लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अत्तिला

सूची अत्तिला

सिंहासन पर अत्तिला हूण अत्तिला (406-453) या अत्तिला हूण वर्ष 434 से अपनी मृत्यु तक हूणों का राजा था। यह हूण साम्राज्य का नेता था यह मूल रूप से भारत में आये स्वेत हूंणों का ही वंशज था जो मूल रूप से गुर्जर वंश के थे हूंणों के परिवार के सदस्य कंषान गुर्जर कुषान/ड के परिवार के थे। जर्मनी से यूराल नदी और डैन्यूब नदी से बाल्टिक सागर तक फैला हुआ था। अपने राजकाल में यह पश्चिमी और पूर्वी रोमन साम्राज्य का सबसे भयानक शत्रु था। इसे बाद के इतिहासकारों ने ' भगवान का कोड़ा' (Scourge of God.) कहा। इसने दो बार बाल्कन क्षेत्र पर हमला किया, गोल (आधुनिक फ्रांस) में यह ऑर्लेयाँ तक पहुँच गया, पर इसने इस्तानबुल या रोम पर कभी आक्रमण नहीं किया। लगभग सारे पश्चिमी यूरोप में इसे क्रूरता और लोभ के परम उदाहरण के रूप में याद किया जाता है, लेकिन कुछ ऐतिहासिक विवरणों और कहानियों में अटिला को महान सम्राट के रूप में दर्शाया गया है। नोर्स गाथाओं में अटिला की प्रमुख भूमिका है। अत्तिला के पिता का नाम मुंदजुक था। उसके जन्म से कुछ पहले ही कास्पियन सागर के उत्तरवर्ती प्रदेशों के हूण दानूब नदी की घाटों में जा बसे थे। अत्तिला के पिता का परिवार भी उन्हीं हूणों में से था। चाचा रुआस के मरने पर अपने भाई ब्लेदा के साथ अत्तिला दानूबतटीय हूणों का संयुक्त राजा बना। रुआस का शासनकाल हूणों के यूरोप में विशेष उत्कर्ष का था। उसने जर्मन और स्लाव जातियों पर आधिपत्य कर लिया था और उसका दबदबा कुछ ऐसा बढ़ा कि पूर्वी रोमन सम्राट उसे वार्षिक कर देने लगा। चाचा के ऐश्वर्य का अत्तिला ने प्रभूत प्रसार किया और आठ वर्षों में वह कास्पियन और बाल्टिक सागर के बीच के समूचे राज्यों का, राइन नदी तक, स्वामी बन गया। 450 ई. के पश्चात्‌ अत्तिला पूर्वी साम्राज्य को छोड़ पश्चिमी साम्राज्य की ओर बढ़ा। पश्चिमी साम्राज्य का सम्राट तब वालेंतीनियन तृतीय था। सम्राट की भगिनी जुस्ताग्राता होनोरिया ने अपने भाई के विरुद्ध सहायता के अर्थ अत्तिला को अपनी अँगूठी भेजी थी। इसे विवाह का प्रस्ताव मान हूणराज ने सम्राट से भगिनी के यौतुक में आधा राज्य माँगा और अपनी सेना लिए वह गाल को रौंदता, मेत्स को लूटता, ल्वार नदी के तट पर बसे और्लियाँ जा पहुँचा, पर रोमन सेना ने पश्चिमी गोथों और नगरवासियों की सहायता से हूणों को नगर का घेरा उठा लेने को मजबूर किया। फिर दो महीने बाद जून, 451 में इतिहास की सबसे भयंकर खूनी लड़ाइयों में से एक लड़ी गई, जब दोनों सेनाएँ सेन नदी के तट पर त्रॉय के निकट परस्पर मिलीं। भीषण युद्ध हुआ और जीवन में बस एक वार हारकर अत्तिला को भागना पड़ा। पर अत्तिला चुप बैठने वाला आदमी न था। अगले साल सेना लेकर शक्ति केंद्र स्वयं इटली पर उसने धावा बोल दिया और देखते-देखते उसका उत्तरी लोंबार्दी का प्रांत उजाड़ डाला। उखड़े, भागे हुए लोगों ने आर्द्रियातिक सागर पहुँच वहाँ के प्रसिद्ध नगर वेनिस की नींव डाली। सम्राट बालेंतीनियन ने भागकर रावेना में शरण ली। पर पोप लिओ प्रथम ने रोम की रक्षा के लिए मिंचिओ नदी के तीर पड़ाव डाले अत्तिला से प्रार्थना की। कुछ पोप के अनुनय से, कुछ हूणों के बीच प्लेग फूट पड़ने से अत्तिला ने इटली छोड़ देना स्वीकार किया। इटली से लौटकर उसने बर्गडों को राजकुमारी इल्दिको को ब्याह पर अपनी सुहागरात को ही वह रक्तचाप से मस्तिष्क की नली फट जाने के कारण पानीनिया में मर गया। अत्तिला ने पश्चिमी रोमन साम्राज्य की रीढ़ तोड़ दी। उसके और हूणों के नाम से यूरोपीय जनता थरथर काँपने लगी। हंगरी में बसकर तो उन्होंने उस देश को अपना नाम दिया हो, उनका शासन नार्वे और स्वीडेन तक चला। चीन के उत्तर-पूर्वी प्रांत कासू से उनका निकास हुआ था और वहाँ से यूरोप तक हूणों ने अपना खूनी आधिपत्य कायम किया। उन्हीं की धाराओं पर धाराओं ने दक्षिण बहकर भारत के गुप्त साम्राज्य को भी कमर तोड़ दी। .

15 संबंधों: डैन्यूब नदी, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी रोमन साम्राज्य, फ़्रान्स, बाल्टिक सागर, बाल्कन, बाइज़ेंटाइन साम्राज्य, यूराल नदी, रोम, रोमन साम्राज्य, हूण लोग, जर्मनी, इस्तांबुल, कैस्पियन सागर, ४५३

डैन्यूब नदी

डैन्यूब नदी के मार्ग का नक़्शा डैन्यूब नदी (अंग्रेज़ी: Danube, जर्मन: Donau) मध्य यूरोप में बहने वाली एक नदी है। यह जर्मनी के काले वन के पहाड़ों में स्थित दोनाउएशिंगन कस्बे के पास शुतु होती और और फिर दक्षिण-पूर्व को बहती है। अपनी २,८७२ किमी (१,७८५ मील) की लम्बाई में यह चार मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों की राजधानियों से गुज़रती है और फिर युक्रेन और रोमानिया में एक डेल्टा (नदीमुख) बनाकर कृष्ण सागर में मिल जाती है। डैन्यूब दस देशों से गुज़रती है या उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है - जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवेकिया, हंगरी, क्रोएशिया, सर्बिया, बुल्गारिया, मोल्दोवा, युक्रेन और रोमानिया। प्राचीन काल में कुछ अरसे के लिए यह रोमन साम्राज्य की सरहद होने के लिए भी प्रसिद्ध है। वोल्गा नदी के बाद डैन्यूब यूरोप की दूसरी सबसे लम्बी नदी है।, Jerome Delli Priscoli, Aaron T. Wolf, Cambridge University Press, 2009, ISBN 978-0-521-63216-4,...

नई!!: अत्तिला और डैन्यूब नदी · और देखें »

पश्चिमी यूरोप

पश्चिम यूरोप क्षेत्र में यूरोप महाद्वीप के पश्चिमी राष्ट्र आते हैं। लगभग १९४५-१९९१ तक चले शीत युद्ध के समय में प्रचलित एक अन्य परिभाषा के अनुसार पश्चिम यूरोपीय संघ से संबद्ध राष्ट्रों के क्षेत्र को पश्चिम यूरोप कहते थे, जो अब यूरोपीय संघ का ही भाग है। पश्चिमी यूरोपीय संघ १९४८ के समय असाम्यवादी यूरोपीय राष्ट्रों द्वारा संगठित एक सुरक्षात्मक संगठन था और ये ईस्टर्न ब्लॉक या वारसा संधि के विरुद्ध संगठित हुआ था। पशिमी यूरोप के राष्ट्र अत्यधिक आय वाले विकसित राष्ट्र हैं, जिनमें अधिकांश जनतांत्रिक सरकार द्वारा शासित हैं और मिश्रित अर्थ-व्यवस्था के संग नाटो एवं यूरोपीय संघ के भी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय विभाग के अनुसार पश्चिमी यूरोप मात्र ९ राष्ट्रों का समूह है। .

नई!!: अत्तिला और पश्चिमी यूरोप · और देखें »

पश्चिमी रोमन साम्राज्य

इतिहास लेखन में, पश्चिमी रोमन साम्राज्य (Western Roman Empire) से आशय रोमन साम्राज्य के पश्चिमी प्रदेशो से है जिनका प्रशासक पूर्वी रोमन साम्राज्य से अलग था। श्रेणी:रोमन साम्राज्य.

नई!!: अत्तिला और पश्चिमी रोमन साम्राज्य · और देखें »

फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

नई!!: अत्तिला और फ़्रान्स · और देखें »

बाल्टिक सागर

बाल्टिक सागर का भौगोलिक मानचित्र बाल्टिक उत्तरी यूरोप का एक सागर है जो लगभग सभी ओर से जमीन से घिरा है। इसके उत्तर में स्कैडिनेवी प्रायद्वीप (स्वीडन), उत्तर-पूर्व में फ़िनलैंड, पूर्व में इस्टोनिया, लिथुआनिया, लाटविया, दक्षिण में पोलैंड तथा दक्षिण-पश्चिम में जर्मनी है। पश्चिम में डेनमार्क तथा छोटे द्वीप हैं जो इसे उत्तरी सागर तथा अटलांटिक महासागर से अलग करते हैं। जर्मानी भाषाओं, जैसे डच, डेनिश, फ़िन्नी में इसको पूर्वी सागर (Ostsee) के नाम से जाना जाता है। इसमें गौरतलब है कि यह फ़िनलैंड के पश्चिम में बसा हुआ है। यह एक छिछला सागर है जिसका पानी समुद्री जल से कम खारा है। कृत्रिम नहर द्वारा यह श्वेत सागर से जुड़ा हुआ है। फिनलैंड की खाड़ी, बोथ्निया की खाड़ी, रिगा की खाड़ी इत्यादि इसके स्थानीय निकाय हैं। इसकी औसत गहराई ५५ मीटर है तथा यह कोई १६०० किलोमीटर लम्बा है। .

