उद्योग और भिलाई
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
उद्योग और भिलाई के बीच अंतर
उद्योग vs. भिलाई
एक औद्योगिक क्षेत्र का दृश्य किसी विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में सामान का निर्माण/उत्पादन या वृहद रूप से सेवा प्रदान करने के मानवीय कर्म को उद्योग (industry) कहते हैं। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते है जिससे लोगों का रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है और जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में नये-नये उद्योग-धन्धे आरम्भ हुए। इसके बाद आधुनिक औद्योगीकरण ने पैर पसारना अरम्भ किया। इस काल में नयी-नयी तकनीकें एवं उर्जा के नये साधनों के आगमन ने उद्योगों को जबर्दस्त बढावा दिया। उद्योगों के दो मुख्य पक्ष हैं: १) भारी मात्रा में उत्पादन (मॉस प्रोडक्सन) उद्योगों में मानक डिजाइन के उत्पाद भारी मात्रा में उत्पन्न किये जाते हैं। इसके लिये स्वतः-चालित मशीनें एवं असेम्बली-लाइन आदि का प्रयोग किया जाता है। २) कार्य का विभाजन (डिविजन ऑफ् लेबर) उद्योगों में डिजाइन, उत्पादन, मार्कटिंग, प्रबन्धन आदि कार्य अलग-अलग लोगों या समूहों द्वारा किये जाते हैं जबकि परम्परागत कारीगर द्वारा निर्माण में एक ही व्यक्ति सब कुछ करता था/है। इतना ही नहीं, एक ही काम (जैसे उत्पादन) को छोटे-छोटे अनेक कार्यों में बांट दिया जाता है। सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product/GDP) हरा - कृषि, लाल - उद्योग, नीला - सेवा क्षेत्र . भिलाई शहर करीबन भारत के मध्य में बसा है। 5,53,837 की जनसंख्या के साथ, भिलाई भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। मुम्बई-नागपुर-बिलासपुर-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर स्थित, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर पश्चिम में भारतीय इस्पात प्राधिकरण के अंतर्गत एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिये जगप्रसिद्ध शहर शिक्षा और खेल के क्षेत्र में भी नाम रखता है। भारत-रूस मैत्री के फ़लस्वरूप बना भिलाई इस्पात संयंत्र श्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिये लगातार ग्यारह बार प्रधानमंत्री ट्रॉफ़ी जीत चुका है। भिलाई नाम की उत्पत्ति भिलाई गांव से हुई है, जो इस नगर के उत्तर में स्थित है। सन् 1956 तक भिलाई गांव एक छोटा सा ग्राम था, जिसकी जनसंख्या 350 थी। सन् 1955 में भारत एवं सोवियत रुस में संपन्न एक समझौते के अंतर्गत इस्पात कारखाना स्थापित किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र कारखाना स्थापित होने से क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्वि हुई। संक्षिप्त परिचय - नगर पालिक निगम भिलाई मुम्बई - हावड़ा रेल्वे लाइन तथा राष्ट्रीय राजपथ क्रमांक-6 के किनारे,21013 उत्तर अक्षांश एवं 81026 पूर्व देशांश में, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई, सन् 1955 तक एक छोटा, शांत और धान की खेती पर पोषित गांव मात्र था। 14 मार्च 1955 को भारत शासन और तत्कालीन सोवियत संघ के मध्य, भिलाई में एक मिलीयन टन क्षमता के इस्पात कारखाना लगाने का समझौता हुआ जिसने न केवल भिलाई जिसने न केवल भिलाई की, वरन् इसके आस-पास बसे सैकड़ों गांवों की काया पलट दी। मुंबई-हावड़ा रेल्वे लाइन के उत्तर में भिलाई इस्पात संयंत्र और उसकी टाउनशीप बनाने का निर्णय लिया गया और इसके दक्षिण में श्रमिकों के लिए अस्थायी निवास हेतु भूमि दी गई। अवधारणा यह थी कि कारखाना प्रारंभ होने के बाद, उक्त अस्थायी निवास हट जावेंगे और भूमि खाली हो जावेगी, किन्तु ऐसा हो न सका। बसाहट बढ़ती गई और मूलभूत सुविधा विहीन बस्तियाँ बनती गई। दुर्ग-भिलाई की जनसंख्या सन् 1951-71 के दशक में 86 प्रतिशत तथा 1971-81 के दशक में 113 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सन् 1981-91 के दशक में 89 प्रतिशत एवं सन् 1991-2001 के दशक में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चित्र:Gayatri Shakti Peeth, Sec-6.jpg|सेक्टर-6 स्थित गायत्री शक्ति पीठ चित्र:Nehru art gallary.jpg|सिविक सेंटर स्चित नेहरू आर्ट गैलरी चित्र:Bhilai Railway Station.jpg|भिलाई रेलवे स्टेशन श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर hr:Bilaj hu:Bilaj sl:Bilaj.
उद्योग और भिलाई के बीच समानता
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