अभियोगी और पक्ष (न्यायिक) के बीच समानता
अभियोगी और पक्ष (न्यायिक) आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): न्यायालय, मुकदमा, विधिक व्यक्तित्व, अभियुक्त।
न्यायालय
लंदन के पुरानी बेली स्थित एक कोर्ट का दृष्य न्यायालय (अदालत या कोर्ट) का तात्पर्य सामान्यतः उस स्थान से है जहाँ पर न्याय प्रशासन कार्य होता है, परंतु बहुधा इसका प्रयोग न्यायाधीश के अर्थ में भी होता है। बोलचाल की भाषा में अदालत को कचहरी भी कहते हैं। .
अभियोगी और न्यायालय · न्यायालय और पक्ष (न्यायिक) ·
मुकदमा
कानून में मुकदमा एक नागरिक-क्रिया है जो किसी न्यायालय के समक्ष की जाती है। इसमें अभ्यर्थी (plaintiff) न्यायालय से विधिक उपचार या साम्या की याचना करता है। अभ्यर्थी की शिकायत पर एक या अधिक प्रतिवादी (defendant) अपनी सफाई देते हैं। यदि अभ्यर्थी सफल होता है तो न्यायालय उसे उसके अधिकारों को लागू कराने, क्षतिपुर्ति (damages) दिलवाने आदि का आदेश देता है। .
अभियोगी और मुकदमा · पक्ष (न्यायिक) और मुकदमा ·
विधिक व्यक्तित्व
विधि या कानून जिन एककों को मुकादमा चलाने या जिनपर मुकदमा चलवाने की सुविधा देता है, उन्हें विधिक व्यक्तित्व (Legal personality) प्राप्त होता है। विविध संस्थाओं को बहुत समय पूर्व से ऐसा व्यक्तित्व प्राप्त था। विधिक व्यक्तित्व की प्रथा का उदय प्राचीन रोम में हुआ। वैसे ग्रीस (534 ई. पू.), फिनीशिया (900 ई. पू.) तथा बेवीलोनिया (2200 ई. पू.) में यह प्रचलित थी। विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते। प्राचीन काल में विदेशियों को ऐसे कोई अधिकार नहीं दिए जाते थे और दासों को तो चल संपत्ति ही माना जाता था। शिशुओं और पागलों का तो अब भी सीमित व्यक्तित्व होता है। न्यूयॉर्क की विधि के अनुसार जन्म कैदवाला कैदी एक प्रकार से मत ही माना जाता है। दूसरी ओर कुछ समाजों में गर्भस्थ शिशु को भी विधिक व्यक्तित्व मिल जाता है। कुछ में मानवसमूह को या फर्म को या मूर्ति जैसे निर्जीव पदार्थ को भी यह व्यक्तित्व प्रदान कर दिया जाता है। मध्य युग तक तो पक्षी और पशु भी यूरोप में अपराधी के रूप में विधि द्वारा दंडित किए जाते थे। .
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अभियुक्त
न्यायशास्त्र में अभियुक्त या बचाव पक्ष (defendant) वह पक्ष (व्यक्ति या दल) होता है जिसके विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा में आरोप लगाया जाता है। दण्डविधि में अभियुक्त को मुलज़िम भी कहा जाता है, अर्थात वह व्यक्ति जिसपर इलज़ाम (आरोप) लगा हो। इसके विपरीत अभियोगी या मुद्दई (plaintiff) वह पक्ष होता है जो मुकदमा लाकर किसी पर आरोप लगाता है। .
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अभियोगी और पक्ष (न्यायिक) के बीच तुलना
अभियोगी 6 संबंध है और पक्ष (न्यायिक) 7 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 30.77% है = 4 / (6 + 7)।
संदर्भ
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