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आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल के बीच अंतर

आकाशगंगा vs. मॅजलॅनिक बादल

स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरबीन से ली गयी आकाशगंगा के केन्द्रीय भाग की इन्फ़्रारेड प्रकाश की तस्वीर। अलग रंगों में आकाशगंगा की विभिन्न भुजाएँ। आकाशगंगा के केंद्र की तस्वीर। ऍन॰जी॰सी॰ १३६५ (एक सर्पिल गैलेक्सी) - अगर आकाशगंगा की दो मुख्य भुजाएँ हैं जो उसका आकार इस जैसा होगा। आकाशगंगा, मिल्की वे, क्षीरमार्ग या मन्दाकिनी हमारी गैलेक्सी को कहते हैं, जिसमें पृथ्वी और हमारा सौर मण्डल स्थित है। आकाशगंगा आकृति में एक सर्पिल (स्पाइरल) गैलेक्सी है, जिसका एक बड़ा केंद्र है और उस से निकलती हुई कई वक्र भुजाएँ। हमारा सौर मण्डल इसकी शिकारी-हन्स भुजा (ओरायन-सिग्नस भुजा) पर स्थित है। आकाशगंगा में १०० अरब से ४०० अरब के बीच तारे हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग ५० अरब ग्रह होंगे, जिनमें से ५० करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं। सन् २०११ में होने वाले एक सर्वेक्षण में यह संभावना पायी गई कि इस अनुमान से अधिक ग्रह हों - इस अध्ययन के अनुसार आकाशगंगा में तारों की संख्या से दुगने ग्रह हो सकते हैं। हमारा सौर मण्डल आकाशगंगा के बाहरी इलाक़े में स्थित है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग २२.५ से २५ करोड़ वर्ष लग जाते हैं। . बड़ा और छोटा मॅजलॅनिक बादल मॅजलॅनिक बादल (Magellanic Clouds), हमारी मंदाकिनी से लगी हुई अनियमित आकार की दो पडोसी बौनी आकाशगंगाएं है। बड़ा मॅजलॅनिक बादल (LMC) हमसे 1,60,000 प्रकाश वर्ष दूर है और छोटा मॅजलॅनिक बादल (SMC) हमसे 1,80,000 प्रकाश वर्ष दूर है। दोनों को ही दक्षिणी अर्धगोलार्ध मे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। इनकी उपस्थिति को पहली बार 1519 मे पुर्तगाली अन्वेषक फर्डीनैंड मॅजलॅन (Ferdinand Magellan) द्वारा दर्ज किया गया था। बाद मे वें उन्हीं पर नामित हो गये। मॅजलॅनिक बादल दो बेढंगी बौनी गैलेक्सियाँ हैं जो हमारी गैलेक्सी, आकाशगंगा, की उपग्रह हैं और हमारी समीपी गैलेक्सियों के स्थानीय समूह के सदस्य हैं। इन्हें पृथ्वी के आकाश में सिर्फ़ दक्षिणी गोलार्ध (हॅमिस्फ्येर) से देखा जा सकता है। इन दो गैलेक्सियों के नाम हैं -.

आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल के बीच समानता

आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रकाश-वर्ष, पृथ्वी, बड़ा मॅजलॅनिक बादल, मन्दाकिनी, स्थानीय समूह, छोटा मॅजलॅनिक बादल

प्रकाश-वर्ष

प्रकाश वर्ष (चिन्ह:ly) लम्बाई की मापन इकाई है। यह लगभग 950 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर के अन्दर होती है। यहां एक ट्रिलियन 1012 (दस खरब, या अरब पैमाने) के रूप में लिया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार, प्रकाश वर्ष वह दूरी है, जो प्रकाश द्वारा निर्वात में, एक वर्ष में पूरी की जाती है। यह लम्बाई मापने की एक इकाई है जिसे मुख्यत: लम्बी दूरियों यथा दो नक्षत्रों (या ता‍रों) बीच की दूरी या इसी प्रकार की अन्य खगोलीय दूरियों को मापने मैं प्रयोग किया जाता है। .

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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बड़ा मॅजलॅनिक बादल

बड़ा मॅजलॅनिक बादल (ब॰मॅ॰बा॰) एक बेढंगी गैलेक्सी है जो हमारी अपनी गैलेक्सी, आकाशगंगा, की उपग्रह है। यह पृथ्वी से क़रीब १६०,००० प्रकाश-वर्ष दूर है और आकाशगंगा से तीसरी सब से समीप वाली गैलेक्सी है। इसका कुल द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज से लगभग १० अरब गुना है और इसका व्यास (डायामीटर) १४,००० प्रकाश-वर्ष है। तुलना के लिए आकाशगंगा का द्रव्यमान बड़े मॅजलॅनिक बादल से सौ गुना अधिक है और उसका व्यास १००,००० प्रकाश-वर्ष है। आसपास की ३० गैलेक्सियों के स्थानीय समूह में ब॰मॅ॰बा॰ एण्ड्रोमेडा, आकाशगंगा और ट्राऐन्गुलम के बाद चौथी सब से बड़ी गैलेक्सी है। .

