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आदिवासी

सूची आदिवासी

ब्राजील के कयोपो (Kayapo tribe) आदिवासियों के मुखिया सामान्यत: "आदिवासी" (ऐबोरिजिनल) शब्द का प्रयोग किसी भौगोलिक क्षेत्र के उन निवासियों के लिए किया जाता है जिनका उस भौगोलिक क्षेत्र से ज्ञात इतिहास में सबसे पुराना सम्बन्ध रहा हो। परन्तु संसार के विभिन्न भूभागों में जहाँ अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग क्षेत्रों से आकर लोग बसे हों उस विशिष्ट भाग के प्राचीनतम अथवा प्राचीन निवासियों के लिए भी इस शब्द का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, "इंडियन" अमरीका के आदिवासी कहे जाते हैं और प्राचीन साहित्य में दस्यु, निषाद आदि के रूप में जिन विभिन्न प्रजातियों समूहों का उल्लेख किया गया है उनके वंशज समसामयिक भारत में आदिवासी माने जाते हैं। आदिवासी के समानार्थी शब्‍दों में ऐबोरिजिनल, इंडिजिनस, देशज, मूल निवासी, जनजाति, वनवासी, जंगली, गिरिजन, बर्बर आदि प्रचलित हैं। इनमें से हर एक शब्‍द के पीछे सामाजिक व राजनीतिक संदर्भ हैं। अधिकांश आदिवासी संस्कृति के प्राथमिक धरातल पर जीवनयापन करते हैं। वे सामन्यत: क्षेत्रीय समूहों में रहते हैं और उनकी संस्कृति अनेक दृष्टियों से स्वयंपूर्ण रहती है। इन संस्कृतियों में ऐतिहासिक जिज्ञासा का अभाव रहता है तथा ऊपर की थोड़ी ही पीढ़ियों का यथार्थ इतिहास क्रमश: किंवदंतियों और पौराणिक कथाओं में घुल मिल जाता है। सीमित परिधि तथा लघु जनसंख्या के कारण इन संस्कृतियों के रूप में स्थिरता रहती है, किसी एक काल में होनेवाले सांस्कृतिक परिवर्तन अपने प्रभाव एवं व्यापकता में अपेक्षाकृत सीमित होते हैं। परंपराकेंद्रित आदिवासी संस्कृतियाँ इसी कारण अपने अनेक पक्षों में रूढ़िवादी सी दीख पड़ती हैं। उत्तर और दक्षिण अमरीका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया तथा अनेक द्वीपों और द्वीपसमूहों में आज भी आदिवासी संस्कृतियों के अनेक रूप देखे जा सकते हैं। .

33 संबंधों: देशज, नाग, पावरा, बर्बर, बिरहोर, ब्रह्मपुत्र नदी, बोडो, भारत, भुमिज, भील, मल्लाह, माहली, मावची, मुण्डा, मीणा, राठवा, सहरिया, सांथाल जनजाति, हो भाषा, जनजाति, जंगली (1961 फ़िल्म), वारली, खासी, गरासिया, गारो, गोंड, आदिवासी, आदिवासी (भारतीय), आदिवासी साहित्य, कुकी, केवट (रामायण), कोरकू लोग, उराँव

देशज

हिन्दी या इसकी उपभाषाओं में प्रयुक्त वैसे शब्द, जिनका जन्म स्थानीय तौर पर हुआ है। इनमें क्षेत्रीय बदलाव दिखाई देता है। जैसे- लोटा, थाली, सोंटा, गमछा आदि।.

