5 संबंधों: तीर्थस्थान, शिन्तो धर्म, जापान, विश्व धरोहर, कांजी लिपि।
तीर्थस्थान
तीर्थस्थान एक ऐसा स्थल है जहां लोग प्रेरणा और सन्तोष के लिये जाते हैं। साधारणतः यह नदी के घाट पर अथवा पहाडी पर होता है जहां एक और लोक प्रस्थान करने की कल्पना की जा सकती है। .
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शिन्तो धर्म
शिन्तो धर्म (en:Shinto, जापानी: 神道, शिन्-तो, अर्थात कामियों का मार्ग) जापान देश का एक प्रमुख और मूल धर्म है। इसमें कई देवी-देवता हैं, जिनको कामी कहा जाता है। हर कामी किसी न किसी प्राकृतिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। बौद्ध धर्म के साथ इसका काफ़ी मेल मिलाप हुआ है और इसमें बौद्ध धर्म के कई सिद्धान्त जुड़ गये हैं। एक ज़माने में शिन्तो धर्म जापान का राजधर्म हुआ करता था। इस धर्म में जापान के राजा को प्रधान गुरु मानते थे किन्तु दूसरे विश्व-युद्ध के बाद से ऐसा करना बन्द कर दिया गया हे समुराई इसी धर्म को मानते हे श्रेणी:शिन्तो धर्म श्रेणी:धर्म श्रेणी:जापान.
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जापान
जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .
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विश्व धरोहर
यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .
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कांजी लिपि
कांजी (जापानी: 漢字; जापानी उच्चारण) चीनी वर्णमाला (हांजी) से लिए गये वर्णों का समुच्चय है। कांजी वर्ण आधुनिक जापानी लेखन में हिरागाना, काताकाना, हिन्दू-अरबी अंकों तथा कभी-कभी लैटिन वर्णों के साथ प्रयुक्त होते हैं। जापानी शब्द 'कांजी' का शाब्दिक अर्थ 'हान् वर्णमाला' है। .