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उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची के बीच अंतर

उत्तर प्रदेश vs. उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। . उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची के बीच समानता

उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची आम में 59 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): टूण्डला, एटा, झाँसी, दिल्ली, देवरिया, प्रतापगढ़ जिला, पीलीभीत जिला, फतेहपुर जिला, फ़र्रूख़ाबाद, फ़िरोज़ाबाद, फ़ैज़ाबाद, बदायूँ, बरेली, बलिया, बस्ती, उत्तर प्रदेश, बहराइच, बाराबंकी, बागपत, बांदा, बिजनौर, मथुरा, महाराजगंज, मुरादाबाद, मुज़फ़्फ़रनगर, मैनपुरी, मेरठ, रायबरेली, लखनऊ, लखीमपुर-खीरी, शाहजहाँपुर जिला, ..., श्रावस्ती, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर जिला, संत रविदास नगर जिला, संत कबीर नगर जिला, सुल्तानपुर जिला, सोनभद्र जिला, सीतापुर जिला, हापुड़, जालौन, ज्योतिबा फुले नगर, जौनपुर, वाराणसी, गढ़ मुक्तेश्वर, ग़ाज़ियाबाद ज़िला, गोरखपुर, औरैया जिला, आज़मगढ़, आगरा, इटावा, इलाहाबाद, कानपुर, कानपुर देहात जिला, कानपुर नगर जिला, कासगंज, कौशाम्बी जिला, अम्बेडकर नगर ज़िला, अलीगढ़, उन्नाव सूचकांक विस्तार (29 अधिक) »

टूण्डला

टुंडला उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले का एक कस्बा है। यह आगरा से २४ किमी दूर है। टूंडला एक प्रमुख रेलवे जंक्शन भी है। यहाँ पर अभिनेता राजबब्बर का मकान भी है। .

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एटा

एटा भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। यह एटा जिला का मुख्यालय है। यहाँ के प्रमुख स्थलों में पटना पक्षी विहार, कैलाश मंदिर, छ्छैना गाँव की पानी से चलने वाली आटा चक्की आदि हैं। इसे पृथ्वीराज चौहान के सरदार राजा संग्राम सिंह ने बसाया था। इसने एटा में एक सुदृढ़ मिट्टी का दुर्ग बनवाया था जिसके खंडहर आज भी मौजूद हैं। .

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झाँसी

झाँसी भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। यह शहर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है और बुंदेलखंड क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। झाँसी एक प्रमुख रेल एवं सड़क केन्द्र है और झाँसी जिले का प्रशासनिक केन्द्र भी है। झाँसी शहर पत्थर निर्मित किले के चारों तरफ़ फ़ैला हुआ है, यह किला शहर के मध्य स्थित बँगरा नामक पहाड़ी पर निर्मित है। उत्तर प्रदेश में 20.7 वर्ग कि मी.

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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देवरिया

देवरिया (Deoria) भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर और इसी नाम के जिले का मुख्यालय है। देवरिया गोरखपुर से क़रीब 50 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। देवरिया के पास ही कुशीनगर स्थित है जो महात्मा बुद्ध के निर्वाणस्थल के रूप में एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल है। .

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प्रतापगढ़ जिला

उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत प्रतापगढ़ जिला प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसे को बेला, बेल्हा, परतापगढ़, या प्रताबगढ़ भी कहा जाता है। यह प्रतापगढ़ जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है। इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है। .

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पीलीभीत जिला

पीलीभीत भारतीय के उत्तर प्रदेश प्रांत का एक जिला है, जिसका मुख्यालय पीलीभीत है। इस जिले की साक्षरता - ६१% है, समुद्र तल से ऊँचाई -१७१ मीटर और औसत वर्षा - १४०० मि.मी.

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फतेहपुर जिला

फतेहपुर जिला उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है जो कि पवित्र गंगा एवं यमुना नदी के बीच बसा हुआ है। फतेहपुर जिले में स्थित कई स्थानों का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है जिनमें भिटौरा, असोथर अश्वस्थामा की नगरी) और असनि के घाट प्रमुख हैं। भिटौरा, भृगु ऋषि की तपोस्थली के रूप में मानी जाती है। फतेहपुर जिला इलाहाबाद मंडल का एक हिस्सा है और इसका मुख्यालय फतेहपुर शहर है। .

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फ़र्रूख़ाबाद

फ़र्रूख़ाबाद भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। फ़र्रूख़ाबाद जिला, उत्तर प्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है। इसका परिमाप १०५ किलो मीटर लम्बा तथा ६० किलो मीटर चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल ४३४९ वर्ग किलो मीटर है, गंगा, रामगंगा, कालिन्दी व ईसन नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां हैं। यहाँ गंगा के पश्चिमी तट पर आबादी बहुत समय पहले से पायी जाती है। .

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फ़िरोज़ाबाद

फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश का एक शहर एवं जिला मुख्यालय है।यह शहर चूड़ियों के निर्माण के लिये प्रसिद्ध है। यह आगरा से 40 किलोमीटर और राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व की तरफ स्थित है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ यहाँ से लगभग 250 किमी पूर्व की तरफ है। फिरोज़ाबाद ज़िले के अन्तर्गत दो कस्बे टुंडला और शिकोहाबाद आते हैं। टुंडला पश्चिम तथा शिकोहाबाद शहर के पूर्व में स्थित है। फिरोज़ाबाद में मुख्यतः चूडियों का कारोबार होता है। यहाँ पर आप रंग बिरंगी चूडियों को अपने चारों ओर देख सकते हैं। लेकिन अब यहाँ पर गैस का कारोबार होता है। यहाँ पर काँच का अन्य सामान (जैसे काँच के झूमर) भी बनते हैं। इस शहर की आबो हवा गरम है। यहाँ की आबादी बहुत घनी है। यहाँ के ज्यादातर लोग कोरोबार से जुडे हैं। घरों के अन्दर महिलाएं भी चूडियों पर पालिश और हिल लगाकर रोजगार अर्जित कर लेती हैं। बाल मज़दूरी यहाँ आम है। सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद उन पर अंकुश नहीं लगा सकी है। जबकि पंडित तोताराम सनाढय द्वारा बंधुआ मजदूरी/गिरमिटिया प्रथा को फिजी में समाप्त किया।जिनकी जन्म स्थली फीरोजाबाद से लगभग 8 किलो मीटर दूर गाओं हिरन गाओं में है !फिरोजाबाद को प्राचीन समय में चन्द्रनगर के नाम से जाना जाता था .

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फ़ैज़ाबाद

फ़ैज़ाबाद भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक नगर है।भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। .

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बदायूँ

बदायूं भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। बदायूँ, उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। यह गंगा की सहायक नदी स्रोत के समीप स्थित है। 11वीं शती के एक अभिलेख में, जो बदायूँ से प्राप्त हुआ है, इस नगर का तत्कालीन नाम वोदामयूता कहा गया है। इस लेख से ज्ञात होता है कि उस समय बदायूँ में पांचाल देश की राजधानी थी। बर्तमान में बदायूं जिला, रूहेलखण्ड में आता है, रूहेलखण्ड में बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मुरादाबाद,सम्भल,अमरोहा,रामपुर,बिजनौर जिले सामिल है। .

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बरेली

बरेली उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बरेली जिले में स्थित एक शहर है। यह उत्तर प्रदेश में आठवां सबसे बड़ा महानगर, और भारत का ५०वां सबसे बड़ा शहर है। रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर रोहिलखंड के ऐतिहासिक क्षेत्र की राजधानी था। .

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बलिया

बलिया (भोजपुरी: बलिया या बलिंयाँ) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में एक नगर निगम वाला शहर है। यह अपने ही नाम के जिले का मुख्यालय भी है। इस शहर की पूर्वी सीमा गंगा और सरयू के संगम द्वारा बनायी जाती है। यह शहर वाराणसी से 155 किलोमीटर स्थित है। भोजपुरी यहाँ की प्राथमिक स्थानीय भाषा है। यह क्षेत्र गंगा और घाघरा के बीच के जलोढ़ मैदानों में स्थित है। अक्सर बाढ़ग्रस्त रहने वाले इस उपजाऊ क्षेत्र में चावल, जौ, मटर, ज्वार-बाजरा, दालें, तिलहन और गन्ना उगाया जाता है। .

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बस्ती, उत्तर प्रदेश

यह भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर और बस्ती जिला का मुख्यालय है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बस्ती जिला गोण्डा जिले के पूर्व और संत कबीर नगर के पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश का सातवां बड़ा जिला है। प्राचीन समय में बस्ती को 'कौशल' के नाम से जाना जाता था। Created by_Deepak Patel .

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बहराइच

बहराइच नगर और ज़िला उत्तरी भारत के पूर्व-मध्य उत्तर प्रदेश राज्य और नेपाल के नेपालगंज व लखनऊ के बीच रेलमार्ग पर स्थित है। .

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बाराबंकी

बाराबंकी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर एवं जिला मुख्यालय है। .

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बागपत

बागपत भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। श्रेणी:उत्तर प्रदेश श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर.

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बांदा

बांदा भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। बांदा शहर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य केन नदी (यमुना की सहायता नदी) के पास स्थित हैं। बांदा रेल लाइन और सड़क जंक्शन पर स्थित एक कृषि बाज़ार है। इस शहर का व्यापार घटता जा रहा है और दक्षिण की ओर जाती सड़क का अब रख-रखाव नहीं किया जाता है। यह शहर बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है। इस शहर का नाम महर्षि वामदेव के नाम पर है। बाँदा महर्षि वामदेव की तपोभूमि है। यह शहर केन नदी के के किनारे स्थित है। सड़क मार्ग द्वारा ये अच्छे से अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। बाँदा शहर में बाँदा जंक्शन रेलवे स्टेशन भी है। बाँदा एक एतिहासिक शहर है। ये शहर बाँदा जिले का मुख्यालय भी है। बाँदा के चारो तरफ अनेक पर्यटन स्थल हैं। चित्रकूट यहां से करीब 60 किमी, कालिंजर करीब 60 किमी है। .

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बिजनौर

बिजनौर भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। हिमालय की उपत्यका में स्थित बिजनौर को जहाँ एक ओर महाराजा दुष्यन्त, परमप्रतापी सम्राट भरत, परमसंत ऋषि कण्व और महात्मा विदुर की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है, वहीं आर्य जगत के प्रकाश स्तम्भ स्वामी श्रद्धानन्द, अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक डॉ॰ आत्माराम, भारत के प्रथम इंजीनियर राजा ज्वालाप्रसाद आदि की जन्मभूमि होने का सौभाग्य भी प्राप्त है। साहित्य के क्षेत्र में जनपद ने कई महत्त्वपूर्ण मानदंड स्थापित किए हैं। कालिदास का जन्म भले ही कहीं और हुआ हो, किंतु उन्होंने इस जनपद में बहने वाली मालिनी नदी को अपने प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का आधार बनाया। अकबर के नवरत्नों में अबुल फ़जल और फैज़ी का पालन-पोषण बास्टा के पास हुआ। उर्दू साहित्य में भी जनपद बिजनौर का गौरवशाली स्थान रहा है। क़ायम चाँदपुरी को मिर्ज़ा ग़ालिब ने भी उस्ताद शायरों में शामिल किया है। नूर बिजनौरी जैसे विश्वप्रसिद्ध शायर इसी मिट्टी से पैदा हुए। महारनी विक्टोरिया के उस्ताद नवाब शाहमत अली भी मंडावर,बिजनौर के निवासी थे, जिन्होंने महारानी को फ़ारसी की पढ़ाया। संपादकाचार्य पं. रुद्रदत्त शर्मा, बिहारी सतसई की तुलनात्मक समीक्षा लिखने वाले पं. पद्मसिंह शर्मा और हिंदी-ग़ज़लों के शहंशाह दुष्यंत कुमार,विख्यात क्रांतिकारी चौधरी शिवचरण सिंह त्यागी, पैजनियां - भी बिजनौर की धरती की देन हैं। वर्तमान में महेन्‍द्र अश्‍क देश विदेश में उर्दू शायरी के लिए विख्‍यात हैं। धामपुर तहसील के अन्‍तर्गत ग्राम किवाड में पैदा हुए महेन्‍द्र अश्‍क आजकल नजीबाबाद में निवास कर रहे हैं। .

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मथुरा

मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। .

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महाराजगंज

महाराजगंज अनेक साधु-संतों व ऋषि-मुनियों की कर्मस्थली है। यह उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिला मुख्यालय भी है। खूबसूरत वन, वनस्पतियां और धान के लहराते हुए खेत इस जगह की सुंदरता को और अधिक बढ़ाते हैं। अदरौना देवी का मंदिर, तपस्थली, प्राचीन शिवलिंग, शिव मंदिर, विष्णु मंदिर, बनर सिंहागढ़ और सोनाड़ी देवी महाराजगंज के प्रमुख स्थलों में से है। Kharharwa Shiv Mandir,Kolhui Bazar Ram Prakash Sahani https://www.facebook.com/hateyoutimepass भारत-नेपाल सीमा के समीप स्थित महाराजगंज उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। इसका जिला मुख्यालय महाराजगंज शहर स्थित है। पहले इस जगह को कारापथ के नाम से जाना जाता था। यह जिला नेपाल के उत्तर, गोरखपुर जिले के दक्षिण, पदरूना जिले के पूर्व और सिद्धार्थ नगर व संत कबीर नगर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण स्थल है। .

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मुरादाबाद

मुरादाबाद भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक नगर है जो कि पीतल हस्तशिल्प के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है। रामगंगा नदी के तट पर स्थित मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका निर्यात केवल भारत में ही नहीं अपितु अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया आदि देशों में भी किया जाता है। अमरोहा, गजरौला और तिगरी आदि यहाँ के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से हैं।http://moradabad.nic.in/ रामगंगा और गंगा यहाँ की दो प्रमुख नदियाँ हैं। मुरादाबाद विशेष रूप से प्राचीन समय की हस्तकला, पीतल के उत्पादों पर की रचनात्मकता और हॉर्न हैंडीक्राफ्ट के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह जिला बिजनौर जिला के उत्तर, बदायूँ जिला के दक्षिण, रामपुर जिला के पूर्व और ज्योतिबा फुले नगर जिला के पश्चिम से घिरा हुआ है। .

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मुज़फ़्फ़रनगर

मुज़फ़्फ़रनगर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। ये मुज़फ़्फ़रनगर जिले का मुख्यालय भी है। .

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मैनपुरी

मैनपुरी भारत में उत्तर प्रदेश के आगरा मण्डल का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। किलों के लिए प्रसिद्ध मैनपुरी उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। अकबर औछा, अम्बरपुर वेटलैंड, समान वन्यजीव अभ्यारण, बर्नहाल और करीमगंज आदि यहां के प्रमुख स्थलों में से है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह जिला इत: जिले के उत्तर, फरूखाबाद एवं कन्नौज जिले के पूर्व, इटावा जिले के दक्षिण और फिरोजाबाद जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। मैनपुरी जिले का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से ही है। मैनपुरी और उसके आस-पास की जगह पर कन्नौज के शासकवंश का शासन था। 1526 के दौरान यहां पर मुगल शासक बाबर, अठाहरवीं शताब्दी में मराठों और फिर अवध के नवाब वजीर ने शासन किया था। अंत में 1801 ई. में यहां ब्रिटिश शासकों ने शासन किया। मैनपुरी जिला कृषि उत्पादों का प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है। .

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मेरठ

मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है .

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रायबरेली

रायबरेली भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का लखनऊ डिवीजन का एक शहर है। यह लखनऊ से 80 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। रायबरेली उत्तर प्रदेश राज्य का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। यहाँ पर अनेक प्राचीन इमारतें हैं। जिनमें क़िला, महल और कुछ सुन्दर मस्ज़िदें हैं। यह श्रीमती इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है। यहाँ कई उद्योगों की स्थापना की गई है जिनमें केन्द्र सरकार की इंण्डियन टेलीफ़ोन इण्डस्ट्रीज मुख्य है। .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लखीमपुर-खीरी

यह भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। यह लखीमपुर खीरी जिला में आता है। "खीरी" उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। यह जिला भारत-नेपाल सीमा और पीलीभीत, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर एवं बेहराइच जिलों से घिरा हुआ है। खीरी को 'लखीमपुर-खीरी' जिले के नाम से भी जाना जाता है। पहले इस जगह को लक्ष्मीपुर जिले के नाम से जाना जाता था। पुराने समय में यह जिला खर के वृक्षों से घिरा हुआ था। अत: खीरी नाम खर वृक्षों का ही प्रतीक है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गोला- गोकरनाथ(छोेटी काशी), देवकाली, लिलौटीनाथ और फ्रांग मंदिर(ई॰ १८६०-१८७०) आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है। क्षेत्रफल की दृष्टि(लगभग ७६८० वग॔ किलोमी॰) से यह जिला उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला हैं। .

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शाहजहाँपुर जिला

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़ या शहीदों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शाहजहांपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वां नगर निगम का दर्जा मिला है । .

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श्रावस्ती

भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश प्रांत के गोंडा-बहराइच जिलों की सीमा पर यह प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से १२ मील पश्चिम में आज का सहेत-महेत गाँव ही श्रावस्ती है। प्राचीन काल में यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी। भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। श्रावस्ती बौद्ध व जैन दोनों का तीर्थ स्थान है। तथागत दीर्घ काल तक श्रावस्ती में रहे थे। यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक असंख्य स्वर्ण मुद्राएँ व्यय करके भगवान बुद्ध के लिए जेतवन बिहार बनवाया था। अब यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर हैं। .

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सहारनपुर

सहारनपुर उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। सहारनपुर की स्थापना 1340 के आसपास हुई और इसका नाम एक राजा सहारन पीर के नाम पर पड़ा। सहारनपुर की काष्ठ कला और देवबन्द दारूल उलूम विश्वपटल पर सहारनपुर को अलग पहचान दिलाते हैं। .

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सिद्धार्थनगर जिला

अंगूठाकार सिद्धार्थनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक जिला है। जिले का मुख्यालय सिद्धार्थनगर है जो नौगढ़ तहसील के अन्तर्गत आता है। यह जनपद ऐतिहासिक शाक्य जनपद के खण्डहरों के लिए प्रसिद्ध है, जो नौगढ़ से 18 कि॰मी॰ दूर पिपरहवा में है। क्षेत्रफल -2572 वर्ग कि.मी.

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संत रविदास नगर जिला

भदोही ज़िला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। जिले का मुख्यालय ज्ञानपुर में है। पहले यह वाराणसी जिले में था।भदोही ज़िला इलाहाबाद और वाराणसी के बीच मे स्थित है| यहा का कालीन उद्योग विश्व प्रसिद्ध है और कृषी के बाद दूसरा प्रमुख रोजगार का श्रोत है| .

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संत कबीर नगर जिला

संत कबीर नगर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। जिले का मुख्यालय खलीलाबाद है। क्षेत्रफल - 1659.15 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 1,152,110 (1991 जनगणना) साक्षरता - 33 % (1991) एस॰टी॰डी॰ कोड - 05547 जिलाधिकारी - भूपेंद्र चौधरी समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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सुल्तानपुर जिला

उत्तर प्रदेश भारत देश का सर्वाधिक जिलों वाला राज्य है, जिसमें कुल 75 जिले हैं। आदिगंगा गोमती नदी के तट पर बसा सुल्तानपुर इसी राज्य का एक प्रमुख जिला है। यहाँ के लोग सामान्यत: वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और लखनऊ जिलों में पढ़ाई करने जाते हैं। सुल्तानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और खड़ी बोली है। .

