आर्थिक वृद्धि और मुद्रा स्फीति
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
आर्थिक वृद्धि और मुद्रा स्फीति के बीच अंतर
आर्थिक वृद्धि vs. मुद्रा स्फीति
विश्व के प्रमुख देशों का सन् 1990-1998 तथा 1990-2006 में आर्थिक वृद्धि किसी देश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि आर्थिक वृद्धि (Economic growth) कहलाती है। आर्थिक वृद्धि केवल उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का परिमाण बताती है। . मुद्रा स्फीति (en:inflation) गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा है जिससे बाज़ार में मुद्रा का प्रसार व वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि या कमी की गणना की जाती है। उदाहरण के लिएः १९९० में एक सौ रुपए में जितना सामान आता था, अगर २००० में उसे ख़रीदने के लिए दो सौ रुपए व्यय करने पड़े है तो माना जाएगा कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ गई। चीज़ों की क़ीमतों में बढ़ोतरी और मुद्रा की क़ीमत में कमी को वैज्ञानिक ढंग से सूचीबद्ध करना मुद्रा स्फीति का काम होता है। इससे ब्याज दरें भी तय होती हैं। मुद्रा स्फीति समस्त अर्थशास्त्रीय शब्दों में संभवतः सर्वाधिक लोकप्रिय है। किंतु इसे पारिभाषित करना एक कठिन कार्य है। विभिन्न विद्वानों ने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषा दी हैं.
आर्थिक वृद्धि और मुद्रा स्फीति के बीच समानता
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आर्थिक वृद्धि और मुद्रा स्फीति के बीच तुलना
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संदर्भ
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