लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल के बीच अंतर

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची vs. कुमाऊँ मण्डल

उत्तराखण्ड के नगर नामक इस सूची में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के सभी नगरों की ज़िलेवार सूची दी गई है, जो वर्णमालानुसार क्रमित है। . यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैं:-.

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल के बीच समानता

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल आम में 15 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चम्पावत, चम्पावत जिला, नैनीताल, नैनीताल जिला, पिथौरागढ़, पिथौरागढ़ जिला, बागेश्वर जिला, भारत, रानीखेत, रुद्रपुर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, अल्मोड़ा जिला, उत्तराखण्ड, उधम सिंह नगर जिला

चम्पावत

चम्पावत भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले का मुख्यालय है। पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियाँ अद्भुत छटा बिखेरती हैं। चंपावत में पर्यटकों को वह सब कुछ मिलता है जो वह एक पर्वतीय स्थान से चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा, सभी कुछ यहाँ पर है। यह कस्बा समुद्र तल से १६१५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। चम्पावत कई वर्षों तक कुमाऊँ के शासकों की राजधानी रहा है। चन्द शासकों के किले के अवशेष आज भी चम्पावत में देखे जा सकते हैं। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और चम्पावत · कुमाऊँ मण्डल और चम्पावत · और देखें »

चम्पावत जिला

चम्पावत भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। इसका मुख्यालय चंपावत में है। उत्तराखंड का ऐतिहासिक चंपावत जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियां अद्भुत छटा बिखेरती हैं। चंपावत में पर्यटकों को वह सब कुछ मिलता है जो वह एक पर्वतीय स्थान से चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा, सभी कुछ यहां पर है। समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चंपावत कई सालों तक कुंमाऊं के शासकों की राजधानी रहा है। चन्द शासकों के किले के अवशेष आज भी चंपावत में देखे जा सकते हैं। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और चम्पावत जिला · कुमाऊँ मण्डल और चम्पावत जिला · और देखें »

नैनीताल

नैनीताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। यह नैनीताल जिले का मुख्यालय भी है। कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यह 'छखाता' परगने में आता है। 'छखाता' नाम 'षष्टिखात' से बना है। 'षष्टिखात' का तात्पर्य साठ तालों से है। इस अंचल में पहले साठ मनोरम ताल थे। इसीलिए इस क्षेत्र को 'षष्टिखात' कहा जाता था। आज इस अंचल को 'छखाता' नाम से अधिक जाना जाता है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और नैनीताल · कुमाऊँ मण्डल और नैनीताल · और देखें »

नैनीताल जिला

नैनीताल जिला भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। जिले का मूख्यालय नैनीताल है। नैनीताल जिला, कुमाऊँ मण्डल में स्थित है और इसके उत्तर में अल्मोड़ा जिला और दक्षिण में उधमसिंहनगर जिला है। हल्द्वानी इस जिले में सबसे बड़ा नगर है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और नैनीताल जिला · कुमाऊँ मण्डल और नैनीताल जिला · और देखें »

पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख शहर है। पिथौरागढ़ का पुराना नाम सोरघाटी है। सोर शब्द का अर्थ होता है-- सरोवर। यहाँ पर माना जाता है कि पहले इस घाटी में सात सरोवर थे। दिन-प्रतिदिन सरोवरों का पानी सूखता चला गया और यहाँपर पठारी भूमि का जन्म हुआ। पठारी भूमी होने के कारण इसका नाम पिथौरा गढ़ पड़ा। पर अधिकांश लोगों का मानना है कि यहाँ राय पिथौरा (पृथ्वीराज_चौहान) की राजधानी थी। उन्हीं के नाम से इस जगह का नाम पिथौरागढ़ पड़ा। राय पिथौरा ने नेपाल से कई बार टक्कर ली थी। यही राजा पृथ्वीशाह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और पिथौरागढ़ · कुमाऊँ मण्डल और पिथौरागढ़ · और देखें »

पिथौरागढ़ जिला

पिथौरागढ़ भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। यह क्षेत्र 2,750 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। 2011 के जनसंख्या गणना के अनुसार यहाँ कुल 4,85,993 लोग रहते हैं। जिले का मुख्यालय पिथौरागढ़ है। यहाँ आधिकारिक रूप से और शिक्षा के लिए हिन्दी भाषा का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यहाँ अधिक संख्या में कुमाऊँनी भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। 24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ की 30 पट्टियां और अल्मोड़े की दो पट्टियों को मिलाकर पिथौरागढ़ जिले का गठन किया गया था। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और पिथौरागढ़ जिला · कुमाऊँ मण्डल और पिथौरागढ़ जिला · और देखें »

बागेश्वर जिला

बागेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है, जिसके मुख्यालय बागेश्वर नगर में स्थित हैं। इस जिले के उत्तर तथा पूर्व में पिथौरागढ़ जिला, पश्चिम में चमोली जिला, तथा दक्षिण में अल्मोड़ा जिला है। बागेश्वर जिले की स्थापना १५ सितंबर १९९७ को अल्मोड़ा के उत्तरी क्षेत्रों से की गयी थी। २०११ की जनगणना के अनुसार रुद्रप्रयाग तथा चम्पावत के बाद यह उत्तराखण्ड का तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है। यह जिला धार्मिक गाथाओं, पर्व आयोजनों और अत्याकर्षक प्राकृतिक दृश्यों के कारण प्रसिद्ध है। प्राचीन प्रमाणों के आधार पर बागेश्वर शब्द को ब्याघ्रेश्वर से विकसित माना गया है। यह शब्द प्राचीन भारतीय साहित्य में अधिक प्रसिद्ध है। बागनाथ मंदिर, कौसानी, बैजनाथ, विजयपुर आदि जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जिले में ही स्थित पिण्डारी, काफनी, सुन्दरढूंगा इत्यादि हिमनदों से पिण्डर तथा सरयू नदियों का उद्गम होता है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और बागेश्वर जिला · कुमाऊँ मण्डल और बागेश्वर जिला · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और भारत · कुमाऊँ मण्डल और भारत · और देखें »