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नाग

फन उठाये हुए नाग नाग (Indian Cobra) भारतीय उपमहाद्वीप का जहरीला (विषधर) सांप (सर्प) है। यद्यपि इसका विष करैत जितना घातक नहीं है और यह रसेल्स वाइपर जैसा आक्रामक नहीं है, किन्तु भारत में सबसे अधिक लोग इस सर्प के काटने से मरते हैं क्योंकि यह सभी जगह बहुतायत (अधिक मात्रा) में पाया जाता है। यह चूहे खाता है जिसके कारण अक्सर यह मानव बस्तियों के आसपास, खेतों में एवं शहरी इलाकों के बाहरी भागों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। भारत में नाग लगभग सभी इलाकों में आसानी से देखने को मिलते है यह एशिया के उन चार सांपो में से एक है जिनके काटने से अधिक लोग मरते है ज्यादा तर भारत में ये घटना होती है भारतीय नाग में सिनेप्टिक न्यूरोटॉक्सिन (synaptic neurotoxin) और कार्डिओटोक्सिन (cardiotoxin) नामक घातक विष होता है एक वयस्क नाग की लंबाई 1 मीटर से 1.5 मीटर (3.3 से 4.9 फिट) तक हो सकती है जबकि श्रीलंका की कुछ प्रजातियां लगभग 2.1 मीटर से 2.2 मीटर (6.9 से 7.9 फिट) तक हो जाती हैँ जो आसमान है .

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पावरा

पावरा एक भारतीय आदिवासी लोग हैं। पावरा लोग भारत के महाराष्ट्र राज्य के नंदुरबार जिले में पाए जाते हैं। वे सतपुड़ा पर्वतमाला के जंगलों में रहते हैं। पावरा लोग भील जनजाति का एक हिस्सा हैं। वे मूल रूप से उदयपुर राज्य के क्षेत्र से हैं और स्वयं को राजपूत मानते हैं। पावरा लोग अमावस्या के दिन अम्बा, काकड़ और पीपल जैसे वृक्षों की पूजा करते हैं। वे आर्थिक रूप से खेती पर निर्भर हैं। वे पशुधन भी पालते हैं और बरसातों में मछलियाँ भी पकड़ते हैं। पावर लोगों के लिये होली एक महत्वपूर्ण उत्सव है। .

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बर्बर

बर्बर, उत्तरी अफ्रीका में निवास में करने वाली एक प्रमुख जनजाति हैं। बर्बर भाषाएँ (बर्बर नाम: ⵜⴰⵎⴰⵣⵉⵖⵜ, तैमैज़िग़्त) बर्बर लोगों की मूल भाषाएँ हैं। .

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बिरहोर

बिरहोर, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। मुख्यत: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में निवास करने वाली बिरहोर जनजाति विशेष जनजातियों में शामिल है। बिरहोर जनजाति के संबंध में ये मान्यता है कि ये जिस पेड़ को छू देते हैं उस पर कभी बंदर नहीं चढ़ता। एके सिन्हा ने अपनी किताब छत्तीसगढ़ की 'आदिम जनजातियां' में बिरहोर जनजाति के विषय में विस्तार से लिखा है। .

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ब्रह्मपुत्र नदी

सुक्लेश्वर घाट से खींचा गया ब्रह्मपुत्र का तस्वीर ब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है।ब्रह्मपुत्र की लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी प्रमुख हैं प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है। .

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बोडो

बर' से कई तात्पर्य निकलते हैं: .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भुमिज

भूमिज आदिवासी प्रोटोऑस्ट्रेलायड प्रजाति से जुड़े है भूमिज झारखंड ओडिशा बंगाल और आसाम में पाये जाते है ये मुंडा के ही उपसमूह है.

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भील

भील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भील, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं। भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं। .

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मल्लाह

मल्लाह भारतवर्ष की यह एक आदिकालीन मछुआरा जाति है। मल्लाह जाति मूल रूप से हिन्दू धर्म से सम्बंधित है। यह आखेटक अर्थात शिकारी जाति है। इनका उल्लेख महाभारत एवं रामायण जैसे भारत के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। यह जाति प्राचीनकाल से जल जंगल और ज़मीन पर आश्रित है। वर्णव्यवस्थानुसार यह जाति वैश्य श्रेणी के अंतर्गत आती है। चूँकि यह जाति मुख्यत: जल से सम्बंधित व्यवसाय कर अपना जीवनयापन करते चले आए हैं, इस लिए मल्लाह, "मछुआरा",केवट\बिन्द,निषाद की ही कई उप-जातियों में से एक हैं।.

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माहली

माहली जनजाति झारखंड के ज्यादातर हिस्सों तथा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम के कुछ जिलों में रहने वाली भारत की प्राचीनतम जनजातियों में से एक है। ये भारत के प्रमुख आदिवासी समूह है। इनका निवास स्थान मुख्यतः झारखंड प्रदेश है। झारखंड से बाहर ये बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, असम, मे रहते है। माहली प्रायः नाटे कद के होता है। इनकी नाक चौड़ी तथा चिपटी होती है। इनका संबंध प्रोटो आस्ट्रेलायड से है। माहली के समाज मे मुख्य व्यक्ति इनका मांझी होता है। मदिरापान तथा नृत्य इनके दैनिक जीवन का अंग है। अन्य आदिवासी समुहों की तरह इनमें भी जादू टोना प्रचलित है। ये बांस के कार्य करते हुए देखे जाते है। माहली की अन्य विषेशता इनके सुन्दर ढंग के मकान हैं जिनमें खिडकीयां नहीं होती हैं। माहली मारांग बुरु की उपासना करतें हैं ये पूर्वजो द्वारा जो परम्परा पीढ़ीयों से चली आ रही है उसको मानते है ये धर्म पूर्वी लोग होते है। इनकी भाषा संथाली और लिपि ओल चिकी है। इनके बारह मूल गोत्र हैं ; बास्के, मुर्मू, बेसरा, किस्कू, हेम्ब्रम, हासंदा, टुडू, करुणामय, मार्डी, सामन्त आदि। माहली समुदाय मुख्यतः बाहा, सोहराय, माग, ऐरोक, माक मोंड़े, जानथाड़, हरियाड़ सीम, आराक सीम, जातरा, पाता, बुरु मेरोम, गाडा पारोम तथा सकरात नामक पर्व / त्योहार मनाते हैं। इनके विवाह को 'बापला' कहा जता है। माहली समुदाय मे कुल 23 प्रकार की विवाह प्रथायें है, जो निम्न प्रकार है - 1.

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मावची

मावची समाज, महाराष्ट्र के नंदुरबार तहसील से लेकर गुजरात के तापी एंव डांग क्षेत्रो मी में रहते हैं। मावची लोगोंको गुजराती मी गामित के नाम से भी जाना जाता है।.

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मुण्डा

मुंडा एक भारतीय आदिवासी समुदाय है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है| झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं| इनकी भाषा मुंडारी आस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है| उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ूआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंध-मूल हैं | वे सूत्ती वस्त्र पहनते हैं | महिलाओं के लिए विशेष प्रकार की साड़ी होती है, जिसे बारह हथिया (बारकी लिजा) कहते हैं | पुरुष साधारण-सा धोती का प्रयोग करते हैं, जिसे तोलोंग कहते हैं | मुण्डा, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं | २० वीं सदी के अनुसार उनकी संख्या लगभग ९,०००,००० थी |Munda http://global.britannica.com/EBchecked/topic/397427/Munda .

