नरेश कुमार शाद

नरेश कुमार शाद उर्दू के प्रसिद्ध शायर थे इनका जन्म 11 दिसंबर 1927 को होशियारपुर में हुआ। यह जोश मलसियानी के शागिर्द थे। ललकार, दस्तक, शादनामा आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 1969 को दिल्ली में हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और नरेश कुमार शाद · और देखें »

नासिर काज़मी

नासिर काज़मी उर्दू के एक मशहूर शायर हैं इनका जन्म 8 दिसंबर 1925 को पंजाब में हुआ। बाद में यह पाकिस्तान जाकर बस गए। बंग-ए-नौ, पहली बारिश आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 2 मार्च 1972 को हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और नासिर काज़मी · और देखें »

निदा फ़ाज़ली

मुक़्तदा हसन निदा फ़ाज़ली या मात्र निदा फ़ाज़ली (ندا فاضلی.) हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे इनका निधन ०८ फ़रवरी २०१६ को मुम्बई में निधन हो गया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और निदा फ़ाज़ली · और देखें »

नज़ीर अकबराबादी

नज़ीर अकबराबादी (1735-1830) नज़ीर अकबराबादी (१७३५–१८३०) १८वीं शदी के भारतीय शायर थे जिन्हें "नज़्म का पिता" कहा जाता है। उन्होंने कई ग़ज़लें लिखी, उनकी सबसे प्रसिद्ध व्यंग्यात्मक ग़ज़ल बंजारानामा है। नज़ीर आम लोगों के कवि थे। उन्होंने आम जीवन, ऋतुओं, त्योहारों, फलों, सब्जियों आदि विषयों पर लिखा। वह धर्म-निरपेक्षता के ज्वलंत उदाहरण हैं। कहा जाता है कि उन्होंने लगभग दो लाख रचनायें लिखीं। परन्तु उनकी छह हज़ार के करीब रचनायें मिलती हैं और इन में से ६०० के करीब ग़ज़लें हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और नज़ीर अकबराबादी · और देखें »

नवाब मिर्ज़ा खान दाग़

नवाब मिर्जा खाँ 'दाग़', उर्दू के प्रसिद्ध कवि थे। इनका जन्म सन् 1831 में दिल्ली में हुआ। इनके पिता शम्सुद्दीन खाँ नवाब लोहारू के भाई थे। जब दाग़ पाँच-छह वर्ष के थे तभी इनके पिता मर गए। इनकी माता ने बहादुर शाह "ज़फर" के पुत्र मिर्जा फखरू से विवाह कर लिया, तब यह भी दिल्ली में लाल किले में रहने लगे। यहाँ दाग़ को हर प्रकार की अच्छी शिक्षा मिली। यहाँ ये कविता करने लगे और जौक़ को गुरु बनाया। सन् 1856 में मिर्जा फखरू की मृत्यु हो गई और दूसरे ही वर्ष बलवा आरंभ हो गया, जिससे यह रामपुर चले गए। वहाँ युवराज नवाब कल्ब अली खाँ के आश्रय में रहने लगे। सन् 1887 ई. में नवाब की मृत्यु हो जाने पर ये रामपुर से दिल्ली चले आए। घूमते हुए दूसरे वर्ष हैदराबाद पहुँचे। पुन: निमंत्रित हो सन् 1890 ई. में दाग़ हैदराबाद गए और निज़ाम के कविता गुरु नियत हो गए। इन्हें यहाँ धन तथा सम्मान दोनों मिला और यहीं सन् 1905 ई. में फालिज से इनकी मृत्यु हुई। दाग़ शीलवान, विनम्र, विनोदी तथा स्पष्टवादी थे और सबसे प्रेमपूर्वक व्यवहार करते थे। गुलजारे-दाग़, आफ्ताबे-दाग़, माहताबे-दाग़ तथा यादगारे-दाग़ इनके चार दीवान हैं, जो सभी प्रकाशित हो चुके हैं। 'फरियादे-दाग़', इनकी एक मसनवी (खंडकाव्य) है। इनकी शैली सरलता और सुगमता के कारण विशेष लोकप्रिय हुई। भाषा की स्वच्छता तथा प्रसाद गुण होने से इनकी कविता अधिक प्रचलित हुई पर इसका एक कारण यह भी है कि इनकी कविता कुछ सुरुचिपूर्ण भी है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और नवाब मिर्ज़ा खान दाग़ · और देखें »

परवीन शाकिर

सैयदा परवीन शाकिर (उर्दू: پروین شاکر नवंबर 1952 – 26 दिसंबर 1994), एक उर्दू कवयित्री, शिक्षक और पाकिस्तान की सरकार की सिविल सेवा में एक अधिकारी थीं। इनकी प्रमुख कृतियाँ खुली आँखों में सपना, ख़ुशबू, सदबर्ग, इन्कार, रहमतों की बारिश, ख़ुद-कलामी, इंकार(१९९०), माह-ए-तमाम (१९९४) आदि हैं।वे उर्दू शायरी में एक युग का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनकी शायरी का केन्द्रबिंदु स्त्री रहा है। फ़हमीदा रियाज़ के अनुसार ये पाकिस्तान की उन कवयित्रियों में से एक हैं जिनके शेरों में लोकगीत की सादगी और लय भी है और क्लासिकी संगीत की नफ़ासत भी और नज़ाकत भी। उनकी नज़्में और ग़ज़लें भोलेपन और सॉफ़िस्टीकेशन का दिलआवेज़ संगम है। पाकिस्तान की इस मशहूर शायरा के बारे में कहा जाता है, कि जब उन्होंने 1982 में सेंट्रल सुपीरयर सर्विस की लिखित परीक्षा दी तो उस परीक्षा में उन्हीं पर एक सवाल पूछा गया था जिसे देखकर वह आत्मविभोर हूँ गयी थी। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और परवीन शाकिर · और देखें »

पंडित प्रेम बरेलवी

अब तक पंडित प्रेम बरेलवी  : ग़ज़लों के अलावा कविता, गीत, छंद, दोहे भी लिखे। देश के कई राज्यों में मुशायरों एवं कवि सम्मेलनों में शायर के रूप में ग़ज़ल/कविता पाठ। 17 साल की अवस्था में आकाशवाणी के बरेली केंद्र से प्रसारित कविता पाठ के कार्यक्रम युवा मंच से दो बार सम्मानित। जिला स्तर पर 20 वर्ष की अवस्था में मैथिली शरण गुप्त सम्मान। कॉलेज में सम्मान। कई प्रदेशों में मंच से सम्मानित। आकाशवाणी नई दिल्ली के युव वाणी पर स्क्रिप्ट राइटर, उद्घोषक एवं शायर के रूप में दर्जनों कार्यक्रमों में अग्रणी भागीदारी, कई कार्यक्रमों का संचालन। आकाशवाणी, दिल्ली के एआईआर एफएम के उर्दू सर्विस चैनल से दर्जनों बार मुशायरों में ग़ज़ल पाठ, कार्यक्रमों की प्रस्तुति। प्रसार भारती के नेशनल रेडियो चैनल से ग़ज़ल पाठ। देश के मशहूर साहित्यकार स्व.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और पंडित प्रेम बरेलवी · और देखें »

प्रेम वार बर्टनी

प्रेम वार बर्टनी एक प्रसिद्ध उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार हैं। इनका जन्म 9 नवंबर 1930को हुआ। इन्होंने बॉलीवुड में 26 फिल्मों में गीत लिखे। इनकी मृत्यु सन 10 अक्टूबर 1979 को हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और प्रेम वार बर्टनी · और देखें »

फ़हमीदा रियाज़

फ़हमीदा रियाज़ उर्दू की प्रमुख शायरा एवं लेखिका हैं इनका जन्म28 जुलाई 1946 को मेरठ में हुआ। बाद में इनका परिवार पाकिस्तान जाकर बस गया। गोदावरी, ख़त-ए-मरमुज़ इनके प्रमुख संग्रह हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और फ़हमीदा रियाज़ · और देखें »

फ़ानी बदायूँनी

फ़ानी बदायूनी उर्दू के एक प्रमुख शायर हैं इनका जन्म 13 सितम्बर 1879 को इस्लामनगर बदायूं में हुआ। बाक़ियाते फ़ानी (1926), वजदानियात (1940) इनके प्रमुख संग्रह हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और फ़ानी बदायूँनी · और देखें »

फ़िराक़ गोरखपुरी

फिराक गोरखपुरी (मूल नाम रघुपति सहाय) (२८ अगस्त १८९६ - ३ मार्च १९८२) उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्षा अरबी, फारसी और अंग्रेजी में हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और फ़िराक़ गोरखपुरी · और देखें »

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कोई विवरण नहीं।

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ · और देखें »

बशीर बद्र

डॉ॰ बशीर बद्र (जन्म १५ फ़रवरी १९३६) को उर्दू का वह शायर माना जाता है जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फतेह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। साहित्य और नाटक आकेदमी में किए गये योगदानो के लिए उन्हें १९९९ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इनका पूरा नाम सैयद मोहम्मद बशीर है। भोपाल से ताल्लुकात रखने वाले बशीर बद्र का जन्म कानपुर में हुआ था। आज के मशहूर शायर और गीतकार नुसरत बद्र इनके सुपुत्र हैं। डॉ॰ बशीर बद्र 56 साल से हिन्दी और उर्दू में देश के सबसे मशहूर शायर हैं। दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा मुल्कों में मुशायरे में शिरकत कर चुके हैं। बशीर बद्र आम आदमी के शायर हैं। ज़िंदगी की आम बातों को बेहद ख़ूबसूरती और सलीके से अपनी ग़ज़लों में कह जाना बशीर बद्र साहब की ख़ासियत है। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को एक नया लहजा दिया। यही वजह है कि उन्होंने श्रोता और पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और बशीर बद्र · और देखें »

बेखुद बदायूँनी

मुहम्मद अब्दुल हई सिद्दीकी (उर्दू/अरबी: محمّد عبدالحي صدیقی, प्रचलित नाम:बेखुद बदायूँनी, उर्दू/फ़ारसी: بےخود بدایونی) उनीसवीं और बीसवीं सदी के एक प्रमुख भारतीय उर्दू शायर थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और बेखुद बदायूँनी · और देखें »

भूपेंद्र नाथ कौशिक

व्यंग्यकार भूपेंद्र नाथ कौशिक "फ़िक्र" (७ जुलाई, १९२५-२७ अक्टूबर,२००७) आधुनिक काल के सशक्त व्यंग्यकार थे, उनकी कविता में बाज़ारवाद और कोरे हुल्लड़ के खिलाफ रोष बहुलता से मिलता है। हिमांचल प्रदेश के खुबसूरत इलाके "नाहन" में जन्मे फ़िक्र साहब के पिता का नाम पंडित अमरनाथ था और माता का नाम लीलावती था, पिताजी संगीत और अरबी भाषा की प्रकांड विद्वान थे। आध्यात्म के संस्कार फ़िक्र को बचपन में शैख़ सादी की फारसी हिकायत "गुलिस्तान" से मिले। प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत और फारसी में हुयी। उच्च शिक्षा के लिए फ़िक्र जी अम्बाला छावनी आ गए। और यहाँ के राजकीय कॉलेज से अरबी, फारसी, उर्दू और अंग्रेजी की शिक्षा ली। नौकरी की तलाश में जबलपुर आना पड़ा, यहाँ आकर, बी.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और भूपेंद्र नाथ कौशिक · और देखें »

महाराजा चंदू लाल

महाराजा चंदू लाल उर्दू के प्रमुख शायर हैं इनका जन्म 1766 में हुआ।यह नवाब सिकंदर जहाँ के समय में हैदराबाद के प्रधानमंत्री रहे। इनकी मृत्यु 15 अप्रैल 1845 को हुई। श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और महाराजा चंदू लाल · और देखें »

मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जाना

मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जाना उर्दू के एक प्रमुख कवि हैं इन्हें उर्दू शायरी के चार आधार स्तम्भ में से एक माना जाता है। इनका जन्म 16 मार्च 1699 को हुआ। इनकी मृत्यु 6 जनवरी को हुई। श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जाना · और देखें »

मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा

सन् १८७२ में छपा सौदा की कुल्लियात का अंग्रेज़ी अनुवाद मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी 'सौदा' (उर्दू:, १७१३–१७८१) देहली के एक प्रसिद्ध शायर थे। वे अपनी ग़ज़लों और क़सीदों के लिए जाने जाते हैं। ये मीर के समकालीन थे इसलिए इनकी तुलना भी अक्सर मीर से होती है। मीर जहाँ ग़ज़लों के लिए आधुनिक उर्दू के उस्ताद माने गए हैं (ख़ासकर दिल्ली-लखनऊ के इलाक़े में), सौदा को ग़ज़लों में वो स्थान नहीं मिल पाया । हाँलांकि सौदा ने मसनवी, क़सीदे, मर्सिया तर्जीहबन्द, मुख़म्मस, रुबाई, क़ता और हिजो तक लिखा है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा · और देखें »

मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” (२७ दिसंबर १७९६ – १५ फरवरी १८६९) उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है। यद्दपि इससे पहले के वर्षो में मीर तक़ी "मीर" भी इसी वजह से जाने जाता है। ग़ालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है। ग़ालिब को भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हे दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला का खिताब मिला। ग़ालिब (और असद) नाम से लिखने वाले मिर्ज़ा मुग़ल काल के आख़िरी शासक बहादुर शाह ज़फ़र के दरबारी कवि भी रहे थे। आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों को लिए याद किया जाता है। उन्होने अपने बारे में स्वयं लिखा था कि दुनिया में यूं तो बहुत से अच्छे कवि-शायर हैं, लेकिन उनकी शैली सबसे निराली है: “हैं और भी दुनिया में सुख़न्वर बहुत अच्छे कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़-ए बयां और” .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मिर्ज़ा ग़ालिब · और देखें »

मज़हर इमाम

मजहर इमाम (1928 - 2012), वर्ष 1928 में बिहार के दरभंगा जिले में पैदा हुए, जो उर्दू के कवि, शायर और आलोचक थे। वे मगध विश्वविद्यालय से उर्दू और बिहार विश्वविद्यालय से फारसी में एमए की डिग्री प्राप्त करने के बाद, 1951 में कलकत्ता दैनिक समाचार पत्र से जुड़े और उसके बाद 1958 में ऑल इंडिया रेडियो में शामिल होने से पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम किया। ऑल इंडिया रेडियो में वे तीन दशकों तक अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1988 में वे दूरदर्शन, श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने उर्दू शायरी के चार संस्करणों सहित तेरह पुस्तकें लिखी थी, जिसमें प्रमुख है ज़ख्म ई तमन्ना (1962), रिश्ता गूंगे सफ़र का (1974), पिछले मौसम का फूल (1988) और बंद होता बाज़ार आदि। 1994 में उन्हें उनकी पुस्तक, 'पिछले मौसम का फूल' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। वे उर्दू शायरी में आजाद ग़ज़ल विधा के सूत्रपात हेतु जाने जाते हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मज़हर इमाम · और देखें »

मुनव्वर राना

मुनव्वर राना (जन्म: 26 नवंबर 1952, रायबरेली, उत्तर प्रदेश) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे लखनऊ में रहते हैं। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं। उनके लेखन की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचनाओं का ऊर्दू के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मुनव्वर राना · और देखें »

मुहम्मद इक़बाल

मुहम्मद इक़बाल (محمد اقبال) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938) अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सिआलकोट आ गए। इनकी प्रमुख रचनाएं हैं: असरार-ए-ख़ुदी, रुमुज़-ए-बेख़ुदी और बंग-ए-दारा, जिसमें देशभक्तिपूर्ण तराना-ए-हिन्द (सारे जहाँ से अच्छा) शामिल है। फ़ारसी में लिखी इनकी शायरी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ इन्हें इक़बाल-ए-लाहौर कहा जाता है। इन्होंने इस्लाम के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफ़ी लिखा है। इकबाल पाकिस्तान का जनक बन गए क्योंकि वह "पंजाब, उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को मिलाकर एक राज्य बनाने की अपील करने वाले पहले व्यक्ति थे", इंडियन मुस्लिम लीग के २१ वें सत्र में,उनके अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया था जो २९ दिसंबर,१९३० को इलाहाबाद में आयोजित की गई थी। भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था। 1930 में इन्हीं के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने सबसे पहले भारत के विभाजन की माँग उठाई। इसके बाद इन्होंने जिन्ना को भी मुस्लिम लीग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उनके साथ पाकिस्तान की स्थापना के लिए काम किया। इन्हें पाकिस्तान में राष्ट्रकवि माना जाता है। इन्हें अलामा इक़बाल (विद्वान इक़बाल), मुफ्फकिर-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान का विचारक), शायर-ए-मशरीक़ (पूरब का शायर) और हकीम-उल-उम्मत (उम्मा का विद्वान) भी कहा जाता है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मुहम्मद इक़बाल · और देखें »

मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह

मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह (1580–1612 CE) (محمد قلی قطب شاہ.) गोलकोंडा के क़ुतुब शाही वंश के पांचवें सुल्तान थे। इनहों ने हैदराबाद शहर की नींव रखी और चार मिनारा का भी निर्माण करवाया। वह एक सक्षम प्रशासक थे और उनके शासन को कुतुब शाही राजवंश के उच्च दौर में से एक माना जाता है। वह 1580 में 15 साल की उम्र में सिंहासन पर बैठे और 31 साल तक शासन किया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मुहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह · और देखें »

मेला राम वफ़ा

पं० मेला राम वफ़ा का जन्म सयुंक्त पंजाब के जिले सियालकोट से 22 किलोमीटर दूर गाँव दीपोके में 26 जनवरी 1895 को हुआ। इनके पिता का नाम पं.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मेला राम वफ़ा · और देखें »

मोमिन

मुहम्मद मोमिन खाँ (1800-1851) भारत के उर्दू कवि थे। उन्होने गजलें लिखीं हैं। कश्मीरी थे पर वे दिल्ली में आ बसे थे। उस समय शाह आलम बादशाह थे और इनके पितामह शाही हकीमों में नियत हो गए। अँग्रेजी राज्य में पेंशन मिलने लगा, जो मोमिस को भी मिलती थी। इनका जन्म दिल्ली में सन्‌ 1800 ई. में हुआ। फारसी -अरबी की शिक्षा ग्रहण कर हकीमी और मजूम में अच्छी योग्यता प्राप्त कर ली। छोटेपन ही से यह कविता करने लगे। तारीख कहने में यह बड़े निपुण थे। अपनी मृत्यु की तारीख इन्होंने कही थी-दस्तों बाजू बशिकस्त। इससे सन्‌ 1852 ई. निकलता है और इसी वर्ष यह कोठे से गिरकर मर गए। इनमें अहंकार की मात्रा अधिक थी, इसी से जब राजा कपूरथला ने इन्हें तीन सौ रुपए मासिक पर अपने यहाँ बुलाया तब यह केवल इस कारण वहाँ नहीं गए कि उतना ही वेतन एक गवैए को भी मिलता था। मोमिन बड़े सुंदर, प्रेमी, मनमौजी तथा शौकीन प्रकृति के थे। सुंदर वस्त्रों तथा सुगंध से प्रेम था। इनकी कविता में इनकी इस प्रकृति तथा सौंदर्य का प्रभाव लक्षित होता है। इसमें तत्सामयिक दिल्ली का रंग तथा विशेषताएँ भी हैं अर्थात्‌ इसमें अत्यंत सरल, रंगीन शेर भी हैं और क्लिष्ट उलझे हुए भी। इनकी गजलें भी लोकप्रिय हुई। इन्होंने बहुत से अच्छे वासोख्त भी लिखे हैं। वासोख्त लंबी कविता होत है जिसमें प्रेमी अपने प्रेमिका की निन्दा और शिकायत बड़े कठोर शब्दों में करता है। श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मोमिन · और देखें »

मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़

मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़ (1789-1854) उर्दू अदब के एक मशहूर शायर थे। इनका असली नाम शेख़ इब्राहिम था। ग़ालिब के समकालीन शायरों में ज़ौक़ बहुत ऊपर का दर्जा रखते हैं। उनका जन्म 1789 में शेख़ मुहम्मद रमज़ान के घर हुआ। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़ · और देखें »

मोहसिन ज़ैदी

मोहसिन ज़ैदी एक प्रसिद्ध शायर हैं इनका जन्म 10 जुलाई 1935 को बहराइच में हुआ। 15 साल की उम्र में शायरी का शौक़ लगा। शह्र-ए-दिल, बाब-ए-सुख़न आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 3 सितम्बर 2003 को लखनऊ में हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मोहसिन ज़ैदी · और देखें »

मीर तक़ी "मीर"

ख़ुदा-ए-सुखन मोहम्मद तकी उर्फ मीर तकी "मीर" (1723 - 20 सितम्बर 1810) उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। मीर को उर्दू के उस प्रचलन के लिए याद किया जाता है जिसमें फ़ारसी और हिन्दुस्तानी के शब्दों का अच्छा मिश्रण और सामंजस्य हो। अहमद शाह अब्दाली और नादिरशाह के हमलों से कटी-फटी दिल्ली को मीर तक़ी मीर ने अपनी आँखों से देखा था। इस त्रासदी की व्यथा उनकी रचनाओं मे दिखती है। अपनी ग़ज़लों के बारे में एक जगह उन्होने कहा था- हमको शायर न कहो मीर कि साहिब हमने दर्दो ग़म कितने किए जमा तो दीवान किया .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मीर तक़ी "मीर" · और देखें »

मीर बाबर अली अनीस

मीर बबर अली अनीस (उर्दू:میر ببر علی انیس) वर्ष १९०३ में उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद, अवध में जन्मे एक उर्दू शायर थे जिनका वर्ष १८७४ में लखनऊ, उत्तर पश्चिमी प्रान्त में निधन हो गया। अनीस ने फ़ारसी, हिन्दी, अरबी और संस्कृत शब्दों को अपनी शायरी में काम में लिया। अनीस ने दीर्घ मर्सियाँ लिखी जो उस समय में प्रचलित थी लेकिन वर्तमान में धार्मिक समारोहों में भी उनके चयनित भागों का ही उच्चारण किया जाता है। उनका हिज़री सवंत् के १२९१ वें वर्ष में निधन हुआ जो ईसवी संवत् के १८७४ के तुल्य है। डॉ फ़रहत नादिर रिज़वी अपनी पुस्तक "मीर अनीस और क़िस्सागोई का फ़न" में लिखती हैं कि कर्बला के सच्चे ऐतिहासिक घटनाक्रम के वाचक होने के कारण मीर अनीस अपनी कल्पना के भरपूर प्रयोग में पूरे तौर पर स्वतंत्र ना होने के बावजूद अपने मरसियों में एक कुशल कथा वाचक की तरह कथा के सभी आवश्यक तत्वों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं और कभी-कभी तो वह एक कुशल कथावाचक की हैसियत से अपने मरसियों को दास्तान व मसनवी से भी उच्च स्तर तक पहुंचाते प्रतीत होते हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मीर बाबर अली अनीस · और देखें »

मीरा बाई

राजा रवि वर्मा द्वारा बनाया गया मीराबाई का चित्र मीराबाई (१५०४-१५५८) कृष्ण-भक्ति शाखा की प्रमुख कवयित्री हैं। उनकी कविताओं में स्त्री पराधीनता के प्रती एक गहरी टीस है, जो भक्ति के रंग में रंग कर और गहरी हो गयी है। मीरा बाई ने कृष्ण-भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और मीरा बाई · और देखें »

यगाना चंगेज़ी

मिर्ज़ा यास यगाना चंगेज़ी (1884-1956) का जन्म पटना बिहार में हुआ। ये उर्दू के प्रसिद्ध शायर थे। ये चंगेज़ खाँ के वंसज थे। इन्होंने शायरी का फ़न शाद अज़ीमाबादी से सीखा। इनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं ये मिर्ज़ा ग़ालिब के विरोध के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और यगाना चंगेज़ी · और देखें »

युसुफ हुसैन खान

युसुफ हुसैन खान को सन १९७७ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७७ पद्म भूषण.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और युसुफ हुसैन खान · और देखें »

रतन पंडोरवी

रतन पंडोरवी रलाराम का जन्म 07 जुलाई 1907 ई० को ग्राम पंडोरी, तहसील बटाला, जिला गुरदासपुर, पंजाब में हुआ। रतन पंडोरवी पंजाब के प्रसिद्ध उस्ताद शायरों में से एक हैं। उन्हें पंजाब सरकार ने अपने सर्वोच्च सम्मान "शिरोमणि साहित्यकार अवार्ड" से नवाजा। रतन साहब ने शायरी का सलीका मशहूर शायर दिल शाहजहाँपुरी और जोश मलसियानी से सीखा। रतन साहब ने कुल 23 किताबें लिखी जिनमे 9 पद्य और 14 गद्य की हैं। रतन साहब ने अपनी उम्र का लंबा अरसा पंडोरी के एक शिव मन्दिर में फ़क़ीर की तरह गुज़ारा और अपने अंतिम समय में पठानकोट में आ गए और 04 नवंबर 1990 को अपना शरीर त्याग दिया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और रतन पंडोरवी · और देखें »

राहत इन्दौरी

राहत इन्दौरी (उर्दू: ڈاکٹر راحت اندوری) (जन्म: 1 जनवरी 1950) एक भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार हैं। वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और राहत इन्दौरी · और देखें »

राज़ चांदपुरी

राज़ चांदपुरी उर्दू नज़्म और ग़ज़ल के प्रमुख शायर थे। इनका जन्म 1892 को हुआ। यह सीमाब अकबराबादी के शागिर्द थे। नवा-ए-राज़, दास्तान-ए-चाँद आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं।इनकी मृत्यु 1969 में हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और राज़ चांदपुरी · और देखें »

राजेंद्र नाथ रहबर

राजेंद्र नाथ रहबर उर्दू के प्रमुख उस्ताद शायरों में से एक हैं उनका जन्म 05 नवम्बर 1931 को पंजाब के शकरगढ़ में हुआ, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान को मिल गया। तथा रहबर साहिब का परिवार पठानकोट आकर बस गया। रहबर साहिब ने हिन्दू कॉलेज अमृतसर से बी.ए., खालसा कॉलेज पंजाब से एम.ए.(अर्थशास्त्र) और पंजाब यूनिवर्सिटी से एल.एल.बी की। बचपन में शायरी का शौक़ पल गया, बड़े भाई ईश्वरदत्त अंजुम भी शायर थे। रहबर साहिब ने शायरी का फन रतन पंडोरवी से सीखा। रहबर साहिब की नज़्म तेरे खुशबू में बसे ख़त को विश्वव्यापी शोहरत मिली। इस नज़्म को जगजीत सिंह ने लगभग 30 सालों तक अपनी मखमली आवाज़ में गाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रहबर साहिब को लिखे ख़त के लिए भी वो चर्चा में रहे। मशहूर फ़िल्म निर्माता महेश भट्ट ने रहबर साहिब मशहूर नज़्म को अपनी फ़िल्म 'अर्थ' में फिल्माया है। रहबर साहिब अपने जीवन के तकरीब 70 साल उर्दू साहित्य की सेवा में समर्पित किये हैं और अब भी निरंतर साहित्य सेवा में लगे हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और राजेंद्र नाथ रहबर · और देखें »

शफ़ी बहराइची

हाजी शफ़ीउल्लाह शफ़ी बहराइची का जन्म सन 1902 ई में शहर बहराइच के ब्राह्मणीपुरा चौक बाज़ार मोहल्ले में हाजी बराती मियाँ नक़्शबंदी चूना वाले के घर हुआ। आप की शिक्षा घर पर हुई। अपने शहर बहराइच के प्रख्यात व्यापारियों में गिने जाते थे। आपकी दुकान साहित्यिक बैठकों का स्थान थी। हाजी शफ़ी ने 1963 में हज यात्रा का मुस्लिम धार्मिक दायित्व पूरा किया। 6 जुलाई 1973 को उनका निधन हुआ।.दरगाह रेलवे क्रॉसिंग से जुड़े हैरत शाह अहाते में उनकी क़ब्र मौजूद है। वे अपने अपने पिता की बगल में दफ़न किए गए थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शफ़ी बहराइची · और देखें »

शबनम रोमानी

शबनम रोमानी (वास्तविक नाम: मिर्ज़ा अज़ीम बैग चुगताई) का जन्म 30 दिसंबर 1928 को बदायूं में हुआ। वह पाकिस्तान से उर्दू के प्रसिद्ध कवि थे जज़ीरा, तोहमत, दूसरा हिमालय उनके प्रमुख संग्रह हैं इनकी मृत्यु 17 फरवरी 2009 को लम्बी बीमारी से हुई। श्रेणी:कवि.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शबनम रोमानी · और देखें »

शबनम शकील

शबनम शकील का जन्म 12 मार्च 1942 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ। वह उर्दू की प्रसिद्ध शायरा थीं। इन्होंने उर्दू में एमए की। तनक़ीदी मज़ामीन, इज़तराब,शब्ज़ाद आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं इनकी मृत्यु 2 मार्च 2013 को हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शबनम शकील · और देखें »

शाह मुबारक आबरू

शाह मुबारक आबरू का जन्म 1685 में लखनऊ में हुआ।। वह उर्दू शायरी के निर्माताओं में से एक, मीर तक़ी मीर के समकालीन थे।। दीवान-ए-आबरू इनका प्रसिद्ध संग्रह है जो 1967 में प्रकाशित हुआ। इनकी मृत्यु 1733 में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शाह मुबारक आबरू · और देखें »

शाहिदा हसन

शाहिदा हसन (उर्दू: شاهدا حسن अँग्रेजी: Shahida Hassan) पाकिस्तान से एक समकालीन उर्दू की शायरा हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शाहिदा हसन · और देखें »

शकील बदायूँनी

शकील बदायूँनी: (उर्दू: شکیل بدایونی) (जन्म: 03 अगस्त 1916 - निधन: 20 अप्रैल 1970) - शकील बदायूनी का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का शहर बदायूँ है। यह एक उर्दू के शायर और साहित्यकार थे। लैकिन इन्होंने बालीवुड में गीत रचनाकार के रूप में नाम कमाया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शकील बदायूँनी · और देखें »

शीन काफ़ निज़ाम

शीन काफ़ निज़ाम उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और शीन काफ़ निज़ाम · और देखें »

सफ़ी लखनवी

सफ़ी लखनवी (उर्दू: صفی لکھنوی, अंग्रेजी: Safi Lakhnavi), (जनवरी 2, 1862–1950), एक भारतीय उर्दू शायर थे, जिन्होंने उर्दू शायरी तथा लखनवी भाषा को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।उनका जन्म लखनऊ में हुआ था। उनका मूल नाम सैयद अली नक़ी जैदी था। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सफ़ी लखनवी · और देखें »

सलीम कौसर

सलीम कौसर उर्दू के एक प्रसिद्ध कवि हैं इनका जन्म सन् 1945 को पानीपत भारत में हुआ।बाद में विभाजन के वक़्त इनका परिवार पाकिस्तान चला गया। इन्होंने बहुत से टीवी धारावाहिकों के लिए गीत लिखे। महब्बत एक शजर है, ये चिराग है तो जला रहे आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी ग़ज़ल मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है के लिए प्रसिद्ध हैं।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सलीम कौसर · और देखें »

सिराज उद-दिन-अली ख़ान

सिराज उद-दीन-अली ख़ान एक प्रसिद्ध शायर हैं यह अपने कलमी नाम 'आरज़ू' से भी जाने जाते हैं। यह मुख्यतः फ़ारसी के कवि थे पर इन्होंने उर्दू मैं भी 127 शेर कहे। यह मीर तकी मीर के मामा थे। यह मीर तक़ी मीर, शाह मुबारक़ आबरू आदि के उस्ताद थे। सिराज-उल-लुगात, चराग़-ए-हिदायत, जोशो-खरोश आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु सन 1756 को लखनऊ में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सिराज उद-दिन-अली ख़ान · और देखें »

सज्जाद ज़हीर

सज्जाद ज़हीर (5 नवंबर 1905 – 13 सतंबर 1973) उर्दू के एक प्रसिद्ध लेखक और मार्क्सवादी चिंतक थे। इन्होंने मुल्कराज आनंद और ज्योतिर्मय घोष के साथ मिलकर १९३५ में प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन (Progressive writer's association) की स्थापना इंग्लैंड में की। उर्दू की प्रसिद्ध लेखिका रज़िया सज्जाद ज़हीर इनकी पत्नी थीं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सज्जाद ज़हीर · और देखें »

सईद अहमद अख़्तर

सईद अहमद अख़्तर एक उर्दू कवि एवम् नाटककार थे इनका जन्म 3 मार्च 1933 को पाकिस्तान में हुआ।दीयार-ए-शाब, साथ-ए-आब, चांदनी के साये आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं।इनकी मृत्यु 20 अगस्त 2013 को हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सईद अहमद अख़्तर · और देखें »

सुरूर बाराबंकवी

सुरूर बाराबंकवी उर्फ़ सयैद सईद उर रहमान एक कवि लेखक तथा फ़िल्मी गीतकार थे इनका जन्म 1919 को बाराबंकी में हुआ। इन्होंने बहुत सी फिल्मों का निर्माण किया जिसमे आख़िरी स्टेशन उल्लेखनीय है। इनकी मृत्यु सन् 1980 कराची पाकिस्तान में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सुरूर बाराबंकवी · और देखें »

सुलेमान अरीब

सुलेमान अरीब उर्दू के प्रसिद्ध कवि एवम् लेखक थे इनका जन्म 1922 में हैदराबाद में हुआ। बचपन से ही लिखने लग गए थे। 'सबा' नामक पत्रिका के द्वारा उर्दू साहित्य के प्रसार में योगदान दिया। पास-ए-गिरेबां, कड़वी खुशबू इनके प्रमुख संग्रह हैं।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सुलेमान अरीब · और देखें »

सीमाब अकबराबादी

सीमाब अकबराबादी उर्दू के महान लेखक और कवि थे सीमाब अकबराबादी उर्दू के महान लेखक व कवि थे। वह दाग़ देहलवी के शागिर्द थे। जब कभी उर्दू अदब का ज़िक्र होता है तब उनका नाम मोहमद इक़बाल, जोश मलीहाबादी, फ़िराक गोरखपुरी और जिग़र मुरादाबादी के साथ लिया जाता है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और सीमाब अकबराबादी · और देखें »

हरबंस भल्ला

हरबंस भल्ला एक कवि, लेखक एवं दार्शनिक थे। इनका जन्म 7 मई 1930 को पसरूर सियालकोट (अब पाकितान) में हुआ। पीले पत्थर, रेखा, एक लहर दो पत्थर, अकिंचन संबंधो आदि इनके रचना संग्रह हैं इनकी मृत्यु 5 अप्रैल 1993 को कैंसर से हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हरबंस भल्ला · और देखें »

हसन आबिदी

हसन आबिदी पाकिस्तान के मशहूर शायर और पत्रकार थे इनका जन्म ७ जुलाई १९२९ को जौनपुर उ.प्र. में हुआ था और देश के बटवारे के बाद यह कराची पाकिस्तान में बस गए।नविश्त-ए-ने, जबीदा, फरार होना हरुफ़ का, कागज़ की कश्ती इनके रचना संग्रह हैं ६ सितम्बर २००५ को इन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हसन आबिदी · और देखें »

हसरत जयपुरी

हसरत जयपुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हसरत जयपुरी · और देखें »

हामिद उल्लाह अफसर

हामिद उल्लाह अफसर एक प्रसिद्ध भारतीय उर्दू कवि एवम् लेखक थे। उनका जन्म 1895 में तथा मृत्यु 14 अप्रैल 1974 में लखनऊ में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हामिद उल्लाह अफसर · और देखें »

हाकिम नासिर

हाकिम नासिर पाकिस्तान से एक उर्दू शायर थे। हाकिम नासिर अपनी प्रसिद्ध ग़ज़ल 'जब से तूने मुझे दीवाना बना रक्खा है' के लिए प्रसिद्ध हैं जिसे आबिदा परवीन ने गया है। यह पेशे से हकीम थे। 2007 में इनकी मृत्यु हो गयी।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हाकिम नासिर · और देखें »

हाकिम अहमद शुजा

हाकिम अहमद शुजा उर्दू, फ़ारसी के कवि, लेखक, गीतकार थे। इनका जन्म 4 नवंबर 1893 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ। इन्होंने कुरआन का अनुवाद पंजाबी में किया। इंहोमे फिल्मों में गीत भी लिखे। इनकी मृत्यु 4 जनवरी 1969 को लाहौर में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हाकिम अहमद शुजा · और देखें »

हिमायत अली शाएर

हिमायत अली शाएर का जन्म औरंगाबाद ब्रिटिश भारत में हुआ। वह पाकिस्तान से उर्दू के कवि, लेखक, फिल्मी गीतकर थे। इन्हें उर्दू अदब में योगदान के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने प्राइड ऑफ़ परफॉरमेंस से नवाजा। मिट्टी का क़र्ज़, तृष्णगी का सफर, हारून की आवाज़ आदि इनके प्रमुख सन्ग्रह हैं।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हिमायत अली शाएर · और देखें »

हैदर क़ुरैशी

हैदर क़ुरैशी का जन्म 1 सितम्बर 1953 को राबवाह पंजाब पाकिस्तान में हुआ। वह उर्दू शायर, लेखक और पत्रकार थे। उम्रे-लाहासिल का हासिल, सुलगते ख्वाब, महब्बत के फूल आदि उन्हें सन्ग्रह हैं। श्रेणी:1953 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और हैदर क़ुरैशी · और देखें »

जमीलुद्दीन आली

नवाबज़ादा मिर्ज़ा जमीलुद्दीन अहमद ख़ान (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Nawabzada Mirza Jamiluddin Ahmed Khan), जिन्हें आमतौर पर केवल जमीलुद्दीन आली (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Jamiluddin Aali) के नाम से जाना जाता है, एक पाकिस्तानी लेखक, कवि, समीक्षक और विद्वान हैं। इनकी कृतियाँ उर्दू भाषा में हैं। हालांकि इनका जन्म दिल्ली में हुआ था, १९४७ में भारत के विभाजन के बाद वे पाकिस्तान के कराची शहर में जा बसे। इन्होने पाकिस्तान के लिए देशभक्ति से बहुत से गाने लिखे हैं जिनमें से कई टेलिविज़न पर दर्शाए गए हैं।, Alison Arnold, pp.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जमीलुद्दीन आली · और देखें »

जयंत परमार

जयंत परमार उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पेन्सिल और दूसरी नजमें के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जयंत परमार · और देखें »

जाँनिसार अख्तर

जाँनिसार अख्तर (उर्दू: جان نثار اختر;अंग्रेजी:Jan Nisar Akhtar, 18 फ़रवरी 1914 – 19 अगस्त 1976) भारत से 20 वीं सदी के एक महत्वपूर्ण उर्दू शायर, गीतकार और कवि थे। वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी गाने लिखे.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जाँनिसार अख्तर · और देखें »

जावेद जाँनिसार अख्तर

जावेद अख्तर हिन्दी फिल्मों के एक गीतकार हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जावेद जाँनिसार अख्तर · और देखें »

जिगर मुरादाबादी

जिगर मुरादाबादी (उर्दू: جِگر مُرادآبادی‎), एक और नाम: अली सिकंदर (1890–1960), 20 वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध उर्दू कवि और उर्दू गजल के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक। उनकी अत्यधिक प्रशंसित कविता संग्रह "आतिश-ए-गुल" के लिए उन्हें 1958 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जिगर मुरादाबादी · और देखें »

जॉन एलिया

जॉन एलिया उर्दू के एक महान शायर हैं। इनका जन्म 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा में हुआ। यह अब के शायरों में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले शायरों में शुमार हैं। शायद, यानी,गुमान इनके प्रमुख संग्रह हैं इनकी मृत्यु 8 नवंबर 2004 में हुई। जौन सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं हिंदुस्तान व पूरे विश्व में अदब के साथ पढ़े और जाने जाते हैं। जश्न-ए-रेख़्ता की साइट पर भी मटेरियल पढ़ सकते हैं। जब दौर सन 2000 के बाद आया यानी २१ वीं सदी जब आयी तो अपने को कभी बड़ा ना समझने वाले जॉन एलिया को लोग समझने लगे पसंद करने लगे, इस किस्म के शायर बहुत ही कम होते हैं। पाकिस्तान के होते हुए भी अपने पैतृक (जन्मस्थान) भारत के अमरोहा को कभी भूल नहीं पाए वो लहजा हमेशा बरकरार रहा। रेख़्ता शायरी....

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और जॉन एलिया · और देखें »

वली मोहम्मद वली

वली मोहम्मद वली उर्फ़ वली दक्कनी का जन्म 1667 को औरंगाबाद में हुआ। यह उर्दू शायरी के जनक कहे जाते हैं यह दिल्ली में उर्दू शायरी को स्थापित करने वाले क्लासिकी शायर भी कहे जाते हैं। दीवान-ए-वली, इतेख़ाब-ए-वली आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं।इनकी मृत्यु 1707 में हुई।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और वली मोहम्मद वली · और देखें »

वसीम बरेलवी

ज़ाहिद हसन (वसीम बरेलवी) एक प्रसिद्ध उर्दू शायर हैं जो बरेली (उप्र) के हैं। इनका जन्म ८ फ़रवरी १९४० को हुआ था। आजकल बरेली कालेज, बरेली (रुहेलखंड विश्वविद्यालय) में उर्दू विभाग में प्रोफ़ेसर हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और वसीम बरेलवी · और देखें »

वहीद अख़्तर

वहीद अख़्तर एक प्रमुख शायर एवं लेखक हैं इनका जन्म 12 अगस्त 1934 को औरंगाबाद में हुआ। मर्सिया को नया मुकाम देने में अहम भूमिका निभाई। पत्थरों का मुग़ानी, ज़ंजीर का नग़मा आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु13 दिसंबर 1996 को हुई। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और वहीद अख़्तर · और देखें »

ख़्वाजा मीर दर्द

ख़्वाजा मीर दर्द (1720-1785) (उर्दू: خواجہ میر درد) दिल्ली स्कूल के एक कवि थे। वह नक़्शबंदी-मुजद्दी सिल्सीला और एक रहस्यवादी कवि और सूफ़ी संत थे। उन्होंने अपनी रहस्यवाद को कविता में अनुवादित किया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और ख़्वाजा मीर दर्द · और देखें »

ग़ुलाम अहमद फ़रोगी

ग़ुलाम अहमद फ़रोगी (1861-1919) भोपाल राज्य में अरबी और फ़ारसी भाषा के ख्याति के एक विद्वान और शायर थे। उन्होंने भोपाल के जहांगीरा स्कूल में शिक्षक और सुलेमानिया स्कूल में 'हेड मौलवी' के रूप में कार्य किया। ये दोनों स्कूल भोपाल रियासत के दौरान धनी वर्ग के छात्रों के दाखिले के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और ग़ुलाम अहमद फ़रोगी · और देखें »

गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और गुलज़ार (गीतकार) · और देखें »

आनंद नारायण मुल्ला

आनंद नारायण मुल्ला (1901–1997) भारत से उर्दू के एक शायर, कवि, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ थे। उनके पिता जगत नारायण मुल्ला एक प्रमुख वकील और सरकारी अभियोजक थे। वे भी स्वयं एक प्रमुख वकील थे और 1954 से 1961 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहे। वे लखनऊ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चौथी लोक सभा (1967-1970) के लिए निर्वाचित हुए थे। बाद में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा (1972-1978) के सदस्य के रूप में निर्वाचित किए गए थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और आनंद नारायण मुल्ला · और देखें »

आग़ा हश्र कश्मीरी

आग़ा हश्र कश्मीरी उर्दू के प्रसिद्ध शायर एवं नाटककार हैं। इन्हें उर्दू भाषा का शेक्सपियर भी कहा जाता है। उर्दू शायरों की सूची श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और आग़ा हश्र कश्मीरी · और देखें »

आगाह बिस्मिल

आगाह बिस्मिल भारतीय उर्दू शायर हैं जो ग़ुलाम अली द्वारा गाई अपनी ग़ज़ल महफ़िल में बार बार के लिए प्रसिद्ध हैं। श्रेणी:उर्दू शायर.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और आगाह बिस्मिल · और देखें »

इंशा अल्ला खाँ

इंशा अल्ला खाँ 'इंशा' (१७५६ - १८१७) हिन्दी साहित्यकार और उर्दू कवि थे। वे लखनऊ तथा दिल्ली के दरबारों में कविता करते थे। उन्होने दरया-ए-लतफत नाम से उर्दू का प्रथम व्याकरण की रचना की थी। हिन्दी में उन्होने 'रानी केतकी की कहानी' नामक कथाग्रन्थ की रचना की। यह उर्दू लिपि में लिखी गयी थी। बाबू श्यामसुन्दर दास इसे हिन्दी की पहली कहानी मानते हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और इंशा अल्ला खाँ · और देखें »

कृष्ण कुमार तूर

कृष्ण कुमार तूर उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह गुर्फ–ए–ग़ैब के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और कृष्ण कुमार तूर · और देखें »

कैफ़ भोपाली

कैफ़ भोपाली (کیف بھوپالی) एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और कैफ़ भोपाली · और देखें »

कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी (असली नाम: अख्तर हुसैन रिजवी) उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और कैफ़ी आज़मी · और देखें »

अफज़ल अहमद सैयद

अफज़ल अहमद सैयद (افضال احمد سيد) एक समकालीन उर्दू कवि और अनुवादक हैं जिन्हें दोनों शास्त्रीय और आधुनिक उर्दू काव्य अभिव्यक्ति की अपनी महारथ के लिए जाना जाता है। 1946 में, गाजीपुर, भारत में जन्मे, अफज़ल अहमद सैयद 1976 के बाद से कराची, पाकिस्तान में रहते हैं जहां वह एक कीटविज्ञानी के रूप में काम करते हैं। वह आधुनिक नज़्म संग्रहों के लेखक हैं: چھينی ہوئ تاريخ (छीनी हूए तारीख़, 1984), دو زبانوں ميں سزاۓ موت (दो ज़बानों में सज़ाए मौत, 1990), और روکوکو اور دوسری دنيائيں (रो को को और दूसरी दुनियाएँ, 2000).

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अफज़ल अहमद सैयद · और देखें »

अभिषेक कुमार अम्बर

अभिषेक कुमार अम्बर (English:Abhishek Kumar Ambar) (Urdu:ابھیشیک کمار امبر) उर्दू शायर एवं लेखक हैं। जो मुख्यतः ग़ज़ल के शायर हैं। यह दिल्ली के छोटे उस्ताद के नाम से भी विख्यात हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अभिषेक कुमार अम्बर · और देखें »

अमजद हैदराबादी

अमजद हुसैन (سيد امجد حسين‎; 1878–1961), लेखकीय नाम: अमजद हैदराबादी (امجد حيدرابادى), भारत के हैदराबाद से उर्दू और फारसी के शायर थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अमजद हैदराबादी · और देखें »

अमीर मीनाई

मुंशी अमीर अहमद "मीनाई" (जन्म १८२८-मृत्यु १९००) एक उर्दू शायर थे। 1857 के ग़दर के बाद ये रामपुर चले आए और ४३ वर्षों तक वहाँ रहे। १९०० में हैदराबाद जाने के बाद इनकी मृत्यु हो गई। इन्होंने २२ किताबें लिखीं जिसमें ४ दीवान (ग़ज़ल संग्रह) हैं। श्रेणी:उर्दू शायर श्रेणी:1828 में जन्मे लोग श्रेणी:१९०१ में निधन श्रेणी:भारतीय शायर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अमीर मीनाई · और देखें »

अमीर ख़ुसरो

अबुल हसन यमीनुद्दीन अमीर ख़ुसरो (1253-1325) चौदहवीं सदी के लगभग दिल्ली के निकट रहने वाले एक प्रमुख कवि शायर, गायक और संगीतकार थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से राजदरबार से सम्बंधित था I स्वयं अमीर खुसरो ने आठ सुल्तानों का शासन देखा था I अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है I वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा I उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है I वे अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। सबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा के लिए हिन्दवी का उल्लेख किया था। वे फारसी के कवि भी थे। उनको दिल्ली सल्तनत का आश्रय मिला हुआ था। उनके ग्रंथो की सूची लम्बी है। साथ ही इनका इतिहास स्रोत रूप में महत्त्व है। मध्य एशिया की लाचन जाति के तुर्क सैफुद्दीन के पुत्र अमीर खुसरो का जन्म सन् (६५२ हि.) में एटा उत्तर प्रदेश के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। लाचन जाति के तुर्क चंगेज खाँ के आक्रमणों से पीड़ित होकर बलबन (१२६६ -१२८६ ई0) के राज्यकाल में ‘’शरणार्थी के रूप में भारत में आ बसे थे। खुसरो की माँ बलबनके युद्धमंत्री इमादुतुल मुल्क की पुत्री तथा एक भारतीय मुसलमान महिला थी। सात वर्ष की अवस्था में खुसरो के पिता का देहान्त हो गया। किशोरावस्था में उन्होंने कविता लिखना प्रारम्भ किया और २० वर्ष के होते होते वे कवि के रूप में प्रसिद्ध हो गए। खुसरो में व्यवहारिक बुद्धि की कोई कमी नहीं थी। सामाजिक जीवन की खुसरो ने कभी अवहेलना नहीं की। खुसरो ने अपना सारा जीवन राज्याश्रय में ही बिताया। राजदरबार में रहते हुए भी खुसरो हमेशा कवि, कलाकार, संगीतज्ञ और सैनिक ही बने रहे। साहित्य के अतिरिक्त संगीत के क्षेत्र में भी खुसरो का महत्वपूर्ण योगदान है I उन्होंने भारतीय और ईरानी रागों का सुन्दर मिश्रण किया और एक नवीन राग शैली इमान, जिल्फ़, साजगरी आदि को जन्म दिया I भारतीय गायन में क़व्वालीऔर सितार को इन्हीं की देन माना जाता है। इन्होंने गीत के तर्ज पर फ़ारसी में और अरबी ग़जल के शब्दों को मिलाकर कई पहेलियाँ और दोहे भी लिखे हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अमीर ख़ुसरो · और देखें »

अल्ताफ हुसैन हाली

अल्ताफ हुसैन हाली (1837–1914) उर्दू के प्रसिद्ध कवि एवं लेखक थे। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अल्ताफ हुसैन हाली · और देखें »

अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ (१४ जनवरी १९३१- २५ अगस्त २००८), असली नाम सैयद अहमद शाह, का जन्म पाकिस्तान के नौशेरां शहर में हुआ था। वे आधुनिक उर्दू के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में गिने जाते हैं। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अहमद फ़राज़ · और देखें »

अख़्तर-उल-ईमान

अख़्तर-उल-ईमान का जन्म 12 नवम्बर 1915 को किला, नजीबाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ। ये मुख्यत: नज़्म के शायर थे। ये आधुनिक उर्दू नज़्म के संस्थापकों में शामिल हैं। उर्दू नज़्म पर इनका काफ़ी प्रभाव रहा है। फ़िल्म धर्मपुत्र (1963) और वक़्त (1966) में संवाद लेखन के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला।.

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अख़्तर-उल-ईमान · और देखें »

अक़बर इलाहाबादी

अकबर ने सैयद अकबर हुसैन के नाम से १८४६ में इलाहाबाद के निकट बारा में एक सम्मानजनक, परिवार में जन्म लिया। उनके पिता का नाम सैयद तफ्फज़ुल हुसैन था। .

नई!!: उर्दू शायरों की सूची और अक़बर इलाहाबादी · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »