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उत्तराखण्ड और बागेश्वर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तराखण्ड और बागेश्वर के बीच अंतर

उत्तराखण्ड vs. बागेश्वर

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। . बागेश्वर उत्तराखण्ड राज्य में सरयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित एक तीर्थ है। यह बागेश्वर जनपद का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यहाँ बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता "बागनाथ" या "बाघनाथ" के नाम से जानती है। मकर संक्रांति के दिन यहाँ उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मेला लगता है। स्वतंत्रता संग्राम में भी बागेश्वर का बड़ा योगदान है। कुली-बेगार प्रथा के रजिस्टरों को सरयू की धारा में बहाकर यहाँ के लोगों ने अपने अंचल में गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन शुरवात सन १९२० ई. में की। सरयू एवं गोमती नदी के संगम पर स्थित बागेश्वर मूलतः एक ठेठ पहाड़ी कस्बा है। परगना दानपुर के 473, खरही के 66, कमस्यार के 166, पुँगराऊ के 87 गाँवों का समेकन केन्द्र होने के कारण यह प्रशासनिक केन्द्र बन गया। मकर संक्रान्ति के दौरान लगभग महीने भर चलने वाले उत्तरायणी मेले की व्यापारिक गतिविधियों, स्थानीय लकड़ी के उत्पाद, चटाइयाँ एवं शौका तथा भोटिया व्यापारियों द्वारा तिब्बती ऊन, सुहागा, खाल तथा अन्यान्य उत्पादों के विनिमय ने इसको एक बड़ी मण्डी के रूप में प्रतिष्ठापित किया। 1950-60 के दशक तक लाल इमली तथा धारीवाल जैसी प्रतिष्ठित वस्त्र कम्पनियों द्वारा बागेश्वर मण्डी से कच्चा ऊन क्रय किया जाता था। .

उत्तराखण्ड और बागेश्वर के बीच समानता

उत्तराखण्ड और बागेश्वर आम में 26 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): टनकपुर, तिब्बत, देहरादून, नई दिल्ली, नैनीताल, पिथौरागढ़, पंतनगर, पंतनगर विमानक्षेत्र, बद्री दत्त पाण्डेय, बागेश्वर जिला, बौद्ध धर्म, भारत-चीन युद्ध, भारतीय जनता पार्टी, रामनगर, उत्तराखण्ड, शिव, संस्कृत भाषा, हल्द्वानी, हिन्दू धर्म, हिन्दी, गढ़वाली भाषा, काठगोदाम रेलवे स्टेशन, कुमाऊँ मण्डल, कुमाऊँनी भाषा, अल्मोड़ा, उत्तरायणी मेला, बागेश्वर, उत्तराखण्ड

टनकपुर

टनकपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख नगर है। चम्पावत जनपद के दक्षिणी भाग में स्थित टनकपुर नेपाल की सीमा पर बसा हुआ है। टनकपुर, हिमालय पर्वत की तलहटी में फैले भाभर क्षेत्र में स्थित है। शारदा नदी टनकपुर से होकर बहती है। इस नगर का निर्माण १८९८ में नेपाल की ब्रह्मदेव मंडी के विकल्प के रूप में किया गया था, जो शारदा नदी की बाढ़ में बह गई थी। कुछ समय तक यह चम्पावत तहसील के उप-प्रभागीय मजिस्ट्रेट का शीतकालीन कार्यालय भी रहा। १९०१ में इसकी जनसंख्या ६९२ थी। सुनियोजित ढंग से निर्मित बाजार, चौड़ी खुली सड़कें, फैले हुए फुटपाथ, खुली हवादार कालोनियां इस नगर की विशेषताएं हैं। पूर्णागिरि मन्दिर के मुख्य द्वार के रूप में शारदा नदी के तट पर बसा हुआ यह नगर पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केन्द्र है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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देहरादून

यह लेख देहरादून नगर पर है। विस्तार हेतु देखें देहरादून जिला। देहरादून (Dehradun), देहरादून जिले का मुख्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली से २३० किलोमीटर दूर दून घाटी में बसा हुआ है। ९ नवंबर, २००० को उत्तर प्रदेश राज्य को विभाजित कर जब उत्तराखण्ड राज्य का गठन किया गया था, उस समय इसे उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) की अंतरिम राजधानी बनाया गया। देहरादून नगर पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसका विस्तृत पौराणिक इतिहास है। .

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नई दिल्ली

नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करता है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्‍ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्‍योंकि य‍ह देश के उत्तर में है और यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्‍ली ले जाने के आदेश दे दिए। वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या उसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है। 1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए के प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है। .

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नैनीताल

नैनीताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। यह नैनीताल जिले का मुख्यालय भी है। कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यह 'छखाता' परगने में आता है। 'छखाता' नाम 'षष्टिखात' से बना है। 'षष्टिखात' का तात्पर्य साठ तालों से है। इस अंचल में पहले साठ मनोरम ताल थे। इसीलिए इस क्षेत्र को 'षष्टिखात' कहा जाता था। आज इस अंचल को 'छखाता' नाम से अधिक जाना जाता है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। .

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख शहर है। पिथौरागढ़ का पुराना नाम सोरघाटी है। सोर शब्द का अर्थ होता है-- सरोवर। यहाँ पर माना जाता है कि पहले इस घाटी में सात सरोवर थे। दिन-प्रतिदिन सरोवरों का पानी सूखता चला गया और यहाँपर पठारी भूमि का जन्म हुआ। पठारी भूमी होने के कारण इसका नाम पिथौरा गढ़ पड़ा। पर अधिकांश लोगों का मानना है कि यहाँ राय पिथौरा (पृथ्वीराज_चौहान) की राजधानी थी। उन्हीं के नाम से इस जगह का नाम पिथौरागढ़ पड़ा। राय पिथौरा ने नेपाल से कई बार टक्कर ली थी। यही राजा पृथ्वीशाह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। .

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पंतनगर

पंतनगर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद में स्थित एक नगर है। गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा पंतनगर विमानक्षेत्र यहां ही स्थित हैं। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, गोविन्द बल्लभ पन्त के नाम पर ही इस नगर का नाम पंतनगर रखा गया है। .

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पंतनगर विमानक्षेत्र

पंतनगर विमानक्षेत्र पंतनगर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VIPT और IATA कोड है PGH। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 3600 फी.

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बद्री दत्त पाण्डेय

बद्री दत्त पांडे (जन्म 15 फरवरी 1882, कनखल हरिद्वार) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। सात वर्ष की आयु में उनके माता-पिता का निधन हो गया। बद्री दत्त पांडे मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले थे। इसलिए माता-पिता के निधन के बाद वह अल्मोड़ा आ गए। अल्मोड़ा में ही उन्होंने पढ़ाई की। 1903 में उन्होंने नैनीताल में एक स्कूल में शिक्षण कार्य किया। कुछ समय बाद देहरादून में उनकी सरकारी नौकरी लग गई, लेकिन जल्दी ही उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और पत्रकारिता में आ गए। उन्होंने 1903 से 1910 तक देहरादून में लीडर नामक अखबार में काम किया। 1913 में उन्होंने अल्मोड़ा अखबार की स्थापना की। उन्होंने इस अखबार के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने का काम किया। इसी कारण कई बार अंग्रेज अफसर इस अखबार के प्रकाशन पर रोक लगा देते थे। अल्मोड़ा अखबार को ही उन्होंने शक्ति अखबार का रूप दिया। शक्ति साप्ताहिक अखबार आज भी लगातार प्रकाशित हो रहा है। 1921 में कुली बेगार आंदोलन में बीडी पांडे की भूमिका को हमेशा याद किया जाता है। उन्हें कुमाऊं केसरी की उपाधि से भी नवाजा गया। बद्री दत्त पांडे 1921 में एक साल, 1930 में 18 माह, 1932 में एक साल, 1941 में तीन माह जेल में रहे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी उन्हें जेल भेजा गया। आजादी के बाद भी अल्मोड़ा में रहकर वह सामाजिक कार्यों में सक्रियता से हिस्सा लेते रहे। 1957 में दूसरी लोकसभा के लिए हुए चुनाव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरगोविंद पंत चुने गए, लेकिन कुछ ही माह में उनका निधन हो गया। इसके बाद सितंबर 1957 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बद्री दत्त पांडे को प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुए। बद्री दत्त पांडे बहुत बेबाक माने जाते थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलने वाली पेंशन आदि का लाभ भी नहीं लिया। 1962 के चीन युद्ध के समय अपने सारे मेडल, पुरस्कार आदि सरकार को भेंट कर दिए। 13 फरवरी 1965 को पंडित बद्रीदत्त पाण्डेय का निधन हो गया। श्रेणी:1882 में जन्मे लोग श्रेणी:१९६५ में निधन श्रेणी:भारतीय स्वतंत्रता सेनानी.

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बागेश्वर जिला

बागेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है, जिसके मुख्यालय बागेश्वर नगर में स्थित हैं। इस जिले के उत्तर तथा पूर्व में पिथौरागढ़ जिला, पश्चिम में चमोली जिला, तथा दक्षिण में अल्मोड़ा जिला है। बागेश्वर जिले की स्थापना १५ सितंबर १९९७ को अल्मोड़ा के उत्तरी क्षेत्रों से की गयी थी। २०११ की जनगणना के अनुसार रुद्रप्रयाग तथा चम्पावत के बाद यह उत्तराखण्ड का तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है। यह जिला धार्मिक गाथाओं, पर्व आयोजनों और अत्याकर्षक प्राकृतिक दृश्यों के कारण प्रसिद्ध है। प्राचीन प्रमाणों के आधार पर बागेश्वर शब्द को ब्याघ्रेश्वर से विकसित माना गया है। यह शब्द प्राचीन भारतीय साहित्य में अधिक प्रसिद्ध है। बागनाथ मंदिर, कौसानी, बैजनाथ, विजयपुर आदि जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जिले में ही स्थित पिण्डारी, काफनी, सुन्दरढूंगा इत्यादि हिमनदों से पिण्डर तथा सरयू नदियों का उद्गम होता है। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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भारत-चीन युद्ध

भारत-चीन युद्ध जो भारत चीन सीमा विवाद के रूप में भी जाना जाता है, चीन और भारत के बीच 1962 में हुआ एक युद्ध था। विवादित हिमालय सीमा युद्ध के लिए एक मुख्य बहाना था, लेकिन अन्य मुद्दों ने भी भूमिका निभाई। चीन में 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी तो भारत चीन सीमा पर हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो गयी। भारत ने फॉरवर्ड नीति के तहत मैकमोहन रेखा से लगी सीमा पर अपनी सैनिक चौकियाँ रखी जो 1959 में चीनी प्रीमियर झोउ एनलाई के द्वारा घोषित वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी भाग के उत्तर में थी। चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू किये। चीनी सेना दोनों मोर्चे में भारतीय बलों पर उन्नत साबित हुई और पश्चिमी क्षेत्र में चुशूल में रेजांग-ला एवं पूर्व में तवांग पर अवैध कब्ज़ा कर लिया। चीन ने 20 नवम्बर 1962 को युद्ध विराम की घोषणा कर दी और साथ ही विवादित दो क्षेत्रों में से एक से अपनी वापसी की घोषणा भी की, हलाकिं अक्साई चिन से भारतीय पोस्ट और गश्ती दल हटा दिए गए थे, जो संघर्ष के अंत के बाद प्रत्यक्ष रूप से चीनी नियंत्रण में चला गया। भारत-चीन युद्ध कठोर परिस्थितियों में हुई लड़ाई के लिए उल्लेखनीय है। इस युद्ध में ज्यादातर लड़ाई 4250 मीटर (14,000 फीट) से अधिक ऊंचाई पर लड़ी गयी। इस प्रकार की परिस्थिति ने दोनों पक्षों के लिए रसद और अन्य लोजिस्टिक समस्याएँ प्रस्तुत की। इस युद्ध में चीनी और भारतीय दोनों पक्ष द्वारा नौसेना या वायु सेना का उपयोग नहीं किया गया था। .

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भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

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रामनगर, उत्तराखण्ड

रामनगर, उत्तराखण्ड, भारत के नैनीताल ज़िले में स्थित एक कस्बा और नगर निगम बोर्ड है। यह जिला मुख्यालय नैनीताल से ६५ किमी और देश की राजधानी दिल्ली से लगभग २६० किमी की दूरी पर स्थित है। रामनगर, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रसिद्ध है। यह कस्बा इस राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेशद्वार है। आसपास के अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं गर्जिया देवी मन्दिर और सीता बनी मन्दिर। .

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शिव

शिव या महादेव हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ,गंगाधार के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है। भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। राम, रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। .

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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हल्द्वानी

हल्द्वानी, उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित एक नगर है जो काठगोदाम के साथ मिलकर हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम बनाता है। हल्द्वानी उत्तराखण्ड के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है और इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। कुमाऊँनी भाषा में इसे "हल्द्वेणी" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ "हल्दू" (कदम्ब) प्रचुर मात्रा में मिलता था। सन् १८१६ में गोरखाओं को परास्त करने के बाद गार्डनर को कुमाऊँ का आयुक्त नियुक्त किया गया। बाद में जॉर्ज विलियम ट्रेल ने आयुक्त का पदभार संभाला और १८३४ में "हल्दु वनी" का नाम हल्द्वानी रखा। ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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गढ़वाली भाषा

गढ़वाली भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। .

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काठगोदाम रेलवे स्टेशन

काठगोदाम रेलवे स्टेशन भारतीय रेल का एक रेलवे स्टेशन है। यह काठगोदाम शहर में स्थित है। इसकी ऊंचाई मी.

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कुमाऊँ मण्डल

यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैं:-.

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कुमाऊँनी भाषा

कुमांऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमांऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त असम, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब, तथा हिमाचल प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है। .

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अल्मोड़ा

अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .

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उत्तरायणी मेला, बागेश्वर

उत्तरायणी मेला उत्तरांचल राज्य के बागेश्वर शहर में आयोजित होता है। तहसील व जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत सरयू गोमती व सुष्प्त भागीरथी नदियों के पावन सगंम पर उत्तरायणी मेला बागेश्वर का भव्य आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सगंम में स्नान करने से पाप कट जाते है बागेश्वर दो पर्वत शिखरों की उपत्यका में स्थित है इसके एक ओर नीलेश्वर तथा दूसरी ओर भीलेश्वर शिखर विद्यमान हैं बागेश्वर समुद्र तट से लगभग 960 मीटर की ऊचांई पर स्थित है। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उत्तराखण्ड और बागेश्वर के बीच तुलना

उत्तराखण्ड 271 संबंध है और बागेश्वर 62 है। वे आम 26 में है, समानता सूचकांक 7.81% है = 26 / (271 + 62)।

संदर्भ

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