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आस्त्राख़ान

सूची आस्त्राख़ान

आस्त्राख़ान के मध्यकालीन भारतीय व्यापारियों के केंद्र का रूसी भाषा में स्मारक (Индийское торговое подворье, इन्दिस्कोए तोरगोवोए पोदवोरए) आस्त्राख़ान (रूसी: Астрахань, अंग्रेज़ी: Astrakhan) रूस के यूरोपीय हिस्से के दक्षिणी भाग में वोल्गा नदी के किनारे स्थित एक शहर है जो रूस के आस्त्राख़ान ओब्लास्त (प्रांत) का प्रशासनिक केंद्र भी है। यह वोल्गा नदी के कैस्पियन सागर में विलय हो जाने वाले स्थान के काफ़ी पास है। .

23 संबंधों: डेल्टा, तातार भाषा, त्सार, तैमूरलंग, मध्य एशिया, यूरोप, रूस, रूसी भाषा, रूसी साम्राज्य, सुनहरा उर्दू, स्तॅपी, ईवान भयानक, वोल्गा नदी, ख़, ख़ाचीतरख़ान, ख़ज़र लोग, ओब्लास्त, आस्त्राख़ान ख़ानत, कज़ाख़ भाषा, कैस्पियन सागर, कोज़ाक, अंग्रेज़ी भाषा, उस्मानी साम्राज्य

डेल्टा

नील नदी का डेल्टा नदीमुख-भूमि या डेल्टा नदी के मुहाने पर उसके द्वारा बहाकर लाय गए अवसादों के निक्षेपण से बनी त्रिभुजाकार आक्रति होती हैं। डेल्टा का नामकरणकर्त्ता हेरोडोड़स को माना जाता हैं। .

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तातार भाषा

यान्या इमल्यै (विकसित अरबी लिपि) में लिखी तातार भाषा तातार भाषा (तातार: татар теле, तातार तेले; अंग्रेज़ी: Tatar language) रूस के तातारस्तान और बश्कोरतोस्तान के तातार लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। मध्य एशिया, युक्रेन, पोलैंड, तुर्की, फ़िनलैंड और चीन में भी कुछ तातार समुदाय इसे बोलते हैं। ध्यान दें कि युक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र में एक 'क्रीमियाई तातार' नामक भाषा बोली जाती है जो इस तातार भाषा से भिन्न हैं, हालांकि दोनों भाषाएँ भाषावैज्ञानिक नज़रिए से सम्बन्ध रखती हैं। सन् २००२ में अनुमानित ६५ लाख लोग यह तातार भाषा बोलते थे।, Ethnologue Languages of the world .

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त्सार

रूस पर सन् १६८२-१७२५ के काल में शासन करने वाला त्सार पीटर महान त्सार या ज़ार (रूसी: царь; युक्रेनियाई: цар; अंग्रेज़ी: czar या tsar) रूस और कई अन्य स्लाव संस्कृतियों में सम्राट या राजा के लिए शब्द है। रानियों और महारानियों को त्सारीना या ज़ारीना कहा जाता है। रूसी साम्राज्य में भी महाराजा को 'त्सार' की उपाधि से ही जाना जाता था। यह मूल रूप से लातिनी भाषा के 'सीज़र' (caesar) शब्द से उत्पन्न हुआ है।, Geoffrey Hosking, Harvard University Press, 1997, ISBN 978-0-674-78119-1,...

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तैमूरलंग

तैमूर लंग (अर्थात तैमूर लंगड़ा) (जिसे 'तिमूर' (8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने महान तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था। उसकी गणना संसार के महान्‌ और निष्ठुर विजेताओं में की जाती है। वह बरलस तुर्क खानदान में पैदा हुआ था। उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। भारत के मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक बाबर तिमूर का ही वंशज था। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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रूसी भाषा

विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L. Ransel, Indiana University Press, 1998, ISBN 978-0-253-21241-2,...

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सुनहरा उर्दू

सन् १३०० ईसवी में सुनहरा उर्दू साम्राज्य (हरे रंग में) सुनहरा उर्दू या सुनहरा झुण्ड (मंगोल: Зүчийн улс, ज़ुची-इन उल्स; अंग्रेज़ी: Golden Horde) एक मंगोल ख़ानत थी जो १३वीं सदी में मंगोल साम्राज्य के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में शुरू हुई थी और जिसे इतिहासकार मंगोल साम्राज्य का हिस्सा मानते हैं। इसे किपचक ख़ानत और जोची का उलुस भी कहा जाता था। यह ख़ानत १२४० के दशक में स्थापित हुई और सन् १५०२ तक चली। यह अपने बाद के काल में तुर्की प्रभाव में आकर एक तुर्की-मंगोल साम्राज्य बन चला था। इस साम्राज्य की नीव जोची ख़ान के पुत्र (और चंगेज़ ख़ान के पोते) बातु ख़ान ने रखी थी। अपने चरम पर इस ख़ानत में पूर्वी यूरोप का अधिकतर भाग और पूर्व में साइबेरिया में काफ़ी दूर तक का इलाक़ा शामिल था। दक्षिण में यह कृष्ण सागर के तट और कॉकस क्षेत्र तक विस्तृत थी। इसकी दक्षिण सीमाएँ इलख़ानी साम्राज्य नाम की एक अन्य मंगोल ख़ानत से लगती थीं।, David Morgan, John Wiley & Sons, 2007, ISBN 978-1-4051-3539-9,...

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स्तॅपी

मंगोलिया में स्तॅपी पर लगे खेमे बसंत के मौसम में रूस के इलोवलिंसकी ज़िले में स्तॅपी की घास में खिले जंगली फूल मंगोलियाई स्तॅपी में अश्वधावन स्तॅप, स्तॅपी या स्टेपी (अंग्रेज़ी: steppe, रूसी: степь) यूरेशिया के समशीतोष्ण (यानि टॅम्प्रेट) क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है। यह पूर्वी यूरोप में युक्रेन से लेकर मध्य एशिया तक फैले हुए हैं। स्तॅपी क्षेत्र का भारत और यूरेशिया के अन्य देशों के इतिहास पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। ऐसे घासदार मैदान दुनिया में अन्य स्थानों में भी मिलते हैं: इन्हें यूरेशिया में "स्तॅपी", उत्तरी अमेरिका में "प्रेरी" (prairie), दक्षिण अमेरिका में "पाम्पा" (pampa) और दक्षिण अफ़्रीका में "वॅल्ड" (veld) कहा जाता है। स्तॅपी में तापमान ग्रीष्मऋतु में मध्यम से गरम और शीतऋतु में ठंडा रहता है। गर्मियों में दोपहर में तापमान ४० °सेंटीग्रेड और सर्दियों में रात को तापमान -४० °सेंटीग्रेड तक जा सकता है। कुछ क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में भी बहुत अंतर होता है: मंगोलिया में एक ही दिन में सुबह के समय ३० °सेंटीग्रेड और रात के समय शून्य °सेंटीग्रेड तक तापमान जा सकता है। अलग-अलग स्तॅपी इलाक़ों में भिन्न मात्राओं में बर्फ़ और बारिश पड़ती है। कुछ क्षेत्र बड़े शुष्क हैं जबकि अन्य भागों में सर्दियों में भारी बर्फ़ पड़ती है। .

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ईवान भयानक

ईवान भयानक ने मोस्को राज्य पर १५३३-१५४७ काल में और पूर्ण रूस पर १५४७-१५८४ काल में राज किया ईवान चतुर्थ वसीलयेविच (रूसी: Ива́н IV Васи́льевич, अंग्रेज़ी: Ivan IV Vasilyevich, जन्म: 25 अगस्त 1530, मृत्यु: 28 मार्च 1584), जिसे आमतौर पर ईवान भयानक (Ива́н Гро́зный, Ivan the Terrible) कहा जाता है 1533-1547 ईसवी काल में मोस्को का महान राजकुँवर और 1547 से लेकर 1584 में अपनी मृत्य तक रूस का त्सार (सम्राट) था। उसके काल में रूस के राज्य का बहुत विस्तार हुआ और काज़ान ख़ानत, आस्त्राख़ान ख़ानत और (मध्य साइबेरिया की) सिबिर ख़ानत पर क़ब्ज़ा होने से रूस एक बहुजातीय व बहुधर्मी देश बन गया। उसकी मृत्यु तक रूसी इलाक़े का क्षेत्रफल लगभग 40,46,856 वर्ग किमी बन चुका था (यानि आधुनिक भारत का लगभग सवा गुना) और आने वाले रूसी शासकों को और भी आगे विस्तार करने में सक्षम कर गया। उसने अपने काल में रूसी राज-व्यवस्था में असंख्य बदलाव किये जिस से रूस एक साधारण राज्य से एक साम्राज्य और एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभर पाया। ऐतिहासिक सूत्रों से ईवान के पेचीदा व्यक्तित्व के अलग-अलग बयान मिलते हैं। उसे बुद्धिमान, कला व व्यापार को बढ़ावा देने वाला, कुशल कूटनीतिज्ञ और श्रद्धालु कहा जाता है लेकिन उसके अत्याधिक क्रोध और मानसिक रोग के दौरों का भी वर्णन है। एक ऐसे अनियंत्रित क्रोध के दौरे में उसने अपने ही पुत्र (ईवान ईवानोविच) पर स्वयं वार करके उसे जान से मार डाला, जिसे उसने ख़ुद ही अपना वारिस चुना था। इस उत्तराधिकारी के मर जाने से साम्राज्य की गद्दी ईवान के छोटे पुत्र फ़ेओदोर ईवानोविच के हाथ गई जो कमज़ोर और न्यूनमनस्क (मानसिक अविकास का शिकार) था। ईवान भयानक रूस के सबसे पहले प्रकाशन गृह की शुरुआत करवाने के लिए भी याद किया जाता है।, Simon Richmond, Mark Elliott, Patrick Horton, Steve Kokker, pp.

