इल्बर्ट विधेयक और ब्रिटिश राज
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इल्बर्ट विधेयक और ब्रिटिश राज के बीच अंतर
इल्बर्ट विधेयक vs. ब्रिटिश राज
इल्बर्ट विधेयक (Ilbert Bill) भारत में सन् १८८३ में ब्रिटिश राज के दौरान वाइसराय रिपन द्वारा सुझाया गया एक कानून था जिसके अंतर्गत ज़िले-स्तर के भारतीय न्यायाधीशों को ब्रिटिश मुल्ज़िमों पर न्यायिक आदेश जारी करने का अधिकार दिया जाना था। उस समय से पहले भारतीयों को ब्रिटिश अपराधियों से सम्बंधित मुक़द्दमे सुनने का हक़ नहीं था। इस विधेयक का नाम कोर्टनी इल्बेर्ट (Courtenay Ilbert) पर रखा गया जो वाइसराय की भारत परिषद् के क़ानूनी सलाहकार थे।, Karuna Mantena, pp. ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .
इल्बर्ट विधेयक और ब्रिटिश राज के बीच समानता
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संदर्भ
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