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ईसा इब्न मरियम और नबी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईसा इब्न मरियम और नबी के बीच अंतर

ईसा इब्न मरियम vs. नबी

ईसा इब्न मरियम (यानि: मरियम के पुत्र ईसा) या ईसा मसीह (सम्मानजनक रूप से:हज़रात ईसा अलाइ सलाम; अन्य नाम: यीशु मसीह, जीसस क्राइस्ट), इस्लाम के अनुसार, अल्लाह द्वारा, मानव जाति को भेजे गए पैग़म्बरों में से एक हैं, जोकि ईसाई धर्म के प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक हैं। ईसा, इस्लाम के उन २५ पैग़म्बरों में से एक हैं, जिनका उल्लेख क़ुरान में किया गया है। इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार, ईसा को मुहम्मद के बाद दुसरे सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर रखा जाता है। बाइबिल में दिए गए उनकी आत्मकथा से जुड़े लगभग सारी दैवी घटनाओं को इस्लाम में माना जाता है, जिसमें: कुँवारीगर्भ से जन्म, उनके चमत्कार, उनके क्रूस पर चढ़ाय जाने, मृत्यु और मृतोत्थान शामिल हैं। हालाँकि कुरान के कुछ विवोचनों के अनुसार, क्रूस पर चढ़ाना, मृत्यु और मृतोत्थान जायसी घटनाएँ नहीं हुई थी। बहरहाल, मसीहियों के विरुद्ध मुस्लमान, ईसा को ईश्वरपुत्र या त्रिमूर्तित्व को नहीं मानते। इस्लाम में ईसा मसीह को एक आदरणीय नबी (मसीहा) माना जाता है, जो ईश्वर (अल्लाह) ने इस्राइलियों को उनके संदेश फैलाने को भेजा था। क़ुरान के अनुसार, अल्लाह ने ईसा को इन्जील नमक पवित्र किताब का इल्हाम दिया था, जोकि इस्लामिक मान्यता के अनुसार, अल्लाह द्वारा मानवता को प्रदान किये गए चार पवित्र किताबों में से एक है। क़ुरान में ईसा के नाम का ज़िक्र मुहम्मद से भी ज़्यादा है और मुसुल्मान ईसा के कुँवारी माता द्वारा जन्मा मानते हैं। . ईश्वर क गुणगान करने वाला नबी (prophet) का अर्थ है ईश्वर का गुणगान करनेवाला, ईश्वर की शिक्षा तथा उसके आदेर्शों का उद्घोषक। बाइबिल ने उसे 'ईश्वर का मनुष्य' और 'आत्मा का मनुष्य' भी कहा गया है। यहूदी धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, प्राचीन यूनान, पारसी आदि धर्मों एवं संस्कृतियों में विभिन्न नबियों के होने के दावे किये गये हैं। ऐसी मान्यता है कि ईश्वर (या सर्वशक्तिमान) ने किसी व्यक्ति से सम्पर्क किया और भगवान की तरफ से उनको अपना सन्देशवाहक बनाया गया। इस प्रकार नबी ईश्वर और मानवजाति के बीच आधार जैसे कार्य का निष्पादन करने वाले थे। .

ईसा इब्न मरियम और नबी के बीच समानता

ईसा इब्न मरियम और नबी आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नबी, बाइबिल, मुहम्मद, यीशु, ईश्वर, ईसाई धर्म, इस्लाम, अल्लाह

नबी

ईश्वर क गुणगान करने वाला नबी (prophet) का अर्थ है ईश्वर का गुणगान करनेवाला, ईश्वर की शिक्षा तथा उसके आदेर्शों का उद्घोषक। बाइबिल ने उसे 'ईश्वर का मनुष्य' और 'आत्मा का मनुष्य' भी कहा गया है। यहूदी धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, प्राचीन यूनान, पारसी आदि धर्मों एवं संस्कृतियों में विभिन्न नबियों के होने के दावे किये गये हैं। ऐसी मान्यता है कि ईश्वर (या सर्वशक्तिमान) ने किसी व्यक्ति से सम्पर्क किया और भगवान की तरफ से उनको अपना सन्देशवाहक बनाया गया। इस प्रकार नबी ईश्वर और मानवजाति के बीच आधार जैसे कार्य का निष्पादन करने वाले थे। .

