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आमू-पार और मंगोल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आमू-पार और मंगोल के बीच अंतर

आमू-पार vs. मंगोल

मध्य एशिया के इस नक़्शे में ट्रांसऑक्सेनिया (आमू-पार) क्षेत्र नामांकित है आमू-पार या ट्रांसऑक्सेनिया (अंग्रेजी: Transoxania) या फ़रा-रूद (फारसी) मध्य एशिया का वह इलाक़ा है जो आमू दरिया और सिर दरिया के बीच में स्थित है। इसके फ़ारसी नाम 'फ़रा-रूद' का मतलब है 'रूद' (नदी, यानी आमू नदी) से 'फ़रा' (पार)। इस इलाक़े में ख़ानाबदोश क़बीले रहा करते थे, जिनका भारत के इतिहास पर भी गहरा प्रभाव है। यह क्षेत्र उत्तरी रेशम मार्ग पर स्थित होने से हजारों सालों से संस्कृति और व्यापार की धारा में रहा है। यहाँ ईरान के सासानी साम्राज्य की एक सात्रापी थी और बाद में मंगोलों और तुर्की-मंगोलों का क्षेत्र रहा है। इसके मुख्य नगर ज़रफ़शान नदी के किनारे पर बसे बुख़ारा और समरक़न्द शहर हैं। आधुनिक राजनैतिक सीमाओं के हिसाब से आमू-पार क्षेत्र में उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किरगिज़स्तान और काज़ाख़स्तान​ के कुछ इलाक़े आते हैं।, Svatopluk Soucek, Cambridge University Press, 2000, ISBN 978-0-521-65704-4,... चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

आमू-पार और मंगोल के बीच समानता

आमू-पार और मंगोल आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मध्य एशिया

मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

आमू-पार और मध्य एशिया · मंगोल और मध्य एशिया · और देखें »

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आमू-पार और मंगोल के बीच तुलना

आमू-पार 21 संबंध है और मंगोल 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.70% है = 1 / (21 + 16)।

संदर्भ

यह लेख आमू-पार और मंगोल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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