अहिंसा और धर्मचक्र
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अहिंसा और धर्मचक्र के बीच अंतर
अहिंसा vs. धर्मचक्र
अहिंसा का सामान्य अर्थ है 'हिंसा न करना'। इसका व्यापक अर्थ है - किसी भी प्राणी को तन, मन, कर्म, वचन और वाणी से कोई नुकसान न पहुँचाना। मन में किसी का अहित न सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंसा न करना, यह अहिंसा है। जैन धर्म एवंम हिन्दू धर्म में अहिंसा का बहुत महत्त्व है। जैन धर्म के मूलमंत्र में ही अहिंसा परमो धर्म:(अहिंसा परम (सबसे बड़ा) धर्म कहा गया है। आधुनिक काल में महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिये जो आन्दोलन चलाया वह काफी सीमा तक अहिंसात्मक था। . थाइलैण्ड के द्वारावती की कला में धर्मचक्र धर्मचक्र, भारतीय धर्मों (सनातन धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि) में मान्य आठ मंगलों (अष्टमंगल) में से एक है। बौद्धधर्म के आदि काल से ही धर्मचक्र इसका प्रतीकचिह्न बना हुआ है। यह प्रगति और जीवन का प्रतीक भी है। बुद्ध ने सारनाथ में जो प्रथम धर्मोपदेश दिया था उसे धर्मचक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है। .
अहिंसा और धर्मचक्र के बीच समानता
अहिंसा और धर्मचक्र आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अहिंसा और धर्मचक्र लगती में
- यह आम अहिंसा और धर्मचक्र में है क्या
- अहिंसा और धर्मचक्र के बीच समानता
अहिंसा और धर्मचक्र के बीच तुलना
अहिंसा 2 संबंध है और धर्मचक्र 26 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 26)।
संदर्भ
यह लेख अहिंसा और धर्मचक्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: