अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र के बीच अंतर
अनुवाचन vs. व्याख्यान शास्त्र
अनुवाचन श्रोताओं की उपस्थिति में औपचारिक शैली से किसी कविता, गद्य, भाषण या अन्य लिखाई के पाठ करने की क्रिया होती है। अक्सर यह पाठ सामग्री का स्मरण करके बिना किसी साहयता के किया जाता है, हालांकि लिखित सामग्री भी प्रयोग की जा सकती है। विश्व की कई सांस्कृतिक परम्पराओं में अनुवाचन का महत्व है। धार्मिक व अन्य सन्दर्भों में यह अक्सर एक नियमबद्ध कला भी होती है जिसमें उच्चारण इत्यादि पर बहुत ध्यान दिया जाता है।Denny, Frederick Mathewson (1989) Oral Tradition 4(1/2): pp. व्याख्यान शास्त्र (rhetoric) उस कला को कहते हैं जिसमें लेखकों और वक्ताओं की जानकारी प्रदान करने, भावनाएँ व्यक्त करने और श्रोताओं को भिन्न उद्देश्यों के लिए प्रेरित करने की क्षमता और उसे सुधारने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। .
अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र के बीच समानता
अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र लगती में
- यह आम अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र में है क्या
- अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र के बीच समानता
अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र के बीच तुलना
अनुवाचन 4 संबंध है और व्याख्यान शास्त्र 6 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (4 + 6)।
संदर्भ
यह लेख अनुवाचन और व्याख्यान शास्त्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: