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अलाय वादी

सूची अलाय वादी

अलाय वादी और अलाय-पार पर्वत अलाय वादी (किरगिज़: Алай өрөөнү, अंग्रेज़ी: Alay Valley) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश के ओश प्रांत के दक्षिणी भाग में पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत एक चौड़ी और शुष्क वादी है। यह घाटी पूर्व-पश्चिम दिशा में १८० किमी लम्बी और उत्तर-दक्षिण दिशा में ४० किमी चौड़ी है और इसकी औसत ऊँचाई २५००-३००० मीटर है। घाटी के उत्तर में अलाय पर्वत हैं जिनकी ढलानें फ़रग़ना वादी पर अंत होती हैं। अलाय वादी के दक्षिण में अलाय-पार पर्वत हैं जो ताजिकिस्तान के साथ लगी सरहद पर स्थित हैं। पूर्व में ताउनमुरुन दर्रा (Taunmurun Pass) है जहाँ से चीन की सरहद पर स्थित इरकेश्तम (Irkeshtam) नाम की आख़री किरगिज़ बस्ती है। अलाय वादी की परिस्थितियाँ यहाँ बसने वालों के लिए काफ़ी कठिन हैं। यहाँ से गुज़रे एक यात्री ने इस वादी का ब्यौरा देते हुए कहा कि 'बिना नौकरियों के, कठोर सर्दियों और खेती के लिए ख़राब हालत में यहाँ जीवन बहुत मुश्किल है और यहाँ के अधिकतर पुरुष अन्य जगहों पर काम ढूँढने जा चुके हैं'।, Laurence Mitchell, pp.

11 संबंधों: चीन, ताजिकिस्तान, दर्रा, फ़रग़ना वादी, मध्य एशिया, ओश प्रांत, किर्गिज़ भाषा, किर्गिज़स्तान, अलाय पर्वत शृंखला, अलाय-पार पर्वत शृंखला, अंग्रेज़ी भाषा

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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ताजिकिस्तान

अंतरिक्ष से ताजिकिस्तान का मंज़र ताज़िकिस्तान (ताजिक: Тоҷикистон,, तोजिकिस्तोन) मध्य एशिया मे स्थित एक देश है जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा (स्थलवेष्ठित) है। यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था और उस देश के विघटन के बाद सन् १९९१ में एक स्वतंत्र देश बना। १९९२-९७ के काल में गृहयुद्धों की मार झेल चुके इस देश की कूटनीतिक-भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह उज़बेकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, किर्गिज़स्तान तथा चीन के मध्य स्थित है। इसके अलावा पाकिस्तान के उत्तरी इलाके से इसे केवल अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त का पतला-सा वाख़ान गलियारा ही अलग करता है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशानबे शहर है और यहाँ की भाषा को ताजिक कहा जाता है जो फ़ारसी भाषा का एक रूप माना जाता है। इस भाषा को सीरीलिक अक्षरों में लिखा जाता है जिसमें रूसी तथा कुछ अन्य भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। .

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दर्रा

पहाडियों एव पर्वतिय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहा जाता हैं। .

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फ़रग़ना वादी

अंतरिक्ष से फ़रग़ना वादी का दृश्य उज़्बेकिस्तान में फ़रग़ना वादी में कुछ खेत-बाग़ान फ़रग़ना वादी का क्षेत्र उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में बंटा हुआ है फ़रग़ना वादी या फ़रग़ना घाटी (फ़ारसी:, वादी-ए-फ़रग़ना; ताजिकी: водии Фарғона, वोदी-ए-फ़रग़ोना; अंग्रेजी: Fergana Valley) मध्य एशिया का एक क्षेत्र है जो पूर्वी उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में विस्तृत है। मध्य एशिया का यह इलाक़ा वैसे तो काफ़ी शुष्क और रेगिस्तानी है, लेकिन इस त्रिकोण अकार की वादी में नरयिन नदी, कारा दरिया और उनके विलय से बनने वाले सिर दरिया की वजह से यह घाटी हरी-भरी और उपजाऊ है। फ़रग़ना वादी की मध्य एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहासों पर गहरी छाप है और मुग़ल साम्राज्य का पहला सम्राट बाबर इसी घाटी का एक उज़बेक निवासी था। फ़रग़ना वादी में बहुत भिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। घाटी की कुल जनसँख्या १.२ करोड़ अनुमानित की गई है और यह मध्य एशिया की सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।, S. Frederick Starr, Baktybek Beshimov, Inomjon I. (CON) Bobokulov, M.E. Sharpe, 2011, ISBN 978-0-7656-2999-9,...

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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ओश प्रांत

ओश (किरगिज़: Ош; अंग्रेज़ी: Osh) किर्गिज़स्तान के दक्षिण-पूर्व में स्थित उस देश का एक ओब्लास्त (यानि प्रांत) है। इस प्रांत की राजधानी का नाम भी ओश शहर ही है। इस प्रांत की चीन के शिनजियांग प्रांत, ताजिकिस्तान के कूहिस्तोनी-बदख़्शान स्वशासित प्रांत और गणतंत्र-अधीन ज़िलों और उज़बेकिस्तान के अन्दीझ़ान प्रांत और फ़रग़ना प्रांत से सीमाएँ लगती हैं। .

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किर्गिज़ भाषा

किर्गिज़ एक तुर्की भाषा है और रूसी भाषा के अतिरिक्त यह किर्गिज़स्तान की आधिकारिक भाषा है। कुल के हिसाब से यह अल्तेय से बहुत निकट से और कज़ाख से दूर से जुड़ती है। हालाँकि वर्तमान समय में भाषीय सम्मिलन की वजह से किर्गिज़ और कज़ाख के बीच ज्यादा निकटता नजर आती है। किर्गिज़ भाषा किर्गिज़स्तान, चीन, अफ़गानिस्तान, कज़ाख़िस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, उज़्बेकिस्तान, पाकिस्तान और रूस में करीबन 40 लाख लोगों द्वारा बोली जाती है। किर्गिज़ २०वीं शताब्दी तक मूलतः संशोधित अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती थी, जिसके बाद कुछ समय के लिए रोमन लिपि का इस्तेमाल किया जाने लगा। बाद में सोवियत संघ के प्रभाव की वजह से सिरिलिक वर्णमाला मानक बन गई और आज तक चलन में है। हालाँकि कुछ लोग आज भी अरबी लिपि का उपयोग करते हैं। सोवियत संघ के 1991 में विघटन और देश के स्वतंत्र होने के बाद से किर्गिज़ भाषा को पुनः रोमन लिपि में कुछ किर्गिज राजनीतिज्ञ बात कह रहे हैं, लेकिन इस योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। आजकल, यह अभी भी मुख्य भाषा मुख्य शहरों में, इस तरह के रूप में बिश्केक जबकि किरगिज़ जारी है जमीन खोने विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच। .

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किर्गिज़स्तान

किर्ग़िज़स्तान, आधिकारिक तौर पर किर्ग़िज़ गणतंत्र, मध्य एशिया में स्थित एक देश है। चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरे इस देश की सीमा उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पश्चिम में उज़्बेकिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती है। "किरगिज़", जिससे देश का नाम पड़ा है, शब्द की उत्पति मूलतः "चालीस लड़कियां" या फिर "चालीस जनजातियां" मानी जाती है। जो संभवतः महानायक मानस की ओर इंगित करती हैं, जिन्होंने किंवदंती के अनुसार, खितान के खिलाफ चालीस जनजातियों को एकजुट किया था। किर्ग़िज़स्तान के झंडे में सूर्य की चालीस किरणें मानस के इन्हीं चालीस जनजातियों का प्रतीक हैं। .

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अलाय पर्वत शृंखला

इस नक़्शे में अलाय (Alai) पर्वत देखे जा सकते हैं अलाय पर्वत शृंखला (किरगिज़: Алай тоо кыркасы, अंग्रेज़ी: Alay Mountains) मध्य एशिया में किर्गिज़स्तान के तियान शान पर्वतों से पश्चिम में ताजिकिस्तान तक ३५० किमी की लम्बाई तय करने वाली पामीर-अलाय पर्वतों की एक शाखा है। इस शृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ ५,५४४ मीटर लम्बा 'पिक तन्दिकूल' (пик Тандыкуль, Pik Tandykul) है। इस शृंखला की दक्षिणी ढलानों से कई नदी-झरने वख़्श नदी में एकत्रित होते हैं जो आमू दरिया की एक उपनदी है। इसकी उत्तरी ढलानों से उभरने वाले झरनों का पानी फरग़ना वादी की तरफ़ उतरता है और सिर दरिया की उपनदियों को जल देता है। .

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अलाय-पार पर्वत शृंखला

अलाय वादी और अलाय-पार पर्वत अलाय-पार पर्वत शृंखला (किरगिज़: Чоң Алай кырка тоосу, अंग्रेज़ी: Trans-Alay Mountains) मध्य एशिया में पामीर पर्वतों की उत्तरतम शाखा है। यह उस स्थान पर स्थित हैं जहाँ पामीर पहाड़ और तियान शान के पर्वत आकर मिलते हैं। अलाय-पार पर्वत किर्गिज़स्तान के ओश प्रांत और ताजिकिस्तान के कूहिस्तोनी-बदख़्शान स्वशासित प्रांत के बीच की सरहद पर खड़े हैं। इनसे उत्तर में अलाय वादी और दक्षिण में मुस्कु नदी है। यह अलाई पर्वत से ५,००० फुट ऊँचा है तथा लाल बलुआ पत्थर का बना है। इसकी चोटियों में माउंट स्टालिन (२४,५८९ फुट) एवं माउंट लेनिन (२३,३८३ फुट) उल्लेखनीय हैं। अलाय-पार शृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ ७,१३४ मीटर (२३,४०६ फ़ुट) ऊँचा लेनिन पर्वत (Lenin Peak) है।Ошская область:Энциклопедия, Chief Editorial Board of Kyrgyz Soviet Encyclopedia, Page 448, 1987 यह पर्वत अत्यधिक हिमाच्छादित रहता है। इसके दक्षिण और पामीर का पठार है। इस वर्ग की अन्य श्रेणियों की तरह यह भी तृतीय कल्प (tertiary period) का माना जाता है, परंतु वास्तव में ये सभी श्रेणियाँ बहुत पहले की निर्मित हैं जो बाद में क्षरण के कारण प्राय: समभूमि अवस्था में पहुँच गई और अंत में अल्पाइन उत्थान के समय ऊपर उठ गईं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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