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उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन के बीच अंतर

उपनिवेशवाद vs. बर्लिन सम्मेलन

उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष के महान योद्धा '''महात्मा गाँधी''' किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद (Colonialism) कहलाता है। इतिहास में प्राय: पन्द्रहवीं शताब्दी से लेकर बीसवीं शताब्दी तक उपनिवेशवाद का काल रहा। इस काल में यूरोप के लोगों ने विश्व के विभिन्न भागों में उपनिवेश बनाये। इस काल में उपनिवेशवाद में विश्वास के मुख्य कारण थे -. बर्लिन सम्मेलन बर्लिन सम्मेलन वर्ष १८८४-८५ में बर्लिन में हुआ था। इस सम्मेलन ने नव-उपनिवेशीकरण के काल में अफ्रीका के उपनिवेशीकरण तथा व्यापार को विनियमित करने का कार्य किया। इसे 'कांगो सम्मेलन' भी कहते हैं। इस सम्मेलन का समय जर्मनी के सहसा विश्व की साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में उदय का समय भी था। .

उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन के बीच समानता

उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): उपनिवेशवाद

उपनिवेशवाद

उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष के महान योद्धा '''महात्मा गाँधी''' किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद (Colonialism) कहलाता है। इतिहास में प्राय: पन्द्रहवीं शताब्दी से लेकर बीसवीं शताब्दी तक उपनिवेशवाद का काल रहा। इस काल में यूरोप के लोगों ने विश्व के विभिन्न भागों में उपनिवेश बनाये। इस काल में उपनिवेशवाद में विश्वास के मुख्य कारण थे -.

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उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन के बीच तुलना

उपनिवेशवाद 38 संबंध है और बर्लिन सम्मेलन 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.22% है = 1 / (38 + 7)।

संदर्भ

यह लेख उपनिवेशवाद और बर्लिन सम्मेलन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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