आर्यभटीय और कुट्टक के बीच समानता
आर्यभटीय और कुट्टक आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डायोफैंटीय समीकरण, भास्कर प्रथम, आर्यभट।
डायोफैंटीय समीकरण
पूर्णांक भुजाओं वाले सभी समकोण त्रिभुज प्राप्त करना एक प्रकार से डायोफैंटीय समीकरण a^2+b^2.
आर्यभटीय और डायोफैंटीय समीकरण · कुट्टक और डायोफैंटीय समीकरण ·
भास्कर प्रथम
भास्कर प्रथम (600 ई – 680 ईसवी) भारत के सातवीं शताब्दी के गणितज्ञ थे। संभवतः उन्होने ही सबसे पहले संख्याओं को हिन्दू दाशमिक पद्धति में लिखना आरम्भ किया। उन्होने आर्यभट्ट की कृतियों पर टीका लिखी और उसी सन्दर्भ में ज्या य (sin x) का परिमेय मान बताया जो अनन्य एवं अत्यन्त उल्लेखनीय है। आर्यभटीय पर उन्होने सन् ६२९ में आर्यभटीयभाष्य नामक टीका लिखी जो संस्कृत गद्य में लिखी गणित एवं खगोलशास्त्र की प्रथम पुस्तक है। आर्यभट की परिपाटी में ही उन्होने महाभास्करीय एवं लघुभास्करीय नामक दो खगोलशास्त्रीय ग्रंथ भी लिखे। .
आर्यभटीय और भास्कर प्रथम · कुट्टक और भास्कर प्रथम ·
आर्यभट
आर्यभट (४७६-५५०) प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसी ग्रंथ में इन्होंने अपना जन्मस्थान कुसुमपुर और जन्मकाल शक संवत् 398 लिखा है। बिहार में वर्तमान पटना का प्राचीन नाम कुसुमपुर था लेकिन आर्यभट का कुसुमपुर दक्षिण में था, यह अब लगभग सिद्ध हो चुका है। एक अन्य मान्यता के अनुसार उनका जन्म महाराष्ट्र के अश्मक देश में हुआ था। उनके वैज्ञानिक कार्यों का समादर राजधानी में ही हो सकता था। अतः उन्होंने लम्बी यात्रा करके आधुनिक पटना के समीप कुसुमपुर में अवस्थित होकर राजसान्निध्य में अपनी रचनाएँ पूर्ण की। .
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या आर्यभटीय और कुट्टक लगती में
- यह आम आर्यभटीय और कुट्टक में है क्या
- आर्यभटीय और कुट्टक के बीच समानता
आर्यभटीय और कुट्टक के बीच तुलना
आर्यभटीय 38 संबंध है और कुट्टक 6 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 6.82% है = 3 / (38 + 6)।
संदर्भ
यह लेख आर्यभटीय और कुट्टक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: