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आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बीच अंतर

आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड vs. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड भारत का सबसे जघन्य व रहस्यमय हत्याकाण्ड था जो 15–16 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 (जलवायु विहार) में हुआ। पेशे से चिकित्सक दम्पति ने अपनी एकमात्र सन्तान आरुषि (आयु: 14 वर्ष) के साथ अपने घरेलू नौकर हेमराज (आयु: 45 साल) की नृशंस हत्या कर दी और सबूत मिटा दिये। एक नाबालिग लड़की और अधेड़ व्यक्ति के दोहरे हत्याकाण्ड से सम्बन्धित इस घटना ने मीडिया के माध्यम से जनता का ध्यान आकर्षित किया। यह हत्याकाण्ड उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही अपने फ्लैट में मौजूद थे। आरुषि के पिता ने बेटी को उसके बेडरूम में जान से मारने का शक अपने नौकर पर व्यक्त करते हुए पुलिस में हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज़ करायी। पुलिस हेमराज को खोजने बाहर चली गयी। अगले दिन नोएडा के एक अवकाश प्राप्त पुलिस उपाधीक्षक के के गौतम ने उसी फ्लैट की छत पर हेमराज का शव बरामद किया। इस घटना ने समय-समय पर कई मोड़ लिये। कई बार ऐसी खबरें आयीं कि काण्ड नौकर हेमराज के साथियों ने किया। कई बार इसमें बलात्कार के बाद हत्या की खबर आयी। और कई बार यह सन्देह भी जताया गया कि कहीं डॉक्टर दम्पति ने मिलकर ही तो इस दोहरे हत्याकाण्ड को अंजाम नहीं दिया। परन्तु मीडिया के लगातार हस्तक्षेप के चलते इस केस को दबाया नहीं जा सका। और पुलिस तथा सीबीआई की तमाम दलीलों व दोनों पक्ष के वकीलों सहित जनता की भावनाओं को देखते हुए इस पूरे मामले की तहकीकात रिपोर्ट को स्पेशल जुडीशियल मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में समीक्षा के लिये भेजा गया। प्रीति सिंह ने पहली सीबीआई टीम द्वारा दाखिल क्लोज़र रिपोर्ट को सिरे से ही खारिज़ कर दिया और दुबारा जाँच के आदेश दिये। इसके बाद हत्याकाण्ड की जाँच सीबीआई ने तेज तर्रार जाँच अधिकारी ए जी एल कौल को सौंपी। कौल और उनकी पूरी टीम ने मामले की कई कोणों से जाँच की और गाजियाबाद में विशेष रूप से गठित सीबीआई अदालत में दुबारा चार्जशीट दाखिल की। जस्टिस श्यामलाल ने आरुषि-हेमराज के बहुचर्चित रहस्यमय हत्याकाण्ड का फैसला सुनाते हुए आरुषि के माता-पिता नूपुर एवं राजेश तलवार को दोषी करार दिया। 26 नवम्बर 2013 को विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि-हेमराज के दोहरे हत्याकाण्ड में राजेश एवं नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302/34 के तहत उम्रक़ैद की सजा सुनाई। दोनों को धारा 201 के अन्तर्गत 5-5 साल और धारा 203 के अन्तर्गत केवल राजेश तलवार को एक साल की सजा सुनायी। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया। सारी सजायें एक साथ चलेंगी और उम्रक़ैद के लिये दोनों को ताउम्र जेल में रहना होगा। हाँ इस फैसले के खिलाफ वे दोनों उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं। 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता को निर्दोष करार दे दिया गया और वे जेल से रिहा हो गये। . एक राजधानी क्षेत्र या राजधानी जिला प्रायः एक विशेष तौर पर चिह्नित प्रशासनिक भाग होता है जहाँ राष्ट्र या देश की सरकार या मुख्य प्रशासन स्थापित होता है। .

आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बीच समानता

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संदर्भ

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