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मन्दाकिनी

समान नाम के अन्य लेखों के लिए देखें मन्दाकिनी (बहुविकल्पी) जहाँ तक ज्ञात है, गैलेक्सी ब्रह्माण्ड की सब से बड़ी खगोलीय वस्तुएँ होती हैं। एनजीसी ४४१४ एक ५५,००० प्रकाश-वर्ष व्यास की गैलेक्सी है मन्दाकिनी या गैलेक्सी, असंख्य तारों का समूह है जो स्वच्छ और अँधेरी रात में, आकाश के बीच से जाते हुए अर्धचक्र के रूप में और झिलमिलाती सी मेखला के समान दिखाई पड़ता है। यह मेखला वस्तुत: एक पूर्ण चक्र का अंग हैं जिसका क्षितिज के नीचे का भाग नहीं दिखाई पड़ता। भारत में इसे मंदाकिनी, स्वर्णगंगा, स्वर्नदी, सुरनदी, आकाशनदी, देवनदी, नागवीथी, हरिताली आदि भी कहते हैं। हमारी पृथ्वी और सूर्य जिस गैलेक्सी में अवस्थित हैं, रात्रि में हम नंगी आँख से उसी गैलेक्सी के ताराओं को देख पाते हैं। अब तक ब्रह्मांड के जितने भाग का पता चला है उसमें लगभग ऐसी ही १९ अरब गैलेक्सीएँ होने का अनुमान है। ब्रह्मांड के विस्फोट सिद्धांत (बिग बंग थ्योरी ऑफ युनिवर्स) के अनुसार सभी गैलेक्सीएँ एक दूसरे से बड़ी तेजी से दूर हटती जा रही हैं। ब्रह्माण्ड में सौ अरब गैलेक्सी अस्तित्व में है। जो बड़ी मात्रा में तारे, गैस और खगोलीय धूल को समेटे हुए है। गैलेक्सियों ने अपना जीवन लाखो वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया और धीरे धीरे अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त किया। प्रत्येक गैलेक्सियाँ अरबों तारों को को समेटे हुए है। गुरुत्वाकर्षण तारों को एक साथ बाँध कर रखता है और इसी तरह अनेक गैलेक्सी एक साथ मिलकर तारा गुच्छ में रहती है। प्रारंभ में खगोलशास्त्रियों की धारणा थी कि ब्रह्मांड में नई गैलेक्सियों और क्वासरों का जन्म संभवत: पुरानी गैलेक्सियों के विस्फोट के फलस्वरूप होता है। लेकिन यार्क विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्रियों-डॉ॰सी.आर.

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स्थानीय समूह

सॅक्सटॅन्स गैलेक्सी हमसे ४३ लाख प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक बेढंगी गैलेक्सी है जो हमारे स्थानीय समूह की सदस्य है स्थानीय समूह या लोकल ग्रुप गैलेक्सियों का एक समूह है जिसमें हमारी गैलेक्सी, आकाशगंगा, भी शामिल है। इस समूह में ३० से ज़्यादा गैलेक्सियाँ शामिल हैं जिनमें से बहुत सी बौनी गैलेक्सियाँ हैं। स्थानीय समूह का द्रव्यमान केंद्र आकाशगंगा और एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी के बीच में कही स्थित है और यह दोनों ही समूह की सब से बड़ी गैलेक्सियाँ हैं। कुल मिलाकर स्थानीय समूह का व्यास (डायामीटर) एक करोड़ प्रकाश-वर्ष तक फैला हुआ है। इसमें तीन सर्पिल गैलेक्सियाँ हैं - क्षीरमार्ग, एण्ड्रोमेडा और ट्राऐन्गुलम गैलेक्सी। .

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छोटा मॅजलॅनिक बादल

छोटा मॅजलॅनिक बादल छोटा मॅजलॅनिक बादल (छो॰मॅ॰बा॰) एक बौनी गैलेक्सी है जो हमारी अपनी गैलेक्सी, आकाशगंगा, की उपग्रह है। यह पृथ्वी से क़रीब २००,००० प्रकाश-वर्ष दूर है और इसका व्यास ७,००० प्रकाश-वर्ष है। छो॰मॅ॰बा॰ में कई दसियों करोड़ तारे हैं। तुलना के लिए आकाशगंगा का व्यास १००,००० प्रकाश-वर्ष है और उसमें १-४ खरब तारे हैं। छो॰मॅ॰बा॰ हमारी आसपास की ३० गैलेक्सियों के स्थानीय समूह की सदस्य है और बिना दूरबीन के आँखों से दिख सकने वाली सबसे सुदूर खगोलीय वस्तुओं में इसकी गिनती होती है। .

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आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल के बीच तुलना

आकाशगंगा 29 संबंध है और मॅजलॅनिक बादल 15 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 13.64% है = 6 / (29 + 15)।

संदर्भ

यह लेख आकाशगंगा और मॅजलॅनिक बादल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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