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सोनभद्र जिला

सोनभद्र जिला (काले रंग में) सोनभद्र भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय राबर्ट्सगंज है। सोनभद्र जिला, मूल मिर्जापुर जिले से 4 मार्च 1989 को अलग किया गया था। 6,788 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यह उत्तर प्रदेश का दुसरा सबसे बड़ा जिला है। यह 23.52 तथा 25.32 अंश उत्तरी अक्षांश तथा 82.72 एवं 93.33 अंश पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। जिले की सीमा पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण में छत्तीसगढ़, पूर्व में झारखण्ड तथा बिहार एवं उत्तर में उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला है। रार्बट्सगंज जिले का प्रमुख नगर तथा जिला मुख्यालय है। जिले की जनसंख्या 14,63,519 है तथा इसका जनसंख्या घनत्व उत्तर प्रदेश में सबसे कम 198 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। सोन नदी जिले में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। इसकी सहायक नदी रिहन्द जो छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के पठार से निकलती है सोन में जिले के केन्द्र में मिल जाती है। रिहन्द नदी पर बना गोवन्दि वल्लभ पंत सागर आंशिक रूप से जिले में तथा आंशिक रूप से मध्य प्रदेश में आता है। जिले में दो भौगोलिक क्षेत्र हैं जिनमें से क्षेत्रफल में हर एक लगभग 50 प्रतिशत है। पहला पठार है जो विंध्य पहाड़ियों से कैमूर पहाड़ियों तक होते हुए सोन नदी तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र गंगा घाटी से 400 से 1,100 फिट ऊंचा है। दूसरा भाग सोन नदी के दक्षिण में सोन घाटी है जिसमें सिंगरौली तथा दुध्दी आते हैं। यह अपने प्राकृतिक संसाधनों एवं उपजाऊ भूमि के कारण विख्यात हैं। स्वतंत्रता मिलने के लगभग 10 वर्षों तक यह क्षेत्र (तब मिर्जापुर जिले का भाग) अलग-थलग था तथा यहां यातायात या संचार के कोई साधन नहीं थे। पहाड़ियों में चूना पत्थर तथा कोयला मिलने के साथ तथा क्षेत्र में पानी की बहुतायत होने के कारण यह औद्योगिक स्वर्ग बन गया। यहां पर देश की सबसे बड़ी सीमेन्ट फैक्ट्रियां, बिजली घर (थर्मल तथा हाइड्रो), एलुमिनियम एवं रासायनिक इकाइयां स्थित हैं। साथ ही कई सारी सहायक इकाइयां एवं असंगठित उत्पादन केन्द्र, विशेष रूप से स्टोन क्रशर इकाइयां, भी स्थापित हुई हैं। क्षेत्रफल -6,788 वर्ग कि.मी जनसंख्या - 1,862,559(2011 जनगणना) साक्षरता - 70% एस.

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सीतापुर जिला

सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है। प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी श्रावस्ती नरेस सुहेलदेव राजभर और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं।जिले के ब्लॉक गोंदलामऊ में चित्रांशों का प्राकृतिक छठा बिखेरता खूबसूरत व ऐतिहासिक गांव असुवामऊ है।इस धार्मिक गांव में शारदीय नवरात्रि के मौके पर सप्तमी की रात भद्रकाली की पूजा पूरी आस्था से मनाई जाती है। .

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हापुड़

हापुड़ भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह नए बनाए गए जिले का मुख्यालय हैं। यह एक रेलवे का जंक्शन भी है। यह ज़िले की प्रसिद्ध व्यपारिक मण्डी है। यहाँ पर तिलहन, गुड़, गल्ले और कपास का व्यापार अधिक होता है। हापुड़ (हिन्दी- उर्दू) के बारे में-- ३,१०,000 की आबादी का एक मध्यम आकार के शहर है और स्टेनलेस स्टील पाइप, ट्यूब और हब बनाने के रूप में विख्यात, हापुड़ कागज शंकु और ट्यूबों के लिए भी प्रसिद्ध है। भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगभग 60 किमी दूर स्थित यह शहर जिले का मुख्यालय भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग-9 दिल्ली को लखनऊ से जोड़ने वाला राजमार्ग भी शहर से गुजरता है। हापुड़ शहर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। .

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जालौन

जालौन पूर्वी-मध्य भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। गंगा के जलोढ़ मैदानों पर 4,549 किलोमीटर क्षेत्र में फैला जालौन उत्तर में यमुना नदी द्वारा सीमाबद्ध है। बेतवा प्रणाली सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराती है। जालौन की फ़सलों में गेहूँ, चना व सरसों शामिल हैं। कालपी नगर के समीप बबूल के वृक्षों के बाग़ान हैं। जालौन का प्रशासनिक मुख्यालय, उरई कानपुर के 105 किलोमीटर दक्षिण में है, जिससे वह सड़क व रेल से जुड़ा है। rampura कृषि उपज का व्यापारिक केंद्र है। इसके प्रमुख ग्राम बंगरा रूरा कमशेरा मिझोना निचाबदी हैश्रेणी:उत्तर प्रदेश श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर देश 🇮🇳 भारत प्रदेश उत्तर प्रदेश तहसील जालौन जिला जालौन जनसंख्या (2011) मत 44,000 Languages Official हिंदी समय मंडल IST(यूटीसी +5:30) PIN.

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ज्योतिबा फुले नगर

ज्योतिबा फुले नगर पहले मुरादाबाद जिले का एक हिस्सा था। तब इसे अमरोहा कहा जाता था। 24 अप्रैल 1997 ई. को संत महात्मा ज्योतिबा फुले की याद में यह इस जगह को एक अलग जिले, ज्योतिबा फुले नगर जिला के रूप में घोषित किया गया था। गंगा और कृष्णा यहां की प्रमुख नदियां है। यह जिला बिजनौर जिला के उत्तर, मुरादाबाद जिला के पूर्व और मेरठ जिला, गाजियाबाद जिला तथा बुलंदशहर जिला के पश्चिम से घिरा हुआ है। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 2,470 वर्ग किलोमीटर है। अमरोहा, वसुदेव मंदिर, तुलसी पार्क, गजरौला, रजाबपुर, कंखाथर और तिगरी आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। अमरोहा पहले बड़ा नगर था। अमरोहा कृषि उत्पादों की मंडी होने के साथ-साथ अमरोहा में मुख्यतः हथकरघा वस्त्र, मिट्टी के बर्तन उद्योग व चीनी की मिलें हैं। अमरोहा रेल मार्ग से मुरादाबाद व दिल्ली से जुड़ा हुआ है। अमरोहा में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के अलावा मुस्लिम पीर शेख़ सद्दू की दरगाह भी है। .

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जौनपुर

जौनपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है। मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर वाराणसी से 58 किलोमीटर और इलाहाबाद से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था I वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर सल्तनत के अंतर्गत आता था, जिसपर शर्की शासक जौनपुर से शासन करते थे I .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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गढ़ मुक्तेश्वर

गढ़मुक्तेश्वर, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जिले का शहर एवं तहसील मुख्यालय है। इसे गढ़वाल राजाओं ने बसाया था। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर गढ़वाल राजाओं की राजधानी था; बाद में इसपर पृथ्वीराज चौहान का अधिकार हो गया। 'गढ़मुक्तेश्वर' राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से १०० किलोमीटर दूर 'राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24' पर बसा है। गढ़ मुक्तेश्वर मेरठ से 42 किलोमीटर दूर स्थित है और गंगा नदी के दाहिने किनारे पर बसा है। विकास की दृष्टि से गढ़ मुक्तेश्वर सबसे पिछड़ी तहसील मानी जाती है, किन्तु सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला गंगा स्नान पर्व उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार, यहाँ पर अभिशप्त शिवगणों की पिशाच योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़ मुक्तेश्वर' अर्थात् 'गण मुक्तेश्वर (गणों को मुक्त करने वाले ईश्वर) नाम से प्रसिद्ध हुआ। .

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ग़ाज़ियाबाद ज़िला

ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक जिला है। नगर का नाम ग़ाज़ी-उद्-दीन के नाम पर पडा़ है। बाद में इसका नाम ग़ाज़ियाबाद हो गया जो प्रयोग में छोटा और सरल था। यहाँ भारत इलेक्ट्रोनिक्स लि० तथा अग्रिम स्तरीय दूरसंचार प्रशिक्षण केन्द्र (ALTTC) स्थित है। यह प्रमुख नगरीय क्षेत्र होने के नाते अच्छी तरह से सड़कों और रेल से जुड़ा हुआ है। हाल ही में एक बडी़ संख्या में शहर में मॉल और मल्टीप्लेक्स खुले हैं। सड़कों को चौड़ा किया जाने के साथ जगह जगह पर उड़नपुलों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है, तथा शीघ्र ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क से जुडने वाला है। इनके कारण इसे न्यूज़वीक इंटरनेशनल ने 2006 के लिए दुनिया के 10 सबसे प्रगतिशील शहरों में शामिल किया था। .

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गोरखपुर

300px गोरखपुर उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। यह गोरखपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, जैन और सिख सन्तों की साधनास्थली रहा। किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद उनके ही नाम पर इसका वर्तमान नाम गोरखपुर रखा गया। यहाँ का प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानन्द का जन्म स्थान भी है। इस शहर में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे, बौद्धों के घर, इमामबाड़ा, 18वीं सदी की दरगाह और हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों का प्रमुख प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस। 20वीं सदी में, गोरखपुर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक केन्द्र बिन्दु था और आज यह शहर एक प्रमुख व्यापार केन्द्र बन चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, जो ब्रिटिश काल में 'बंगाल नागपुर रेलवे' के रूप में जाना जाता था, यहीं स्थित है। अब इसे एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा/GIDA) की स्थापना पुराने शहर से 15 किमी दूर की गयी है। .

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औरैया जिला

औरैया भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। प्राचीन काल में पांचाल राज्य में शामिल था। जनपद मुख्यालय बनने से पूर्व यह इटावा जनपद का तहसील मुख्यालय रहा है। यह जिला कानपुर मंडल के अंतर्गत है। .

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आज़मगढ़

यह पृष्ठ आज़मगढ़ शहर के लिये हैं। आज़मगढ़ जनपद के लिये आजमगढ़ जिला और मण्डल के लिये आजमगढ़ मंडल देखें। आज़मगढ भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। आज़मगढ़ 1665 ई. में फुलवारिया नामक प्राचीन ग्राम के स्थान पर आजम ख़ाँ जो कि राजा विकर्मजीत सिंग के पुत्र थे उसने ही इस नगर की स्थापना कीया । यहाँ गौरीशंकर का मंदिर 1760 ई. में स्थानीय राजा के पुरोहित ने बनवाया था। आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश में स्थित है। तहसीलें सदर,सगड़ी, बूढ़नपुर,लालगंज, फूलपुर, निज़ामाबाद,मेंहनगर, ऐतिहासिक तमसा नदी के तट पर स्थित आजमगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य का एक महत्‍वपूर्ण जिला है। यह जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। आजमगढ़ गंगा और घाघरा नदी के मध्य बसा हुआ है। ऐतिहासिक द़ष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण था। यह जिला माऊ, गोरखपुर, गाजीपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर और अम्बेडकर जिले की सीमा से लगा हुआ है। पर्यटन की द़ष्टि से महाराजगंज, दुर्वासा, मुबारकपुर, मेहनगर, भवरनाथ मंदिर और अवन्तिकापुरी आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है। विक्रमजीत के पुत्र आजम खान, जो एक शक्तिशाली जमींदार था, शाहजहां के शासनकाल के दौरान 1665 ई. में आजमगढ़ की स्थापना करवाई थी। इसी कारण इस जगह को आजमगढ़ के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय में भी इस जगह का विशेष महत्व रहा है। महाराजगंज: छोटी सरयू नदी के तट पर बसा महाराजगंज जिला मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आजमगढ़ में राजाओं की नामावली अधिक लम्बी है यहीं वजह है कि इस जगह को महाराजगंज के नाम से जाना जाता है। यहां एक काफी पुराना मंदिर भी है। यह मंदिर भैरों बाबा को समर्पित है। भैरों बाबा को देओतरि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यह वहीं स्थान है जहां भगवान शिव की पत्‍नी पार्वती दक्ष यजन वेदी में सती हुई थी। प्रत्येक माह पूर्णिमा के दिन यहां मेले का आयोजन किया जाता है। मुबारकपुर: मुबारकपुर जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले इस जगह को कासिमाबाद के नाम से जाना जाता था। कुछ समय बाद इस जगह का पुर्ननिर्माण करवाया गया। इस जगह को दुबारा राजा मुबारक ने बनवाया था। यह जगह बनारसी साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इन बनारसी साड़ियों का निर्यात पूरे विश्व में होता है। इसके अलावा यहां ठाकुरजी का एक पुराना मंदिर और राजा साहिब की मस्जिद भी स्थित है। मेहनगर: यह जगह जिला मुख्यालय के पूर्व-दक्षिण में 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध किला है जिसका निर्माण राजा हरिबन ने करवाया था। इस किले में एक स्मारक और सरोवर है जो कि काफी प्रसिद्ध है। इस सरोवर को मदिलाह सरोवर के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष सरोवर से तीन किलोमीटर की दूरी पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है। दुर्वासा: यह स्थान फूलपुर तहसील मुख्यालय के उत्तर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह यहां स्थित दुर्वासा ऋषि के आश्रम के लिए काफी प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने यहां आया करते थे। भवरनाथ मंदिर: यह मंदिर आजमगढ़ जिले के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। भवरनाथ मंदिर शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर लगभग सौ वर्ष पुराना है। माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से इस मंदिर में आता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में भक्त इस मेले में एकत्रित होते हैं। अवन्तिकापुरी: मुहम्मदपुर स्थित अविन्कापुरी काफी प्रसिद्ध स्थान है। ऐसा माना जाता है कि राजा जन्मेजय ने एक बार पृथ्वी पर जितने भी सांप है उन्हें मारने के लिए यहां एक यज्ञ का आयोजन किया था। यहां स्थित मंदिर व सरोवर भी काफी प्रसिद्ध है। काफी संख्या में लोग इस सरोवर में डुबकी लगाते हैं। निज़ामाबाद:यह आज़मगढ़ मुख्यालय से 10 किमी पश्चिम में स्थित है। मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध यह स्थान हरिऔध, जैसे साहित्यकारों की जन्म स्थली भी है। यहाँ से मुबारकपुर से मंदुरी वाया तहबरपुर सड़क मार्ग से जुड़ा है। तहबरपुर निजामाबाद के उत्तर में स्थित बाज़ार है। तहबरपुर सीधे मुख्यालय (आजमगढ़) से भी सीधा जुड़ा हुआ है। यहाँ से विभिन्न गांवों से संपर्क मार्ग जुड़े हुए हैं जिनमें पूरा अचानक, कोेठिहार, मुस्तफ़ाबाद, चिरावल, रैसिंहपुर, बैरमपुर, ओरा, कोइनहाँ, आदि प्रमुख हैं। फेटी:-यह गांव आज़मगढ़ रेल्वे स्टेशन से 28 किलोमीटर दूरी पर स्थित है,यह गांव दिनेश श्रीनाथ बंदवार का गांव है .

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आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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इटावा

इटावा भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर स्थित है। इटावा शहर, पश्चिमी मध्य उत्तर-प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना (जमुना) नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं। .

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इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

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कानपुर

कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ८० किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है। यहाँ की आबादी लगभग २७ लाख है। .

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कानपुर देहात जिला

रमाबाई नगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय माती (अकबरपुर) है। वर्ष १९७७ में कानपुर जिले को दो भागों (कानपुर नगर तथा 'कानपुर देहात') में विभाजित कर दिया गया। १९७९ में पुनः दोनो को मिला दिया गया किन्तु १९८१ में पुनः विभाजन किया गया। १ जुलाई २०१० को इसका नाम बदलकर 'रमाबाई नगर जिला' कर दिया गया जिसे २०१२ में फिर से 'कानपुर देहात' कर दिया गया। .

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कानपुर नगर जिला

कानपुर नगर ज़िला (Kanpur Nagar district, کان پور شہر ضلع) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसका मुख्यालय कानपुर है। यह ज़िला कानपुर मंडल का हिस्सा है। १९७७ में इस जिले से कानपुर देहात जिला अलग हो गया। १९७९ में पुनः इन दोनों जिलों का एकीकरण हुआ और एक बार फिर १९८१ में दोनों जिले अलग हो गए। .

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कासगंज

कासगंज या कासगंज, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, एटा से लगभग ३२ किलोमीटर उत्तर, काली नदी के किनारे स्थित एक क़स्बा है। यह कासगंज ज़िले का मुख्यालय भी है, जिसे २००६ में अलीगढ़ ज़िले से विभक्त कर बनाया गया था, जो अलीगढ़ मंडल में आता है। भारत सरकार की २०११ की जनगणना के अनुसार, कासगंज की कुल आबादी १ लाख से अधिक है, और इसका नगरीय विस्तार लगभग २,२०० वर्ग किलोमीटर पर फ़ैला हुआ है। कासगंज की सबसे विशिष्ट भौगोलिक आकृति है काली नदी जो शहर के दक्षिण से गुज़रती है, तथा, निचली गंगा नहर क़स्बे के पश्चिम से गुज़रती है। .

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कौशाम्बी जिला

कौशम्बी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। बौद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशाम्बी उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। कौशांबी, बुद्ध काल की परम प्रसिद्ध नगरी, जो वत्स देश की राजधानी थी। इसका अभिज्ञान, तहसील मंझनपुर ज़िला इलाहाबाद में प्रयाग से 24 मील पर स्थित कोसम नाम के ग्राम से किया गया है। यह नगरी यमुना नदी पर बसी हुई थी। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यहां स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में शीतला मंदिर, दुर्गा देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और राम मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशाम्बी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व जैनों का पुराना केन्द्र है। पहले यह जगह वत्स महाजनपद के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि बुद्ध छठें व नौवें वर्ष यहां घूमने के लिए आए थे। जिले का मुख्यालय मंझनपुर में है। .

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अम्बेडकर नगर ज़िला

अम्बेडकर नगर ज़िला फैज़ाबाद मंडल/ अनुभाग का एक ज़िला है। यह उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमन्त्री मायावती के द्वारा २९ सितम्बर १९९५ को बनाया गया था। इसका नाम भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ.

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अलीगढ़

अलीगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य में अलीगढ़ जिले में शहर है। अलीगढ़ नगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कारण विश्व प्रसिद्ध है और अपने तालों(Locks) के लिये भी.

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उन्नाव

उन्नाव उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। यह लखनऊ तथा कानपुर के बीच में स्थत है,लखनऊ लगभग ६० किलोमीटर तथा कानपुर से १८ किलोमीटर दूर है।यह दो शहरों को जोड़ता हुआ एक कस्बा है जो दोनों शहरों के रोडवेज या रेलवे मार्ग को जोड़ता है। नगर को अभी तक अनेक देशभक्त, हिंदी साहित्य के नाम से जाना जाता है। ह्वेन त्सांग ने जनपद के बांगरमऊ स्थल का जिक्र ना-फो-टु-पो-कु-लो नाम से किया है। जहाँ गौतम बुद्ध ने 16 वाँ वर्षावास व्यतीत किया था । .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची के बीच तुलना

उत्तर प्रदेश 217 संबंध है और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची 192 है। वे आम 59 में है, समानता सूचकांक 14.43% है = 59 / (217 + 192)।

संदर्भ

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