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मीणा

मीणा अथवा मीना मुख्यतया भारत के राजस्थान व मध्य प्रदेशराज्यों में निवास करने वाली एक जनजाति है। इन्हे वैदिक युग के मत्स्य गणराज्य के मत्स्य जन-जाति का वंशज कहा जाता है, जो कि छठी शताब्दी बी॰सी॰ में पल्लवित हुये। मीणा भारत कि अनुसूचित जन जाति वर्ग से संबन्धित है व राजस्थान राज्य में वे सभी हिन्दू है, परंतु मध्य प्रदेश में मीणा (क्रम -21) विदिशा जिले कि सिरोंज तहसील में अनुसूचित जन जाति में सम्मिलित है जबकि मध्य प्रदेश के अन्य 44 जिलों में वे अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आते हैं। वर्तमान में भारत कि केंद्र सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया है कि मध्य प्रदेश की समूची मीणा जाति को भारत की अनुसूचित जन जाति के रूप में मान्यता दी जाए।। पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ला तृतीया को कृतमाला नदी के जल से मत्स्य भगवान प्रकट हुए थे। इस दिन को मीणा समाज में जहाँ एक ओर मत्स्य जयन्ती के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर इसी दिन संम्पूर्ण राजस्थान में गणगौर का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। .

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राठवा

श्रेणी:भारत की जनजातियाँ.

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सहरिया

सहरिया भारत की एक प्रमुख जनजाति है। .

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सांथाल जनजाति

संथाल जनजाति झारखंड के ज्यादातर हिस्सों तथा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम के कुछ जिलों में रहने वाली भारत की प्राचीनतम जनजातियों में से एक है। ये भारत के प्रमुख आदिवासी समूह है। इनका निवास स्थान मुख्यतः झारखंड प्रदेश है। झारखंड से बाहर ये बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, असम, में रहते है। संथाल प्रायः नाटे कद के होता है। इनकी नाक चौड़ी तथा चिपटी होती है। इनका संबंध प्रोटो आस्ट्रेलायड से है। संथालों के समाज में मुख्य व्यक्ति इनका मांझी होता है। मदिरापान तथा नृत्य इनके दैनिक जीवन का अंग है। अन्य आदिवासी समुहों की तरह इनमें भी जादू टोना प्रचलित है। संथालो की अन्य विषेशता इनके सुन्दर ढंग के मकान हैं जिनमें खिडकीयां नहीं होती हैं। संथाल मारांग बुरु की उपासना करतें हैं साथ ही ये सरना धर्म का पालन करते हैं। इनकी भाषा संथाली और लिपि ओल चिकी है। इनके बारह मूल गोत्र हैं; मरांडी, सोरेन, हासंदा, किस्कू, टुडू, मुर्मू, हेम्ब्रम, बेसरा, बास्की, चौड़े, बेदिया, एवं पौरिया। संताल समुदाय मुख्यतः बाहा, सोहराय, माग, ऐरोक, माक मोंड़े, जानथाड़, हरियाड़ सीम, आराक सीम, जातरा, पाता, बुरु मेरोम, गाडा पारोम तथा सकरात नामक पर्व / त्योहार मनाते हैं। इनके विवाह को 'बापला' कहा जता है। संताल समुदाय में कुल 23 प्रकार की विवाह प्रथायें है, जो निम्न प्रकार है - उनकी अद्वितीय विरासत की परंपरा और आश्चर्यजनक परिष्कृत जीवन शैली है। सबसे उल्लेखनीय हैं उनके लोकसंगीत, गीत और नृत्य हैं। संथाली भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है। दान करने की संरचना प्रचुर मात्रा में है। उनकी स्वयं की मान्यता प्राप्त लिपि 'ओल-चिकी' है, जो संताल समुदाय के लिये अद्वितीय है। संथाल के सांस्कृतिक शोध दैनिक कार्य में परिलक्षित होते है- जैसे डिजाइन, निर्माण, रंग संयोजन और अपने घर की सफाई व्यवस्था में है। दीवारों पर आरेखण, चित्र और अपने आंगन की स्वच्छता कई आधुनिक शहरी घर के लिए शर्म की बात होगी। संथाल के सहज परिष्कार भी स्पष्ट रूप से उनके परिवार के पैटर्न -- पितृसत्तात्मक, पति पत्नी के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है। विवाह अनुष्ठानों में पूरा समुदाय आनन्द के साथ भाग लेते हैं। लड़का और लड़की का जन्म आनंद का अवसर हैं। संथाल मृत्यु के शोक अन्त्येष्टि संस्कार को अति गंभीरता से मनाया जाता है। संताल समुदाय का धार्मिक विश्वासों और अभ्यास किसी भी अन्य समुदाय या धर्म से मेल नहीं खाता है। इनमें प्रमुख देवता हैं- 'सिंग बोंगा', 'मारांग बुरु' और 'जाहेर एरा, गोसांय एरा, मांझी बाबा - गोगो, आदि। पूजा अनुष्ठान में बलिदानों का इस्तेमाल किया जाता है। .

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हो भाषा

हो आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की मुंडा शाखा में एक भाषा है जो झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के आदिवासी क्षेत्रों में लगभग १०,७७,००० जनों द्वारा बोली जाती है। .

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जनजाति

जनजाति (tribe) वह सामाजिक समुदाय है जो राज्य के विकास के पूर्व अस्तित्व में था या जो अब भी राज्य के बाहर हैं। जनजाति वास्‍तव में भारत के आदिवासियों के लिए इस्‍तेमाल होने वाला एक वैधानिक पद है। भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति पद का प्रयोग हुआ है और इनके लिए विशेष प्रावधान लागू किये गए हैं। .

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जंगली (1961 फ़िल्म)

जंगली 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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वारली

वारली आदिवासी भारत के महाराष्ट्र राज्य के कुछ भागों में पाये जाते हैं। वारली एक स्वदेशी जनजाति या आदिवासी हैं। ये महाराष्ट्र और गुजरात के सीमा के तटीय क्षेत्रों और आसपास के क पहाड़ी में रहते हैं। वारली जन् जाति की अपनी खुद कि हिंदू मान्यताओं, परंपराओं, संस्कृति - संक्रमण हैं जिनको उन्होंने अपनाया है। यह लोग वारली नाम की एक अलिखित भाषा में बात करते हैं जो की दक्षिणी क्षेत्र के भरतीय-आर्य भाषाओं में आती है। .

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खासी

खासी (या खासिया, या खासा) एक जनजाति है जो भारत के मेघालय, असम तथा बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में निवास करते हैं। ये खासी तथा जयंतिया की पहाड़ियों में रहनेवाली एक मातृकुलमूलक जनजाति है। इनका रंग काला मिश्रित पीला, नाक चपटी, मुँह चौड़ा तथा सुघड़ होता है। ये लोग हृष्टपुष्ट और स्वभावत: परिश्रमी होते है। स्त्री तथा पुरुष दोनों सिर पर बड़े बड़े बाल रखते हैं, निर्धन लोग सिर मुँडवा लेते हैं। .

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गरासिया

गरासिया, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। .

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गारो

पारम्परिक वेशभूषा में एक गारो दम्पत्ति गारो, भारत की एक प्रमुख जनजाति है। गारो लोग भारत के मेघालय राज्य के गारो पर्वत तथा बांग्लादेश के मयमनसिंह जिला के निवासी आदिवासी हैं। इसके अलावा भारत में असम के कामरूप, गोयालपाड़ा और कारबि आंलं जिला में तथा बांग्लादेश में टांगाइल, सिलेट, शेरपुर, नेत्रकोना, सुनामगंज, ढाका और गाजीपुर जिलों में भी गारो लोग रहते हैं। .

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गोंड

गोंड का मतलब हो सकता है -.

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आदिवासी

ब्राजील के कयोपो (Kayapo tribe) आदिवासियों के मुखिया सामान्यत: "आदिवासी" (ऐबोरिजिनल) शब्द का प्रयोग किसी भौगोलिक क्षेत्र के उन निवासियों के लिए किया जाता है जिनका उस भौगोलिक क्षेत्र से ज्ञात इतिहास में सबसे पुराना सम्बन्ध रहा हो। परन्तु संसार के विभिन्न भूभागों में जहाँ अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग क्षेत्रों से आकर लोग बसे हों उस विशिष्ट भाग के प्राचीनतम अथवा प्राचीन निवासियों के लिए भी इस शब्द का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, "इंडियन" अमरीका के आदिवासी कहे जाते हैं और प्राचीन साहित्य में दस्यु, निषाद आदि के रूप में जिन विभिन्न प्रजातियों समूहों का उल्लेख किया गया है उनके वंशज समसामयिक भारत में आदिवासी माने जाते हैं। आदिवासी के समानार्थी शब्‍दों में ऐबोरिजिनल, इंडिजिनस, देशज, मूल निवासी, जनजाति, वनवासी, जंगली, गिरिजन, बर्बर आदि प्रचलित हैं। इनमें से हर एक शब्‍द के पीछे सामाजिक व राजनीतिक संदर्भ हैं। अधिकांश आदिवासी संस्कृति के प्राथमिक धरातल पर जीवनयापन करते हैं। वे सामन्यत: क्षेत्रीय समूहों में रहते हैं और उनकी संस्कृति अनेक दृष्टियों से स्वयंपूर्ण रहती है। इन संस्कृतियों में ऐतिहासिक जिज्ञासा का अभाव रहता है तथा ऊपर की थोड़ी ही पीढ़ियों का यथार्थ इतिहास क्रमश: किंवदंतियों और पौराणिक कथाओं में घुल मिल जाता है। सीमित परिधि तथा लघु जनसंख्या के कारण इन संस्कृतियों के रूप में स्थिरता रहती है, किसी एक काल में होनेवाले सांस्कृतिक परिवर्तन अपने प्रभाव एवं व्यापकता में अपेक्षाकृत सीमित होते हैं। परंपराकेंद्रित आदिवासी संस्कृतियाँ इसी कारण अपने अनेक पक्षों में रूढ़िवादी सी दीख पड़ती हैं। उत्तर और दक्षिण अमरीका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया तथा अनेक द्वीपों और द्वीपसमूहों में आज भी आदिवासी संस्कृतियों के अनेक रूप देखे जा सकते हैं। .

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आदिवासी (भारतीय)

उडी़सा के जनजातीय कुटिया कोंध समूह की एक महिलाआदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिल कर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है। भारत की जनसंख्या का 8.6% (10 करोड़) जितना एक बड़ा हिस्सा आदिवासियों का है। पुरातन लेखों में आदिवासियों को अत्विका और वनवासी भी कहा गया है (संस्कृत ग्रंथों में)। संविधान में आदिवासियों के लिए अनुसूचित जनजाति पद का उपयोग किया गया है। भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में,((धनुहार/धनवार)),संथाल, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बोडो, भील, खासी, सहरिया, गरासिया, मीणा, उरांव, बिरहोर आदि हैं। महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन (पहाड़ पर रहने वाले लोग) कह कर पुकारा है। जिस पर वामपंथी मानविज्ञानियों ने सवाल उठाया है कि क्‍या मैदान में रहने वालों को मैदानी कहा जाता है? आदिवासी को दक्षिणपंथी लोग वनवासी या जंगली कहकर पुकारते हैं। इस तरह के नामों के पीछे बुनियादी रूप से यह धारणा काम कर रही होती है कि आदिवासी देश के मूल निवासी हैं या नहीं तथा आर्य यहीं के मूल निवासी हैं या बाहर से आए हैं? जबकि निश्चित रूप से आदिवासी ही भारत के मूलनिवासी हैं। आमतौर पर आदिवासियों को भारत में जनजातीय लोगों के रूप में जाना जाता है। आदिवासी मुख्य रूप से भारतीय राज्यों उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक है जबकि भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों में यह बहुसंख्यक हैं, जैसे मिजोरम। भारत सरकार ने इन्हें भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची में " अनुसूचित जनजातियों " के रूप में मान्यता दी है। अक्सर इन्हें अनुसूचित जातियों के साथ एक ही श्रेणी " अनुसूचित जातियों और जनजातियों " में रखा जाता है जो कुछ सकारात्मक कार्रवाई के उपायों के लिए पात्र है। आदिवासी नृत्य आदिवासियों का अपना धर्म है। ये प्रकृति पूजक हैं और जंगल, पहाड़, नदियों एवं सूर्य की आराधना करते हैं। आधुनिक काल में जबरन बाह्य संपर्क में आने के फलस्वरूप इन्होंने हिंदू, ईसाई एवं इस्लाम धर्म को भी अपनाया है। अंग्रेजी राज के दौरान बड़ी संख्या में ये ईसाई बने तो आजादी के बाद इनके हिूंदकरण का प्रयास तेजी से हुआ है। परंतु आज ये स्वयं की धार्मिक पहचान के लिए संगठित हो रहे हैं और भारत सरकार से जनगणना में अपने लिए अलग से धार्मिक कोड की मांग कर रहे हैं। भारत में 1871 से लेकर 1941 तक की जनगणना में आदिवासी को अन्‍य धमों से अलग धर्म में गिना गया है, जिसे Aborgines, Aborigional, Animist, Triabal Religion, Tribes आदि कहा गया है। आदिवासी की गणना अलग ग्रुप में की गई है, लेकीन 1951 की जनगणना से आदिवासी को Schedule Tribe बना कर अलग गिनती करना बन्‍द कर दिया गया है। माना जाता है कि हिंदुओं के देव भगवान शिव भी मूल रूप से एक आदिवासी देवता थे लेकिन आर्यों ने भी उन्हें देवता के रूप में स्वीकार कर लिया। भारत में आदिवासियों को दो वर्गों में अधिसूचित किया गया है- अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित आदिम जनजाति। बहुत से छोटे आदिवासी समूह आधुनिकीकरण के कारण हो रहे पारिस्थितिकी पतन के प्रति काफी संवेदनशील हैं। व्यवसायिक वानिकी और गहन कृषि दोनों ही उन जंगलों के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं जो कई शताब्दियों से आदिवासियों के जीवन यापन का स्रोत रहे थे। .

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आदिवासी साहित्य

आदिवासी साहित्य से तात्पर्य उस साहित्य से है जिसमें आदिवासियों का जीवन और समाज उनके दर्शन के अनुरूप अभिव्यक्त हुआ है। आदिवासी साहित्य को विभिन्न नामों से पूरी दुनिया में जाना जाता है। यूरोप और अमेरिका में इसे, कलर्ड लिटरेचर, स्लेव लिटरेचर और, अफ्रीकन देशों में ब्लैक लिटरेचर और ऑस्ट्रेलिया मेें एबोरिजिनल लिटरेचर, तो अंग्रेजी में इंडीजिनस लिटरेचर, फर्स्टपीपुल लिटरेचर और ट्राइबल लिटरेचर कहते हैं। भारत में इसे हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में सामान्यतः ‘आदिवासी साहित्य’ ही कहा जाता है। .

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कुकी

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केवट (रामायण)

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कोरकू लोग

कोरकू जनजाति के लोग मध्यप्रदेश में सतपुड़ा पर्वतमाला के जंगलों से लगे छिन्दवाड़ा, बैतूल जिले की भैंसदेही और चिचोली तहसील में, होशंगाबाद जिले की हरदा, टिमरनी और खिड़किया तहसील के गाँवों में निवास करती है। इसके अतिरिक्त कोरकू महाराष्ट्र में अकोला, मेलघाट(धारणी तथा चिखलदरा) तथा मोर्शी तालुका में भी रहते हैं। .

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उराँव

ओराँव या 'कुड़ुख' भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। ये भारत के केन्द्रीय एवं पूर्वी राज्यों में तथा बंगलादेश के निवासी हैं। इनकी भाषा का नाम भी 'उराँव' या 'कुड़ुख' है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

आदीवासी, अनुसूचित जनजाति

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