लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल के बीच अंतर

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस vs. बाइबिल

30 सितंबर अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाया जाता है। अनुवाद दिवस बाइबल के अनुवादक सेंट जीरोम की स्मृति में मनाया जाता है। इस वर्ष की विषयवस्तु (विषय) "द चेंजिंग फेस ऑफ़ ट्रांसलेशन एण्ड इंटरप्रेटिंग" हैं। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस हर साल 30 सितंबर को सेंट जेरोम के पर्व पर मनाया जाता है, बाइबिल अनुवादक जिसे अनुवादकों के संरक्षक संत माना जाता है। 1 9 53 में स्थापित होने के बाद से यह समारोह एफआईटी (अंतर्राष्ट्रीय अनुवादकों की अंतर्राष्ट्रीय संघ) द्वारा प्रोत्साहित किया गया है। 1 99 1 में एफआईटी ने एक आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का विचार शुरू किया, ताकि दुनिया भर में अनुवाद समुदाय की एकता को बढ़ावा मिले। विभिन्न देशों में अनुवाद कार्य का महत्व प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है। भूमंडलीकरण की प्रगति के युग में अनुवाद कार्य तेजी से बढ़ रहा है।. बाइबिल (अथवा बाइबल, Bible, अर्थात "किताब") ईसाई धर्म(मसीही धर्म) की आधारशिला है और ईसाइयों (मसीहियों) का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है। इसके दो भाग हैं: पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट)। बाइबिल का पूर्वार्ध अर्थात् पूर्वविधान यहूदियों का भी धर्मग्रंथ है। बाइबिल ईश्वरप्रेरित (इंस्पायर्ड) है किंतु उसे अपौरुषेय नहीं कहा जा सकता। ईश्वर ने बाइबिल के विभिन्न लेखकों को इस प्रकार प्रेरित किया है कि वे ईश्वरकृत होते हुए भी उनकी अपनी रचनाएँ भी कही जा सकती हैं। ईश्वर ने बोलकर उनसे बाइबिल नहीं लिखवाई। वे अवश्य ही ईश्वर की प्रेरणा से लिखने में प्रवृत्त हुए किंतु उन्होंने अपनी संस्कृति, शैली तथा विचारधारा की विशेषताओं के अनुसार ही उसे लिखा है। अत: बाइबिल ईश्वरीय प्रेरणा तथा मानवीय परिश्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम है। मानव जाति तथा यहूदियों के लिए ईश्वर ने जो कुछ किया और इसके प्रति मनुष्य की जो प्रतिक्रिया हुई उसका इतिहास और विवरण ही बाइबिल का वण्र्य विषय है। बाइबिल गूढ़ दार्शनिक सत्यों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें दिखलाया गया है कि ईश्वर ने मानव जाति की मुक्ति का क्या प्रबंध किया है। वास्तव में बाइबिल ईश्वरीय मुक्तिविधान के कार्यान्वयन का इतिहास है जो ओल्ड टेस्टामेंट में प्रारंभ होकर ईसा के द्वारा न्यू टेस्टामेंट में संपादित हुआ है। अत: बाइबिल के दोनों भागों में घनिष्ठ संबंध है। ओल्ड टेस्टामेंट की घटनाओं द्वारा ईसा के जीवन की घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार की गई है। न्यू टेस्टामेंट में दिखलाया गया है कि मुक्तिविधान किस प्रकार ईसा के व्यक्तित्व, चमत्कारों, शिक्षा, मरण तथा पुनरुत्थान द्वारा संपन्न हुआ है; किस प्रकार ईसा ने चर्च की स्थापना की और इस चर्च ने अपने प्रारंभिक विकास में ईसा के जीवन की घटनाओं को किस दृष्टि से देखा है कि उनमें से क्या निष्कर्ष निकाला है। बाइबिल में प्रसंगवश लौकिक ज्ञान विज्ञान संबंधी बातें भी आ गई हैं; उनपर तात्कालिक धारणाओं की पूरी छाप है क्योंकि बाइबिल उनके विषय में शायद ही कोई निर्देश देना चाहती है। मानव जाति के इतिहास की ईश्वरीय व्याख्या प्रस्तुत करना और धर्म एवं मुक्ति को समझना, यही बाइबिल का प्रधान उद्देश्य है, बाइबिल की तत्संबंधी शिक्षा में कोई भ्रांति नहीं हो सकती। उसमें अनेक स्थलों पर मनुष्यों के पापाचरण का भी वर्णन मिलता है। ऐसा आचरण अनुकरणीय आदर्श के रूप में नहीं प्रस्तुत हुआ है किंतु उसके द्वारा स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य कितने कलुषित हैं और उनको ईश्वर की मुक्ति की कितनी आवश्यकता है। .

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल के बीच समानता

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल के बीच तुलना

अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस 1 संबंध नहीं है और बाइबिल 12 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (1 + 12)।

संदर्भ

यह लेख अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस और बाइबिल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »