लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद के बीच अंतर

अस्तित्ववाद vs. ईश्वरवादी अस्तित्ववाद

किर्कगार्द, दास्त्रावस्की, नीत्शे तथा सार्त्र (बाएँ से दाएँ, ऊपर से नीचे) अस्तित्ववाद (एग्जिस्टेशन्शिएलिज़्म / existentialism) एक ऐसी विचारधारा है जिसमें अस्तित्व को तत्व से ऊपर समझा जाता है। इसके अनुसार मानव अपने पर्यावरण की निर्जीव वस्तुओं से आत्मबोध का उत्तरदायित्व पूर्णतया स्वयं लेता है। अतः उसे अपने पर्यावरण में तत्वज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। 1940 व 1950 के दशक में अस्तित्ववाद पूरे यूरोप में एक विचारक्रांति के रूप में उभरा। यूरोप भर के दार्शनिक व विचारकों ने इस आंदोलन में अपना योगदान दिया है। इनमें ज्यां-पाल सार्त्र, अल्बर्ट कामू व इंगमार बर्गमन प्रमुख हैं। कालांतर में अस्तित्ववाद की दो धाराएं हो गई।. सोरेन किर्केगार्द, गैब्रियल मार्शल आदि द्वारा प्रवर्तित अस्तित्ववाद की इश्वरवादी धारा के केन्द्र में ईश्वर है। इनके अनुसार संसार में निरर्थक जीवन को सार्थक व सारपूर्ण बनाने के लिये निष्ठा तथा ईश्वर में आस्था अनिवार्य है। श्रेणी:पाश्चात्य दर्शन.

अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद के बीच समानता

अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद के बीच तुलना

अस्तित्ववाद 12 संबंध है और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (12 + 3)।

संदर्भ

यह लेख अस्तित्ववाद और ईश्वरवादी अस्तित्ववाद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »