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अर्जुन और भगवा ध्वज

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अर्जुन और भगवा ध्वज के बीच अंतर

अर्जुन vs. भगवा ध्वज

शिव अर्जुन को अस्त्र देते हुए। महाभारत के मुख्य पात्र हैं। महाराज पाण्डु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। द्रौपदी, कृष्ण और बलराम की बहन सुभद्रा, नाग कन्या उलूपी और मणिपुर नरेश की पुत्री चित्रांगदा इनकी पत्नियाँ थीं। इनके भाई क्रमशः युधिष्ठिर, भीम, नकुल, सहदेव। . भगवा ध्वज भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है । यह हिन्दुओं के महान प्रतीकों में से एक है। इसका रंग भगवा (saffron) होता है। यह त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। यह हिंदुस्थानी संस्कृति का शास्वत सर्वमान्य प्रतीक है। हजारों सालों से भारत के शूरवीरों ने इसी परम पवित्र भगवा ध्वज की छाया में लड़कर देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर किये। भगवा ध्वज, हिन्दू संस्कृति एवं धर्म का शाश्वत प्रतीक है। यही ध्वज सभी मंदिरो, आश्रमों में लगाया जाता है। छत्रपती शिवाजी महाराज की सेना का यही ध्वज था। प्रभु श्री राम, भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथों पर यही ध्वज लहराता था। छत्रपति शिवाजी के अनुसार ध्वज का भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है; अग्नी के ज्वालाओ रंग है। उगते सूर्य का रंग और उसे ज्ञान, वीरता का प्रतीक माना गया और इसीलिए हमारे पूर्वजों ने इसे सबका प्रेरणा स्वरूप माना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने परम पवित्र भगवा ध्वज को ही अपना गुरू माना है। संघ की शाखाओं में इसी ध्वज को लगाया जाता है, इसका ही वंदन होता है और इसी ध्वज को साक्षी मानकर सारे कार्यकर्ता राष्ट्रसेवा, जनसेवा की शपथ लेते हैं। और उनको समझाया जाता है कि राष्ट्राध्वज तिरंगा के जैसेही धर्म ध्वज का भगवा ध्वज सन्मान करे। भारत की स्वतंत्रता के बाद भगवा ध्वजको राष्ट्रीय ध्वज घोषीत करना चाहीए ऐसा संघ तथा हिंदू संघटनों का आग्रह था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्य कार्यालय नागपुर में हमेशा भगवा ध्वज लहराता है। स्वातंत्र्य दिन तथा गणतंत्र दिवस पे राष्ट्रध्वज तिरंगा को भी मानवंदना दी जाती है। भगवा ध्वज की रक्षा और सम्मान के लिये लाखों हिंदु जन तैयार हैं। .

अर्जुन और भगवा ध्वज के बीच समानता

अर्जुन और भगवा ध्वज आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कृष्ण

कृष्ण

बाल कृष्ण का लड्डू गोपाल रूप, जिनकी घर घर में पूजा सदियों से की जाती रही है। कृष्ण भारत में अवतरित हुये भगवान विष्णु के ८वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर हैं। कन्हैया, श्याम, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण वसुदेव और देवकी की ८वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। पांडवों की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। १२५ वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद ही कलियुग का आरंभ माना जाता है। .

अर्जुन और कृष्ण · कृष्ण और भगवा ध्वज · और देखें »

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अर्जुन और भगवा ध्वज के बीच तुलना

अर्जुन 30 संबंध है और भगवा ध्वज 14 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.27% है = 1 / (30 + 14)।

संदर्भ

यह लेख अर्जुन और भगवा ध्वज के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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