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इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण के बीच अंतर

इतालवी एकीकरण vs. जर्मनी का एकीकरण

इतालवी एकीकरण को दर्शाता हुआ नक़्शा, जिसमें विभिन्न राज्यों के संगठित इतालवी साम्राज्य में सम्मिलित होने के वर्ष दिए गए हैं इतालवी एकीकरण, जिसे इतालवी भाषा में इल रिसोरजिमेंतो (Il Risorgimento, अर्थ: पुनरुत्थान) कहते हैं, १९वीं सदी में इटली में एक राजनैतिक और सामाजिक अभियान था जिसने इतालवी प्रायद्वीप के विभिन्न राज्यों को संगठित करके एक इतालवी राष्ट्र बना दिया। इस अभियान की शुरुआत और अंत की तिथियों पर इतिहासकारों में विवाद है लेकिन अधिकतर के मत में यह सन् १८१५ में इटली पर नेपोलियन बोनापार्ट के राज के अंत पर होने वाले वियना सम्मलेन के साथ आरम्भ हुआ और १८७० में राजा वित्तोरियो इमानुएले की सेनाओं द्वारा रोम पर क़ब्ज़ा होने तक चला।, Jeffrey Thompson Schnapp, Olivia E. Sears, Maria G. Stampino, pp. एकीकृत जर्मनी (१८७१ में) १८ जनवरी १८७१ को वर्सेली के 'हॉल ऑफ मिरर्स' में जर्मन साम्राज्य की स्थापना मध्य यूरोप के स्वतंत्र राज्यों (प्रशा, बवेरिआ, सैक्सोनी आदि) को आपस में मिलाकर १८७१ में एक राष्ट्र-राज्य व जर्मन साम्राज्य का निर्माण किया गया। इसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का नाम जर्मनी का एकीकरण है। इसके पहले यह भूभाग (जर्मनी) ३९ राज्यों में बंटा हुआ था। इसमें से ऑस्ट्रियाई साम्राज्य तथा प्रशा राजतंत्र अपने आर्थिक तथा राजनीतिक महत्व के लिये प्रसिद्ध थे। .

इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण के बीच समानता

इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नेपोलियन बोनापार्ट, फ़्रान्सीसी क्रान्ति, भारत का राजनीतिक एकीकरण, वियना कांग्रेस

नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

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फ़्रान्सीसी क्रान्ति

बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .

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भारत का राजनीतिक एकीकरण

१९४७ में स्वतन्त्रता के तुरन्त बाद भारत की राजनीतिक स्थिति १९०९ में 'ब्रितानी भारत' तथा देसी रियासतें स्वतंत्रता के समय 'भारत' के अन्तर्गत तीन तरह के क्षेत्र थे-.

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वियना कांग्रेस

वियना कांग्रेस (Jean-Baptiste Isabey द्वारा निर्मित चित्र, 1819) वियना की कांग्रेस (Viena Congress) यूरोपीय देशों के राजदूतों का एक सम्मेलन था, जो सितंबर 1814 से जून 1815 को वियना में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रियाई राजनेता मेटरनिख ने की। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्ध, नेपोलियन युद्ध और पवित्र रोमन साम्राज्य के विघटन से उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों एवं समस्याओं को हल करने का था। नैपोलियन को वाटरलू की पराजय के पश्चात् सेंट हेलेना द्वीप निर्वासित कर दिया गया, तत्पश्चात् आस्ट्रिया की राजधानी वियना में यूरोप की विजयी शक्तियां 1815 में एकत्रित हुई। उद्देश्य था, यूरोप के उस मानचित्र को पुनर्व्यवस्थित करना जिसे नेपोलियन ने अपने युद्ध और विजयों से उलट-पटल दिया था। वस्तुतः आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने नेपोलियन के विरूद्ध मोर्चा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसीलिए उसकी पहल पर आस्ट्रिया की राजधानी वियना में कांगे्रस बुलाई गई थी। इस सम्मेलन में यूरोप के कई छोटे-छोटे देश शामिल हुए किन्तु नीति निर्माण के संबंध में चार मुख्य देशों के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। ये नेता थे- आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक, रूस का जार एलेक्जेंडर, इंग्लैंड का विदेश मंत्री लॉर्ड कैसलरे तथा फ्रांसीसी विदेश मंत्री तैलरा। .

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इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण के बीच तुलना

इतालवी एकीकरण 24 संबंध है और जर्मनी का एकीकरण 16 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 4 / (24 + 16)।

संदर्भ

यह लेख इतालवी एकीकरण और जर्मनी का एकीकरण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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