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अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा

सूची अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा

ट्रान्समिशन लाइन का योजनामूलक निरूपण, जिसमें Z_0 अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा है। किसी समांगी विद्युत-लाइन की अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा (characteristic impedance) या सर्ज प्रतिबाधा (surge impedance) इस लाइन के अनन्त लम्बाई (काल्पनिक) में प्रवाहित वोल्तता एवं धारा के अनुपात के बराबर होती है। इसे Z_0 से निरूपित किया जाता है। यह स्थिति सीमित लम्बाई की लाइन में भी सम्भव है यदि किसी उपाय से परावर्तन (reflections) शून्य बना दिया जाय। अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा की एसआई मात्रक ओम है। किसी क्षयहीन लाइन के लिये अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा का मान पूर्णत: वास्तविक संख्या आती है अर्थात इसमें कोई काल्पनिक भाग नहीं होता। (Z_0.

10 संबंधों: टेलीग्राफ समीकरण, धारिता, परावर्तन, प्रतिबाधा, प्रेरकत्व, मैक्सवेल के समीकरण, संचरण लाइन, विद्युत चालकता, विद्युत प्रतिरोध, कोणीय आवृत्ति

टेलीग्राफ समीकरण

टेलीग्राफ समीकरण (telegrapher's equations या केवल telegraph equations) परस्पर युग्मित दो रैखिक अवकल समीकरण हैं जो किसी संचरण लाइन (ट्रान्समिशन लाइन) के वोल्टता और धारा का मान बताते हैं। .

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धारिता

thumb किसी चालक की वैद्युत धारिता (कैपेसिटी या कैपेसिटेंस), उस चालक की वैद्युत आवेश का संग्रहण करने की क्षमता की माप होती है। जब किसी चालक को आवेश दिया जाता है तो उसका वैद्युत विभव आवेश के अनुपात में बढता जाता है। यदि किसी चालक को q आवेश देने पर उसके विभव में V वृद्धि हो, तो जहाँ C एक नियतांक है जिसका मान चालक के आकार, समीपवर्ती माध्यम तथा पास में अन्य चालकोँ की उपस्थिति पर निर्भर करता है। इस नियतांक को 'वैद्युत धारिता' कहते हैँ। ऊपर के समीकरण q .

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परावर्तन

परावर्तन निम्न में से किसी एक के लिए प्रयुक्त शब्द है: .

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प्रतिबाधा

विद्युत के सन्दर्भ में, किसी परिपथ पर वोल्टता आरोपित करने पर उसमें धारा के प्रवाह के विरोध की माप का नाम प्रतिबाधा (impedance) है। संख्यात्मक मान की दृष्टि से किसी परिपथ की प्रतिबाधा उस परिपथ के सिरों के बीच समिश्र वोल्टता तथा समिश्र धारा के अनुपात के बराबर होती है। प्रतिबाधा को एसी के लिए प्रतिरोध के विस्तार के रूप में समझा जा सकता है। अर्थात् डीसी में जो भूमिका प्रतिरोध की है वही भूमिका एसी में प्रतिबाधा की है। प्रतिबाधा एक समिश्र संख्या है जिसका परिमाण (magnitude) और कला (phase) दोनों होते हैं। श्रेणी:विद्युत.

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प्रेरकत्व

विद्युतचुम्बकत्व एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में, प्रेरकत्व (inductance) किसी विद्युत चालक का वह गुण है जिसके कारण इससे होकर प्रवाहित धारा के परिवर्तित होने पर इसके स्वयं सिरों पर तथा दूसरे चालकों के सिरों पर विद्युतवाहक बल उत्पन्न होता है। .

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मैक्सवेल के समीकरण

जेम्स क्लार्क मैक्सवेल्ल् विद्युत्चुम्बकत्व के क्षेत्र में मैक्सवेल के समीकरण चार समीकरणों का एक समूह है जो वैद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र, वैद्युत आवेश, एवं विद्युत धारा के अन्तर्सम्बधों की गणितीय व्याख्या करते हैं। ये समीकरण सन १८६१ में जेम्स क्लार्क मैक्सवेल के शोधपत्र में छपे थे, जिसका शीर्षक था - ऑन फिजिकल लाइन्स ऑफ फोर्स। मैक्सवेल के समीकरणों का आधुनिक स्वरूप निम्नवत है: उपरोक्त समीकरणों में लारेंज बल का नियम भी सम्मिलित कर लेने पर शास्त्रीय विद्युतचुम्बकत्व की सम्पूर्ण व्याख्या हो पाती है। .

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संचरण लाइन

संचरण लाइन का एनिमेशन कोऐक्सियल केबल, संचरण लाइन का एक उदाहरण है। संचार इंजीनियरी तथा इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरी में संचरण लाइन (ट्रान्समिशन लाइन/transmission line) रेडियो आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा ले जाने वाली विशेष प्रकार की केबलों (cable) या अन्य संरचनाओं को कहते हैं। संचरण लाइनों का प्रयोग अनेक कार्यों में होता है, जैसे- रेडियो ट्रान्समिटर या रेडियो रिसीवर को एन्टेना से जोड़ने के लिये, केबल टीवी के संकेतों को लोगों के घरों तक ले जाने हेतु, कम्प्यूट्र नेटवर्कों को जोडने वाले केबल, कम्प्यूटर के अन्दर प्रयुक्त उच्च गति वाली डेटा बसें आदि। .

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विद्युत चालकता

पदार्थों द्वारा विद्युत धारा संचालित करने की क्षमता के माप को विद्युत चालकता (Electrical conductivity) या विशिष्ट चालकता (specific conductance) कहते हैं। जब किसी पदार्थ से बने किसी 'चालक' के दो सिरों के बीच विभवान्तर आरोपित किया जाता है तो इसमें विद्यमान घूम सकने योग्य आवेश प्रवाहित होने लगते हैं जिसे विद्युत धारा कहते हैं। आंकिक रूप से धारा घनत्व \mathbf तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता \mathbf के अनुपात को चालकता (σ) कहते हैं। अर्थात - विद्युत चालकता के व्युत्क्रम (reciprocal) राशि को विद्युत प्रतिरोधकता (ρ) कहते हैं जिसकी SI इकाई सिमेन्स प्रति मीटर (S·m-1) होती है। विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को कुचालक, अर्धचालक, सुचालक तथा अतिचालक आदि कई वर्गों में बांटा जाता है जिनका अपना-अपना महत्व एवं उपयोग होता है चालकता ___(Conductance) जिस प्रकार प्रतिरोध, विधुत धारा प्रवाह का विरोध करता है उसी प्रकार चालकता प्रतिरोध के प्रभाव के विपरीत है, परंतु चालकता विधुत धारा प्रवाह को सुगमता प्रदान करती है। .

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विद्युत प्रतिरोध

आदर्श प्रतिरोधक का V-I वैशिष्ट्य। जिन प्रतिरोधकों का V-I वैशिष्ट्य रैखिक नहीं होता, उन्हें अनओमिक प्रतिरोधक (नॉन-ओमिक रेजिस्टर) कहते हैं। किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उससे प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को उसका विद्युत प्रतिरोध (electrical resistannce) कहते हैं।इसे ओह्म में मापा जाता है। इसकी प्रतिलोमीय मात्रा है विद्युत चालकता, जिसकी इकाई है साइमन्स। जहां बहुत सारी वस्तुओं में, प्रतिरोध विद्युत धारा या विभवांतर पर निर्भर नहीं होता, यानी उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है। right समान धारा घनत्व मानते हुए, किसी वस्तु का विद्युत प्रतिरोध, उसकी भौतिक ज्यामिति (लम्बाई, क्षेत्रफल आदि) और वस्तु जिस पदार्थ से बना है उसकी प्रतिरोधकता का फलन है। जहाँ इसकी खोज जार्ज ओह्म ने सन 1820 ई. में की।, विद्युत प्रतिरोध यांत्रिक घर्षण के कुछ कुछ समतुल्य है। इसकी SI इकाई है ओह्म (चिन्ह Ω).

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कोणीय आवृत्ति

अंगूठाकार ''ω'' (रेडियन प्रति सेकेन्ड), आवृत्ति ''ν'' के 2''π'' गुना होती है। इस चित्र में आवृत्ति को ''f'' के बजाय ''ν'' से दर्शाया गया है। भौतिकी में, घूमती हुई कोई वस्तु, इकाई समय में जितना कोण (रेडियन में) घूम जाती है उसे कोणीय आवृत्ति या कोणीय चाल (ω) कहते हैं। कोणीय चाल, वास्तव में कोणीय वेग नामक सदिश राशि के परिमाण (magnitude) को कहते हैं।(UP1) कोई वस्तु एक चक्कर (Turn) घूमने में 2π रेडियन कोण घूमती है, अतः जहाँ: .

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