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इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा के बीच अंतर

इस्लामी वास्तुकला vs. बुलन्द दरवाज़ा

ताज महल इस्लामिक वास्तुकला की एक अनुपम कृति इस्लामी वास्तुकला एक प्रकार की वास्तु कला है जो की इस्लाम धर्म से प्रभावित है और इस्लामिक शासको एवं सरकारों द्वारा दुनिया भर में प्रचारित की गयी। . बुलन्द दरवाजा़ आगरा शहर से ४३ किमी दूर फतेहपुर सीकरी नामक स्थान पर स्थित एक दर्शनीय स्मारक है। इसका निर्माण अकबर ने १६०२ में करवाया था। बुलन्द शब्द का अर्थ महान या ऊँचा है। अपने नाम को सार्थक करने वाला यह स्मारक विश्व का सबसे बडा़ प्रवेशद्वार है। हिन्दू और फारसी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण होने के कारण इसे "भव्यता के द्वार" नाम से भी जाना जाता है। sumanअकबर पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में बनवाए गए इस प्रवेशद्वार के पूर्वी तोरण पर फारसी में शिलालेख अंकित हैं जो १६०१ में दक्कन पर अकबर की विजय के अभिलेख हैं। ४२ सीढ़ियों के ऊपर स्थित बुलन्द दरवाज़ा ५३.६३ मीटर ऊँचा और ३५ मीटर चौडा़ है। यह लाल बलुआ पत्थर से बना है जिसे सफेद संगमरमर से सजाया गया है। दरवाजे के आगे और स्‍तंभों पर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं। यह दरवाजा एक बड़े आँगन और जामा मस्जिद की ओर खुलता है। समअष्टकोणीय आकार वाला यह दरवाज़ा गुम्बदों और मीनारों से सजा हुआ है। दरवाजे़ के तोरण पर ईसा मसीह से संबंधित कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं जो इस प्रकार हैं: "मरियम के पुत्र यीशु ने कहा: यह संसार एक पुल के समान है, इस पर से गुज़रो अवश्य, लेकिन इस पर अपना घर मत बना लो। जो एक दिन की आशा रखता है वह चिरकाल तक आशा रख सकता है, जबकि यह संसार घंटे भर के लिये ही टिकता है, इसलिये अपना समय प्रार्थना में बिताओ क्योंकि उसके सिवा सब कुछ अदृश्य है" बुलंद दरवाज़े पर बाइबिल की इन पंक्तियों की उपस्थिति को अकबर को धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक माना जाता है। .

इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा के बीच समानता

इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): फ़तेहपुर सीकरी, आगरा

फ़तेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी (فتحپور سیکری), एक नगर है जो कि आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है,। यह यहाँ के मुगल साम्राज्य में अकबर के राज्य में 1571 से 1585 तक, फिर इसे खाली कर दिया गया, शायद पानी की कमी के कारण। यह सिकरवार राजपूत राजा की रियासत थी जो बाद में इसके आसपास खेरागढ़ और मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में बस गए ।फतेहपुर सीकरी हिंदू और मुस्लिम वास्‍तुशिल्‍प के मिश्रण का सबसे अच्‍छा उदाहरण है। फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि यह मक्‍का की मस्जिद की नकल है और इसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्‍तुशिल्‍प से लिए गए हैं। मस्जिद का प्रवेश द्वार ५४ मीटर ऊँचा बुलंद दरवाजा है जिसका निर्माण 1573 ई० में किया गया था। मस्जिद के उत्तर में शेख सलीम चिश्‍ती की दरगाह है जहाँ नि:संतान महिलाएँ दुआ मांगने आती हैं। आंख मिचौली, दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, पांच महल, ख्‍वाबगाह, अनूप तालाब फतेहपुर सीकरी के प्रमुख स्‍मारक हैं। .

इस्लामी वास्तुकला और फ़तेहपुर सीकरी · फ़तेहपुर सीकरी और बुलन्द दरवाज़ा · और देखें »

आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा के बीच तुलना

इस्लामी वास्तुकला 11 संबंध है और बुलन्द दरवाज़ा 13 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 8.33% है = 2 / (11 + 13)।

संदर्भ

यह लेख इस्लामी वास्तुकला और बुलन्द दरवाज़ा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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