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उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी के बीच अंतर

उत्तराखण्ड vs. माघ मेला, उत्तरकाशी

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। . माघ मेला उत्तरकाशी इस जनपद का काफी पुराना धार्मिक/सांस्कृति तथा व्यावसायिक मेले के रूप में प्रसिद्ध है। इस मेले का प्रतिवर्ष मकर संक्राति के दिन पाटा-संग्राली गांवों से कंडार देवता के साथ -साथ अन्य देवी देवताओं की डोलियों का उत्तरकाशी पहुंचने पर शुभारम्भ होता है। यह मेला 14 जनवरी मकर संक्राति से प्रारम्भ हो 21 जनवरी तक चलता है। इस मेले में जनपद के दूर दराज से धार्मिक प्रवृत्ति के लोग जहाँ गंगा स्नान के लिये आते हैं। वहीं सुदूर गांव के ग्रामवासी अपने-अपने क्षेत्र के ऊन एवं अन्य हस्तनिर्मित उत्पादों को बेचने के लिये भी इस मेले में आते हैं। इसके अतिरिक्त प्राचीन समय में यहाँ के लोग स्थानीय जडी-बूटियों को भी उपचार के लिये लाते थे किन्तु वर्तमान समय में इस पर प्रतिबन्ध लगने के कारण अब मात्र ऊन आदि के उत्पादों का ही यहाँ पर विक्रय होता है। वर्तमान काल मे यहाँ आने वाले व्यापारियों में मुस्लिमों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है, जो कि स्थानीय लोगों एवं उत्तराखंड की संस्कृति के ध्वज्वाहक लोगों के लिए चिंता का सबब सा बना हुआ है। .

उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी के बीच समानता

उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): उत्तरकाशी

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी ऋषिकेश से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शहर है, जो उत्तरकाशी जिले का मुख्यालय है। यह शहर भागीरथी नदी के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्‍िट से भी महत्‍वपूर्ण शहर है। यहां भगवान विश्‍वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां एक तरफ जहां पहाड़ों के बीच बहती नदियां दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिखते हैं। यहां आप पहाड़ों पर चढ़ाई का लुफ्त भी उठा सकते हैं। .

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उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी के बीच तुलना

उत्तराखण्ड 271 संबंध है और माघ मेला, उत्तरकाशी 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.37% है = 1 / (271 + 2)।

संदर्भ

यह लेख उत्तराखण्ड और माघ मेला, उत्तरकाशी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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