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अभियोगी और न्यायशास्त्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अभियोगी और न्यायशास्त्र के बीच अंतर

अभियोगी vs. न्यायशास्त्र

न्यायशास्त्र में अभियोगी या मुद्दई (plaintiff) वह पक्ष (व्यक्ति या दल) होता है जो न्यायालय में मुकदमा लाकर किसी पर आरोप लगाता है। इसके विपरीत अभियुक्त (defendant) या बचाव पक्ष वह पक्ष होता है जिसपर आरोप लगया गया हो। . लॉ के फिलोज़ोफर्स पूछते है "कानून क्या है?"और "यह क्या हो सकता है?" न्यायशास्त्र कानून (विधि) का सिद्धांत और दर्शन है। न्यायशास्त्र के विद्वान अथवा कानूनी दार्शनिक, विधि (कानून) की प्रवृति, कानूनी तर्क, कानूनी प्रणालियां एवं कानूनी संस्थानों का गहन ज्ञान पाने की उम्मीद रखते हैं। आधुनिक न्यायशास्त्र की शुरुआत 18वीं सदी में हुई और प्राकृतिक कानून, नागरिक कानून तथा राष्ट्रों के कानून के सिद्धांतों पर सर्वप्रथम अधिक ध्यान केन्द्रित किया गया। साधारण अथवा सामान्य न्यायशास्त्र को प्रश्नों के प्रकार के द्वारा उन वर्गों में विभक्त किया जा सकता है अथवा इन प्रश्नों के सर्वोत्तम उत्तर कैसे दिए जायं इस बारे में न्यायशास्त्र के सिद्धांतों अथवा विचारधाराओं के स्कूलों दोनों ही तरीकों से पता लगाकर जिनकी चर्चा विद्वान करना चाहते हैं। कानून का समकालीन दर्शन, जो सामान्य न्यायशास्त्र से संबंधित हैं, समस्याओं की चर्चा मोटे तौर पर दो वर्गों में करता है:शाइनर, "कानून के दार्शनिक", कैंब्रिज डिक्शनरी ऑफ़ फिलोज़ोफी.

अभियोगी और न्यायशास्त्र के बीच समानता

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अभियोगी और न्यायशास्त्र के बीच तुलना

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संदर्भ

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