रानीखेत

रानीखेत भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल है। यह राज्य के अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत स्थित एक फौजी छावनी है। देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक हिल स्टेशन है। इस स्थान से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं। रानीखेत से सुविधापूर्वक भ्रमण के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुँचा जा सकता है। चौबटिया में प्रदेश सरकार के फलों के उद्यान हैं। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में फ़ौजी छावनी भी है और गोल्फ़ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी है। १८६९ में ब्रिटिश सरकार ने कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय की स्थापना रानीखेत में की, और भारतीय गर्मियों से बचने के लिए हिल स्टेशन के रूप में इस नगर का प्रयोग किया जाने लगा। ब्रिटिश राज के दौरान एक समय में, यह शिमला के स्थान पर भारत सरकार के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय के रूप में भी प्रस्तावित किया गया था। १९०० में इसकी गर्मियों की ७,७०५ जनसंख्या थी, और उसी साल की सर्दियों की जनसंख्या १९०१ में ३,१५३ मापी गई थी। स्वच्छ सर्वेक्षण २०१८ के अनुसार रानीखेत दिल्ली और अल्मोड़ा छावनियों के बाद भारत की तीसरी सबसे स्वच्छ छावनी है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और रानीखेत · कुमाऊँ मण्डल और रानीखेत · और देखें »

रुद्रपुर

रुद्रपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य में उधम सिंह नगर जनपद का एक नगर है। जनसंख्या के आधार पर यह कुमाऊँ का दूसरा, जबकि उत्तराखण्ड का पांचवां सबसे बड़ा नगर है। इस नगर की स्थापना कुमाऊँ के राजा रुद्र चन्द ने सोलहवीं शताब्दी में की थी, और तब यह तराई क्षेत्र के लाट (अधिकारी) का निवास स्थल हुआ करता था। यह दिल्ली तथा देहरादून से २५० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रुद्रपुर उत्तराखण्ड का एक प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र होने के साथ साथ उधम सिंह नगर जनपद का मुख्यालय भी है। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और रुद्रपुर · कुमाऊँ मण्डल और रुद्रपुर · और देखें »

हल्द्वानी

हल्द्वानी, उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित एक नगर है जो काठगोदाम के साथ मिलकर हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम बनाता है। हल्द्वानी उत्तराखण्ड के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है और इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। कुमाऊँनी भाषा में इसे "हल्द्वेणी" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ "हल्दू" (कदम्ब) प्रचुर मात्रा में मिलता था। सन् १८१६ में गोरखाओं को परास्त करने के बाद गार्डनर को कुमाऊँ का आयुक्त नियुक्त किया गया। बाद में जॉर्ज विलियम ट्रेल ने आयुक्त का पदभार संभाला और १८३४ में "हल्दु वनी" का नाम हल्द्वानी रखा। ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और हल्द्वानी · कुमाऊँ मण्डल और हल्द्वानी · और देखें »

अल्मोड़ा

अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .

अल्मोड़ा और उत्तराखण्ड के नगरों की सूची · अल्मोड़ा और कुमाऊँ मण्डल · और देखें »

अल्मोड़ा जिला

अल्मोड़ा भारत के उत्तराखण्ड नामक राज्य में कुमांऊँ मण्डल के अन्तर्गत एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय भी अल्मोड़ा में ही है। अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत, हस्तकला, खानपान और ठेठ पहाड़ी सभ्यता व संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। .

अल्मोड़ा जिला और उत्तराखण्ड के नगरों की सूची · अल्मोड़ा जिला और कुमाऊँ मण्डल · और देखें »

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

उत्तराखण्ड और उत्तराखण्ड के नगरों की सूची · उत्तराखण्ड और कुमाऊँ मण्डल · और देखें »

उधम सिंह नगर जिला

उधमसिंहनगर भारतीय राज्य उत्तरांचल का एक जिला है। जिले का मुख्यालय रुद्रपुर है। उधमसिंह नगर पहले नैनीताल जिले में था। लेकिन अक्टूबर 1995 में इसे अलग जिला बना दिया गया। इस जिले का नाम स्वर्गीय उधम सिंह के नाम पर रखा गया है। उधम सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड होने के पश्चात् इन्होंने ही जनरल डायर की हत्या की थी। .

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और उधम सिंह नगर जिला · उधम सिंह नगर जिला और कुमाऊँ मण्डल · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल के बीच तुलना

उत्तराखण्ड के नगरों की सूची 131 संबंध है और कुमाऊँ मण्डल 60 है। वे आम 15 में है, समानता सूचकांक 7.85% है = 15 / (131 + 60)।

संदर्भ

यह लेख उत्तराखण्ड के नगरों की सूची और कुमाऊँ मण्डल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »