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इत्रस्की सभ्यता

सूची इत्रस्की सभ्यता

इत्रस्की सभ्यता (Etruscan civilization) प्राचीन इटली की एक सभ्यता थी जो पश्चिमोत्तरी इटली में सन् ८०० ईसापूर्व से आरम्भ हुई। लगभग २०० वर्षों तक इसका प्रभुत्व रहा और लगभग सन् ४०० ईसापूर्व के बाद इसके रोमन साम्राज्य में विलय हो जाने के संकेत मिलते हैं। इत्रस्की लोग स्वयं को रासेन्ना (Rasenna) बुलाते थे, जिसे रोमन लोग बदलकर 'रासना' या 'राशना' कहते थे। प्राचीन यूनान में इत्रस्कियों को 'तिरेनोई' (Τυρρηνοὶ, Tyrrhēnoi) बुलाया जाता था और यही इटली के प्रायद्वीप के पश्चिम में बहने वाले तिरहेनियन सागर के नाम का स्रोत है। .

7 संबंधों: तिरहेनियन सागर, प्राचीन यूनान, पूर्ण राजशाही, रोमन साम्राज्य, रीताई लोग, इटली, इतालवी प्रायद्वीप

तिरहेनियन सागर

तिरहेनियन सागर तिरहेनियन सागर या तिरहेनियाई सागर (इतालवी: Mar Tirreno, अंग्रेजी:Tyrrhenian Sea), भूमध्य सागर का एक भाग है, जिसका विस्तार इटली के पश्चिमी तट के साथ साथ है। तिरहेनियन सागर के उत्तर में इतालवी प्रायद्वीप, पश्चिम में सार्दिना और कॉर्सिका द्वीप, पूर्व में टस्कनी, लाज़िओ, कम्पानिया और कैलाब्रिया तथा दक्षिण में सिसिली स्थित है। उत्तर में इसका मिलन लिगुरियन सागर से होता है जबकि दक्षिण में यह आयोनियन सागर से मिलता है। .

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प्राचीन यूनान

एथेंस के ऐक्रोपोलिस स्थल में स्थित पारथ़ेनोन, जो अथ़ीना नामक देवी का मंदिर है प्राचीन यूनानी सभ्यता उस संस्कृति को कहते हैं जो यूनान और उसके नज़दीकी क्षेत्रों में लगभग आठवी शताब्दी ईसा-पूर्व से लगभग छठी शताब्दी इसाई तक (यानि क़रीब 1,300 वर्षों तक) विस्तृत थी। आधुनिक पश्चिमी संस्कृतियों की सब से गहरी जड़ इसी सभ्यता को माना जाता है, इसलिए पश्चिमी इतिहासकारों के लिए यूनानी सभ्यता हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है। माना जाता है के इस सभ्यता के बाद आने वाले रोमन साम्राज्य पर प्राचीन यूनान का गहरा असर था और उस साम्राज्य और संस्कृति के कई पहलुओं में यूनानी संस्कृति की छाप देखी जा सकती है। .

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पूर्ण राजशाही

पूर्ण राजशाही (absolute monarchy) किसी राज्य की उस शासन-प्रणाली को कहते हैं जिसमें शासक पर किसी संविधान या क़ानून का अंकुश नहीं होता। वह अपनी मनमानी के अनुसार राज करता है। उसका अपने राज्य और उसके नागरिकों पर पूरा अधिकार होता है। आमतौर पर पूर्ण राजशाही में सिंहासन पिता से पुत्र को जाता है हालाँकि कुछ में उत्तराधिकारी का अन्य सिद्धांतो पर चुनाव होना भी इतिहास में देखा गया है। ऐसे राज्यों में नागरिकों की कोई संसद या अन्य सभा यदि अस्तित्व में हो भी तो उसे राजा के निर्णयों को मंज़ूरी देने के सिवा कोई विषेश अधिकार नहीं होता। आधुनिक युग में सउदी अरब और स्वाज़ीलैंड ऐसे देशों के उदाहरण हैं जहाँ पूर्ण राजशाही है।, BBC NewsWorld and Its Peoples: the Arabian Peninsula, page 78, Marshall Cavendish, 2007, ISBN 978-0-7614-7571-2 .

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रोमन साम्राज्य

अपने महत्तम विस्तार पर 117 इस्वी में '''रोमन साम्राज्य''' रोमन साम्राज्य का उत्थान एवं पतन रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावे उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। .

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रीताई लोग

रीताई (Raeti, /ˈriːtaɪ/) प्राचीन यूरोप में बसने वाली एक मानव जाति थी। यह समझा जाता है कि शायद इनकी भाषा व संस्कृति प्राचीन इटली में बसने वाले इत्रस्की लोगों से उत्पन्न हुई थी या फिर उस से अन्य गहरा सम्बन्ध रखती थी। रीताई लोग मध्य यूरोप के ऐल्प्स क्षेत्र में रहते थे और उनकी मातृभूमि आधुनिक स्विट्ज़रलैण्ड के मध्य भाग, ऑस्ट्रिया के टायरोल नामक क्षेत्र और पूर्वोत्तरी इटली में विस्तृत थी। इनका क्षेत्र फैलते हुए रोमन साम्राज्य की चपेट में आ गया और सन् १५ ईसापूर्व तक वे और उनसे उत्तर में स्थित विन्देलिसाए (Vindelici) लोग (जो एक केल्टी भाषा बोलते थे), दोनों रोम के अधीन हो गये। रोमन साम्राज्य ने इन्हें "रीतिया एत विन्देलिसिया" (Raetia et Vindelicia) नामक प्रान्त में गठित कर दिया। रीताई क़बीलों ने रोमन अधीनता स्वीकार कर ली और रोम के वफ़ादार बन गये। कई रीताई सैनिक रोमन सैन्य टुकड़ियों में सम्मिलित हो गये। उनकी भाषा लुप्त होने लगी और ३०० ईसवी के बाद उसका प्रयोग ज्ञात नहीं है। स्विट्ज़रलैण्ड क्षेत्र में बसने वाले रीताई उस से भी पहले ३० ईसवी तक अपनी भाषा खोकर केल्टी भाषा बोलने लगे थे। .

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इतालवी प्रायद्वीप

अंतरिक्ष से जूते के आकार वाले इतालवी प्रायद्वीप का नज़ारा - उत्तर में बर्फ़-ढके ऐल्प्स पर्वत दिख रहे हैं इतालवी प्रायद्वीप (Italian peninsula), जिसे आपेननीनी प्रायद्वीप (Apennine peninsula) भी कहा जाता है, दक्षिणी यूरोप के तीन बड़े प्रायद्वीपों में से एक है (बाक़ी दो इबेरियाई प्रायद्वीप और बाल्कन प्रायद्वीप हैं)। यह उत्तर में पो वादी से दक्षिण में भूमध्य सागर तक लगभग १,००० किमी लम्बा है। अपने अकार की वजह से इसे इतालवी भाषा में 'लो स्तिवाले' (Lo Stivale, अर्थ: जूता) कहा जाता है। इस प्रायद्वीप को आगे बांटा जाए तो इसमें स्वयं तीन अन्य प्रायद्वीप आते हैं (कालाब्रिया, सालेन्तो और गारगानो)। पारम्परिक रूप से इतालवी प्रायद्वीप को उत्तर में ऐल्प पर्वतों से आरम्भित माना जाता है हालांकि भौगोलिक दृष्टि से इटली का प्रायद्वीपी क्षेत्र इन पर्वतों से थोड़ा दक्षिण में मागरा नदी और रुबिकोन नदी से आरम्भ होता है। यह प्रायद्वीप पूर्व में आद्रियातिक सागर, दक्षिण में आयोनियाई सागर और पश्चिम में तिरहेनियाई सागर से घिरा हुआ है। प्रायद्वीप के बीच में आपेननीनी पर्वत शृंखला की पंक्तियाँ चलती हैं, जिस से इसका एक अन्य नाम आपेननीनी प्रायद्वीप भी पड़ा है। .

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