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ईरानी और भारत के भाषाई परिवार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईरानी और भारत के भाषाई परिवार के बीच अंतर

ईरानी vs. भारत के भाषाई परिवार

ईरानी भारतीय उपमहाद्वीप में फैले एक नस्ली वर्ग को कहते हैं जो पिछले 1000 सालों में यहाँ आए हैं। अक्सर ईरानियों को पारसियों के समान समझने की भूल की जाती है। पारसी वो लोग हैं जो 1000 साल के पहले भारत में आए जबकि ईरानी वो लोग हैं जो उसके बाद आए। इन दोनों में इतनी समानता है कि वे ज़रथुष्ट्र के अनुयायी थे और इस्लाम की प्रताड़ना के बचने के लिए भारत आए। ईरानी लोग खासकर 1830 के बाद आए जब ईरान में क़जर राजवंश के समय गैर-मुसलमानों को सताया जाने लगा। अधिकांश ईरानी, भारत में मुम्बई और पाकिस्तान में कराँची के आसपास रहते हैं। . वृहद भारत के भाषा परिवार भारत में विश्व के सबसे चार प्रमुख भाषा परिवारों की भाषाएँ बोली जाती है। सामान्यत: उत्तर भारत में बोली जाने वाली भारोपीय परि वार की भाषाओं को आर्य भाषा समूह, दक्षिण की भाषाओं को द्रविड़ भाषा समूह, ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की भाषाओं को भुंडारी भाषा समूह तथा पूर्वोत्तर में रहने वाले तिब्बती-बर्मी, नृजातीय भाषाओं को चीनी-तिब्बती (नाग भाषा समूह) के रूप में जाना जाता है। .

ईरानी और भारत के भाषाई परिवार के बीच समानता

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ईरानी और भारत के भाषाई परिवार के बीच तुलना

ईरानी 9 संबंध है और भारत के भाषाई परिवार 54 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (9 + 54)।

संदर्भ

यह लेख ईरानी और भारत के भाषाई परिवार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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