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वोल्गा नदी

वोल्गा नदी वोल्गा नदी (Volga) यूरोप की एक नदी है। यह कैस्पियन सागर में गिरती है। वॉल्गा नदी यूरोप तथा यूरोपीय रूस की सबसे लंबी नदी तथा रूस का महत्वपूर्ण जलमार्ग है। वल्डाइ पहाड़ी पर ६६५ फुट ऊँचाई पर स्थित स्रोत से निकलकर, यह नदी १,३०० मील लंबे घुमावदार मार्गों से होती हुई कैस्पिऐन सागर में गिरती है और मुहाने पर डेल्टा बनाती है। यह डेल्टा लगभग ७० मील चौड़ा है और इसमें लगभग २०० निर्गम मार्ग हैं तथा डेल्टा समुद्रतल से ८६ फुट नीचा है। वल्डाइ पहाड़ी से उतरने के बाद नदी छोटी छोटी झीलों की शृंखलाओं को मिलाती है। अका (Oka), कामा (Kama) तथा ऊँझा मुख्य सहायक नदियों के अतिरिक्त इसकी अनेक छोटी सहायक नदियाँ हैं। वॉल्गा और इसकी सहायक नदियों के द्वारा ५,६३,००० वर्ग मील क्षेत्र का जलनिकास होता है तथा २०,००० मील तक जलयात्रा की जाती है। वॉल्गा की अधिकांश लंबाई वर्ष में तीन महीने के लिए जम जाती है, जिसपर इन दिनों स्लेज के द्वारा माल की ढुलाई की जाती है। नदी नहर के द्वारा बाल्टिक सागर, आर्कटिक सागर तथा मॉस्को से जुड़ी हुई है। नदी की घाटी गेहूँ के उत्पादन का तथा इमारती लकड़ी के उद्योग का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस नदी के किनारे पर स्थित महत्वपूर्ण नगर है: स्टालिनग्रैड, गोर्की, सराटफ तथा ऐस्ट्राकैन। वाल्गा नदी की डेल्टा और उसके समीप का कैस्पिऐन सागर का जल विश्व के प्रसिद्ध मत्स्य क्षेत्रों में से एक है। बसंत ऋतु में वॉल्गा में इतनी भीषण बाढ़ आती है कि कैस्पिऐन सागर के जल का स्तर बढ़ जाता है। ऋतु और स्थान के अनुसार इस नदी की गहराई परिवर्ति होती रहती है। श्रेणी:नदियाँ.

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ख़

ख़ की ध्वनि सुनिए ख़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ख़रगोश, ख़ुश, ख़बर, ख़ैर और ख़ून। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को x के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे خ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ख़े है। .

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ख़ाचीतरख़ान

आस्त्राख़ान ख़ानत के नक़्शे में में ख़ाचीतरख़ान (Xacitarxan) नामांकित है ख़ाचीतरख़ान (तातार: Хаҗитархан, अंग्रेज़ी: Xacitarxan) या हाजी तरख़ान (Haji Tarkhan) दक्षिण-पूर्वी यूरोप में वोल्गा नदी के किनारे बसा एक मध्यकालीन शहर था जो आधुनिक आस्त्राख़ान शहर से १२ किमी उत्तर में स्थित था। इस नगर का ज़िक्र ऐतिहासिक वर्णनों में सबसे पहले सन् १३३३ ईस्वी में मिलता है और १३वीं और १४वीं शताब्दियों में यह सुनहरे उर्दू ख़ानत का एक अहम व्यापारिक और राजनैतिक केंद्र था। १३९५ में तैमूर में इसे जलाकर नष्ट कर दिया लेकिन इसका पुनर्निर्माण हुआ और १४५९ में यह आस्त्राख़ान ख़ानत की राजधानी बना। १५४७ में इसपर क्राइमियाई ख़ानत के साहिब गिरेय (Sahib Giray) नामक ख़ान का क़ब्ज़ा हो गया। १५५६ में इसे रूस के त्सार इवान भयानक (Ivan the Terrible) ने हमला करके जला डाला। अब इस से कुछ दूर पर आधुनिक रूस का आस्त्राख़ान शहर है।Entry for 'Хаҗитархан', Tatar Encyclopedia (in Russian), Mansur Khasanov (editor), Institute of Tatar Encyclopedia, Academy of Sciences of the Republic of Tatarstan, 2002.

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ख़ज़र लोग

सन् ६५० और ८५० के बीच ख़ज़र ख़ागानत ख़ज़र (रूसी:Хазары, ख़ाज़ारी; अंग्रेज़ी: Khazar) मध्यकालीन यूरेशिया की एक तुर्की जाति थी जिनका विशाल साम्राज्य आधुनिक रूस के यूरोपीय हिस्से, पश्चिमी कज़ाख़स्तान, पूर्वी युक्रेन, अज़रबेजान, उत्तरी कॉकस (चरकस्सिया, दाग़िस्तान), जोर्जिया, क्राइमिया और उत्तरपूर्वी तुर्की पर विस्तृत था। इनकी राजधानी वोल्गा नदी के किनारे बसा आतील शहर था। ख़ज़र लोगों की ख़ागानत सन् ४४८ से १०४८ तक चली। इसमें कई धर्मों के लोग और, तुर्की जातियों के अलावा, यूराली, स्लावी और अन्य जातियाँ भी रहती थीं। ख़ज़र ख़ागानत रेशम मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव था और दक्षिण-पश्चिमी एशिया को उत्तरी यूरोप से जोड़ने वाली एक मुख्य कड़ी थी।, David Christian, Wiley-Blackwell, 1998, ISBN 978-0-631-20814-3,...

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ओब्लास्त

ओब्लास्त रूस तथा स्लाविक देशों में एक प्रशासनिक इकाई को कहते हैं। सोवियत संघ के सदस्य देशों में भी इस नाम से मिलते-जुलते शब्द प्रांतों के लिए प्रयुक्त होते हैं। श्रेणी:शब्दार्थ श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:रूसी शब्द श्रेणी:देशीय उपविभागों के प्रकार.

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आस्त्राख़ान ख़ानत

आस्त्राख़ान ख़ानत का नक़्शा आस्त्राख़ान ख़ानत (तातार: Хаҗитархан Ханлыгы, ख़ाचीतरख़ान ख़ानलीगी; अंग्रेज़ी: Astrakhan Khanate) वोल्गा नदी के कैस्पियन सागर के साथ बने नदीमुख (डेल्टा) इलाक़े में स्थित १५वीं और १६वीं सदी ईसवी में एक तातार लोगों की ख़ानत (राज्य) थी। यह वही क्षेत्र है जहाँ आधुनिक युग में रूस का आस्त्राख़ान शहर स्थित है। यह ख़ानत सुनहरे उर्दू ख़ानत के पतन के बाद उभरी और इसके ख़ान (शासक) तोक़ा तैमूर (Toqa Temur) के वंशज थे। तोक़ा तैमूर स्वयं प्रसिद्ध मंगोल नेता जोची ख़ान का तेरहवाँ पुत्र और चंगेज़ ख़ान का पोता था। .

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कज़ाख़ भाषा

कज़ाख़स्तान में कज़ाख़ भाषा को बढ़ावा देने का सिरिलिक लिपि में एक विज्ञापन: '(एक) कज़ाख़ को (दूसरे) कज़ाख़ से कज़ाख़ (भाषा) में बात करने दो कज़ाख़ (Қазақ тілі,, क़ाज़ाक़ तिलि) भाषा मध्य एशिया में कज़ाख़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। यह तुर्की भाषा-परिवार की पश्चिमी या किपचक शाखा की भाषा है और क़ाराक़ालपाक़ और नोगाई भाषाओँ से मिलती-जुलती है। २००९ की जनगणना के अनुसार इसे कज़ाख़स्तान में लगभग १ करोड़ लोग बोलते हैं और २००० में इसे कज़ाख़स्तान से बाहर बोलने वालों की संख्या ३० लाख अनुमानित की गई थी। कज़ाख़ को कज़ाख़स्तन में राष्ट्रभाषा होने का दर्जा हासिल है। कज़ाख़स्तान के अलावा इसे चीन, मंगोलिया, अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, युक्रेन, रूस और ईरान के कुछ समुदाय भी बोलते हैं। भौगोलिक दृष्टि से कज़ाख़ तियन शान पर्वतों से लेकर कैस्पियन सागर तक के विशाल क्षेत्र में बोली जाती है। .

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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कोज़ाक

कोज़ाक या कज़ाकी लोग स्लाव मूल के पूर्वी यूरोपीय जाति के लोग हैं जो मुख्यतः यूक्रेन और दक्षिणी रूस में बसते हैं। ये क़ज़ाख़स्तान के क़ज़ाख़ लोगों से अलग हैं। श्रेणी:स्लाव.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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