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बाइबिल

बाइबिल (अथवा बाइबल, Bible, अर्थात "किताब") ईसाई धर्म(मसीही धर्म) की आधारशिला है और ईसाइयों (मसीहियों) का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है। इसके दो भाग हैं: पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट)। बाइबिल का पूर्वार्ध अर्थात् पूर्वविधान यहूदियों का भी धर्मग्रंथ है। बाइबिल ईश्वरप्रेरित (इंस्पायर्ड) है किंतु उसे अपौरुषेय नहीं कहा जा सकता। ईश्वर ने बाइबिल के विभिन्न लेखकों को इस प्रकार प्रेरित किया है कि वे ईश्वरकृत होते हुए भी उनकी अपनी रचनाएँ भी कही जा सकती हैं। ईश्वर ने बोलकर उनसे बाइबिल नहीं लिखवाई। वे अवश्य ही ईश्वर की प्रेरणा से लिखने में प्रवृत्त हुए किंतु उन्होंने अपनी संस्कृति, शैली तथा विचारधारा की विशेषताओं के अनुसार ही उसे लिखा है। अत: बाइबिल ईश्वरीय प्रेरणा तथा मानवीय परिश्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम है। मानव जाति तथा यहूदियों के लिए ईश्वर ने जो कुछ किया और इसके प्रति मनुष्य की जो प्रतिक्रिया हुई उसका इतिहास और विवरण ही बाइबिल का वण्र्य विषय है। बाइबिल गूढ़ दार्शनिक सत्यों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें दिखलाया गया है कि ईश्वर ने मानव जाति की मुक्ति का क्या प्रबंध किया है। वास्तव में बाइबिल ईश्वरीय मुक्तिविधान के कार्यान्वयन का इतिहास है जो ओल्ड टेस्टामेंट में प्रारंभ होकर ईसा के द्वारा न्यू टेस्टामेंट में संपादित हुआ है। अत: बाइबिल के दोनों भागों में घनिष्ठ संबंध है। ओल्ड टेस्टामेंट की घटनाओं द्वारा ईसा के जीवन की घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार की गई है। न्यू टेस्टामेंट में दिखलाया गया है कि मुक्तिविधान किस प्रकार ईसा के व्यक्तित्व, चमत्कारों, शिक्षा, मरण तथा पुनरुत्थान द्वारा संपन्न हुआ है; किस प्रकार ईसा ने चर्च की स्थापना की और इस चर्च ने अपने प्रारंभिक विकास में ईसा के जीवन की घटनाओं को किस दृष्टि से देखा है कि उनमें से क्या निष्कर्ष निकाला है। बाइबिल में प्रसंगवश लौकिक ज्ञान विज्ञान संबंधी बातें भी आ गई हैं; उनपर तात्कालिक धारणाओं की पूरी छाप है क्योंकि बाइबिल उनके विषय में शायद ही कोई निर्देश देना चाहती है। मानव जाति के इतिहास की ईश्वरीय व्याख्या प्रस्तुत करना और धर्म एवं मुक्ति को समझना, यही बाइबिल का प्रधान उद्देश्य है, बाइबिल की तत्संबंधी शिक्षा में कोई भ्रांति नहीं हो सकती। उसमें अनेक स्थलों पर मनुष्यों के पापाचरण का भी वर्णन मिलता है। ऐसा आचरण अनुकरणीय आदर्श के रूप में नहीं प्रस्तुत हुआ है किंतु उसके द्वारा स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य कितने कलुषित हैं और उनको ईश्वर की मुक्ति की कितनी आवश्यकता है। .

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मुहम्मद

हज़रत मुहम्मद (محمد صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم) - "मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब" का जन्म सन ५७० ईसवी में हुआ था। इन्होंने इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया। ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक (अरबी: नबी या रसूल, फ़ारसी: पैग़म्बर) माने जाते हैं जिन को अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश' दिया था। मुसलमान इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं। .

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यीशु

एक मोजेक यीशु या यीशु मसीहईसा, यीशु और मसीह नाम हेतु पूरी चर्चा इस लेख के वार्ता पृष्ठ पर है। प्रचलित मान्यता के विरुद्ध, ईसा एक इस्लामी शब्दावली है, व "यीशु" सही ईसाई शब्दावली है। तथा मसीह एक उपादि है। विस्तृत चर्चा वार्ता पृष्ठ पर देखें। (इब्रानी:येशुआ; अन्य नाम:ईसा मसीह, जीसस क्राइस्ट), जिन्हें नासरत का यीशु भी कहा जाता है, ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल के नये नियम (ख़ास तौर पर चार शुभसन्देशों: मत्ती, लूका, युहन्ना, मर्कुस पौलुस का पत्रिया, पत्रस का चिट्ठियां, याकूब का चिट्ठियां, दुनिया के अंत में होने वाले चीजों का विवरण देने वाली प्रकाशित वाक्य) में दिये गये हैं। यीशु मसीह को इस्लाम में ईसा कहा जाता है, और उन्हें इस्लाम के भी महानतम पैग़म्बरों में से एक माना जाता है। .

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ईश्वर

यह लेख पारलौकिक शक्ति ईश्वर के विषय में है। ईश्वर फ़िल्म के लिए ईश्वर (1989 फ़िल्म) देखें। यह लेख देवताओं के बारे में नहीं है। ---- परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का स्रष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में परमेश्वर को भगवान, परमात्मा या परमेश्वर भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना ब्रह्माण्ड की संरचना से जुडी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं। .

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ईसाई धर्म

'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है ईसाई धर्म (अन्य प्रचलित नाम:मसीही धर्म व क्रिश्चियन धर्म) एक इब्राहीमीChristianity's status as monotheistic is affirmed in, amongst other sources, the Catholic Encyclopedia (article ""); William F. Albright, From the Stone Age to Christianity; H. Richard Niebuhr; About.com,; Kirsch, God Against the Gods; Woodhead, An Introduction to Christianity; The Columbia Electronic Encyclopedia; The New Dictionary of Cultural Literacy,; New Dictionary of Theology,, pp.

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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अल्लाह

'''अल्लाह''' के नाम अरबी में। अल्लाह शब्द अरबी भाषा में ईसाईयों यहूदियों और मुस्लिमों द्वारा ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है !अल्लाह शब्द का अर्थ है।..

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ईसा इब्न मरियम और नबी के बीच तुलना

ईसा इब्न मरियम 13 संबंध है और नबी 18 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 25.81% है = 8 / (13 + 18)।

संदर्भ

यह लेख ईसा इब्न मरियम और नबी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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