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आत्मनियंत्रण

सूची आत्मनियंत्रण

आत्मनियंत्रण किसी उद्देश्य की प्राप्ति या दंड से बचने के लिए प्रदर्शित की गई भावना, कामना और व्यवहार पर नियंत्रण की क्षमता है। मनोविज्ञान में इसे स्वनियंत्रण भी कहा गया है। .

3 संबंधों: धैर्य, मनोविज्ञान, संयम

धैर्य

''धैर्य'', हंस सिबाल्ड बेहम की नक्काशी, १५४०धैर्य (Patience) कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति की सहनशीलता की अवस्था है जो उसके व्यवहार को क्रोध या खीझ जैसी नकारात्मक अभिवृत्तियों से बचाती है। दीर्घकालीन समस्याओं से घिरे होने के कारण व्यक्ति जो दबाव या तनाव अनुभव करने लगता है उसको सहन कर सकने की क्षमता भी धैर्य का एक उदाहरण है। वस्तुतः धैर्य नकारात्मकता से पूर्व सहनशीलता का एक स्तर है। यह व्यक्ति की चारित्रिक दृढ़ता का परिचायक भी है। .

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मनोविज्ञान

मनोविज्ञान (Psychology) वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैहिक प्रक्रियाओं जैसे - चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं के साथ उनका संबंध जोड़कर अध्ययन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान कहा गया है। 'व्यवहार' में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं। मानसिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत संवेदन (Sensation), अवधान (attention), प्रत्यक्षण (Perception), सीखना (अधिगम), स्मृति, चिन्तन आदि आते हैं। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है, इसका उद्देश्य चेतनावस्था की प्रक्रिया के तत्त्वों का विश्लेषण, उनके परस्पर संबंधों का स्वरूप तथा उन्हें निर्धारित करनेवाले नियमों का पता लगाना है। .

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संयम

संयम मुक्त भोग और पूर्ण त्याग के मध्य आत्मनियंत्रण की स्थिति है। व्यवहारिक जीवन और आध्यात्मिक साधनाओं में सफलता के लिए इसे अनिवार्य माना गया है। आध्यात्मिक दृष्टि से संयम आत्मा का गुण है। इसे आत्मा का सहज स्वभाव माना गया है। संयम शून्य अबाध भोग से इन्द्रिय की तृप्ति संभव नहीं है। संयम मुक्त इंद्रिय व्यक्ति एवं समाज को पतन की ओर अग्रसर करती है। .

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