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इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ के बीच अंतर

इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद vs. मुहम्मद ज़िया-उल-हक़

इस्लामी लोकतांत्रिक गठबंधन का परचम इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद, (अर्थात, इस्लामी लोकतांत्रिक गठबंधन) पाकिस्तान की एक पूर्व राजनीतिक गठबंधन था जो सैन्य तानाशाह जिया उल हक की मृत्यु के बाद 1988 में होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पुत्री बेनज़ीर भुट्टो की पाकिस्तान वापसी से मजबूत बनाया था और सार्वजनिक रूप से उनकी सराहना दिखाया था ताकि पीपुल्स पार्टी चुनाव में जीत हासिल कर लेगी, उसी "खतरे" का मुकाबला करने के लिए दक्षिणपंथी सभी दलों ने गठबंधन करके पीपुल्स पार्टी का रास्ता रोकने की कोशिश की। . मुहम्मद ज़िया उल हक़ (दाई तरफ़) जनरल मुहम्मद ज़िया उल हक़ (जन्म: १२ अगस्त १९२४, देहांत: १७ अगस्त १९८८) पाकिस्तान के चौथे फ़ौजी तानाशाह और छठे राष्ट्रपति थे। उनका शासन जुलाई १९७७ से अगस्त १९८८ में हवाई जहाज़ दुर्घटना में हुई उनकी मृत्यु तक चला। उन्हें १९७६ में तब के प्रधानमन्त्री ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने सेनाधाक्ष बनाया था लेकिन उन्होंने तख़्ता पलटकर शासन पर सैनिक क़ब्ज़ा जमा लिया और भुट्टो को फांसी दिलवा दी। उनके शासनकाल में पाकिस्तान में गहरे इस्लामीकरण की नीतियाँ चलीं। उन्होने आर्थिक विकास के लिए पूंजीवादी नीतियाँ अपनाई जिस से पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ और वह भारतीय उपमहाद्वीप के सब से तेज़ी से बढ़ने वाले देशों में आ गया। सन् १९७९ में शुरू हुए अफ़्ग़ानिस्तान में सोवियत संघ के हस्तक्षेप के खिलाफ़ उन्होने अमेरिका की सहायता से एक गुप्त युद्ध चलाया जिस से आगे चलकर सोवियत संघ को अफ़्ग़ानिस्तान छोड़ना पड़ा, लेकिन साथ-ही-साथ पाकिस्तान और उसके पड़ौसी इलाक़ों में कट्टरवादी उग्रवाद भी बढ़ गया। .

इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ के बीच समानता

इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान, पूंजीवाद, ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो

पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पूंजीवाद

पूंजीवाद (Capitalism) सामन्यत: उस आर्थिक प्रणाली या तंत्र को कहते हैं जिसमें उत्पादन के साधन पर निजी स्वामित्व होता है। इसे कभी कभी "व्यक्तिगत स्वामित्व" के पर्यायवाची के तौर पर भी प्रयुक्त किया जाता है यद्यपि यहाँ "व्यक्तिगत" का अर्थ किसी एक व्यक्ति से भी हो सकता है और व्यक्तियों के समूह से भी। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि सरकारी प्रणाली के अतिरिक्त निजी तौर पर स्वामित्व वाले किसी भी आर्थिक तंत्र को पूंजीवादी तंत्र के नाम से जाना जा सकता है। दूसरे रूप में ये कहा जा सकता है कि पूंजीवादी तंत्र लाभ के लिए चलाया जाता है, जिसमें निवेश, वितरण, आय उत्पादन मूल्य, बाजार मूल्य इत्यादि का निर्धारण मुक्त बाजार में प्रतिस्पर्धा द्वारा निर्धारित होता है। पूँजीवाद एक आर्थिक पद्धति है जिसमें पूँजी के निजी स्वामित्व, उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत नियंत्रण, स्वतंत्र औद्योगिक प्रतियोगिता और उपभोक्ता द्रव्यों के अनियंत्रित वितरण की व्यवस्था होती है। पूँजीवाद की कभी कोई निश्चित परिभाषा स्थिर नहीं हुई; देश, काल और नैतिक मूल्यों के अनुसार इसके भिन्न-भिन्न रूप बनते रहे हैं। .

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ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो

ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो (उर्दू व सिंधी: ذوالفقار علی بھٹو, जन्म: 5 जनवरी 1928 - मौत: 4 अप्रैल 1979) पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री थे। वे 1973 से 1977 तक प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले अय्यूब ख़ान के शासनकाल में विदेश मंत्री रहे थे। लेकिन अय्यूब ख़ान से मतभेद होने के कारण उन्होंने अपनी नई पार्टी (पीपीपी) 1967 में बनाई। 1962 के भारत-चीन युद्ध, 65 और 71 के पाकिस्तान युद्ध, तीनों के समय वे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन थे। 1965 के युद्ध के बाद उन्होंने ही पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम का ढाँचा तैयार किया था। पूर्व पाकिस्तानी नेता बेनज़ीर भुट्टो इन्ही की बेटी थी। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले पर उन्हें 1979 में फ़ाँसी पर लटका दिया गया था जिसमें सैन्य शासक ज़िया उल हक़ का हाथ समझा जाता है। श्रेणी:पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ श्रेणी:पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री.

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इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ के बीच तुलना

इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद 26 संबंध है और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 9.09% है = 3 / (26 + 7)।

संदर्भ

यह लेख इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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