नई!!: अत्तिला और बाल्टिक सागर · और देखें »

बाल्कन

दक्षिण-पूर्वी यूरोप का बाल्कन प्रायद्वीप बाल्कन या बाल्कन प्रायद्वीप दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक क्षेत्र है जो भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अपना अलग पहचान बना चुका है। इसका कुल क्षेत्रफल 5,50,000 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या लगभग साढ़े 5 करोड़ है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है जिसका कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। दक्षिणी यूरोप का यह सबसे पूर्वी प्रायद्वीप है। यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है - इसके पूर्व में काला सागर, ईजियन सागर, मरमरा सागर, दक्षिण में भूमध्यसागर, पश्चिम में इयोनियन सागर तथा एड्रियाटिक सागर हैं तथा उत्तर में सावा, कूपा और डैन्यूब नदियाँ बहती हैं। इस प्रकार संपूर्ण अल्बानिया, यूनान, बुल्गारिया, यूगोस्लाविया और रोमानिया के कुछ भाग को बॉल्कन प्रायद्वीप कहा जाता है। इन छह देशों को 'बॉल्कन स्टेट' भी कहा जाता है। यह पहाड़ी क्षेत्र है तथा इसकी मुख्य पर्वतमालाएँ डिनैरिक ऐल्प्स, बॉल्कन पर्वत तथा रोड़ोषे पर्वत हैं। यहाँ की मुख्य नदियाँ मोरावा, वारदार, स्ट्रूमा (struma), मेस्ता तथा मैरित्सा हैं। जलवायु महाद्वीपीय है परंतु एड्रिऐटिक, इयोनियन तथा इजिऐन समुद्रों के तट पर रूमसागरीय जलवायु पाई जाती है, यह संपूर्ण क्षेत्र कृषिप्रधान है। इसके अलावा यहाँ पर लोहा, कोयला, मैंगनीज, ताँबा, जस्ता तथा सीस आदि के कीमती खनिज भी पाए जाते हैं। यहाँ पर अनेक मानव जातियाँ बसी हुई हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से यह कई बड़े संघर्षों तथा आन्दोलनों का केन्द्र रहा है। .

नई!!: अत्तिला और बाल्कन · और देखें »

बाइज़ेंटाइन साम्राज्य

समय के साथ बाईज़न्टाइन साम्राज्य के क्षेत्र में परिवर्तन बाईज़न्टाइन साम्राज्य (या 'पूर्वी रोमन साम्राज्य') मध्य युग के दौरान रोमन साम्राज्य को दिया गया नाम था। इसकी राजधानी क़ुस्तुंतुनिया (कॉन्स्टैन्टिनोप्ल) थी, जोकि वर्तमान में तुर्की में स्थित है, और अब इसे इस्तांबुल के नाम से जाना जाता है। पश्चिमी रोमन साम्राज्य के विपरीत, इसके लोग यूनानी बोलते थे, नाकि लैटिन और यूनानी संस्कृति और पहचान का प्रभुत्व था। यह साम्राज्य लगभग ३२४ ई से १४५३ ई तक (एक हजार वर्षों से अधिक) अस्तित्व में रहा। 'बाइजेंटाइन साम्राज्य' या 'बाइजेंटियम' का इस्तेमाल १९वीं सदी से मध्यकाल के ग्रीक भाषा बोलने वाले रोमन साम्राज्य के लिए किया जाता था जो की वहां की राजधानी क़ुस्तुंतुनिया के आसपास बसा था। इस साम्राज्य को पूर्वी रोमन साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता था। इस राज्य के रहने वालों के लिए ये सिर्फ रोमन साम्राज्य के नाम से जान जाता था और यहाँ से शासकों ने रोमन शाशकों पर बहुत कब्ज़े किये। इस्लाम की दुनिया में ये 'रोमानिया' के नाम से जाना जाता था। राज्य की शुरुआत के बारे में कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है। बहुत लोग सम्राट कोन्स्तान्तिन प्रथम (306–337 ई.) को पहला बीजान्टिन शासक मानते हैं। जिन्होंने 330 ई. में अपनी राजधानी रोम से स्थानांतरित कर बिजिन्तिऊम नामक एक क़स्बे में कर दिया और इन्होंने इसका पुनर्निर्माण कराया और इसे कोंस्तान्तिनोपाल या फिर 'नया रोम' नाम दिया। कुछ लोग इस साम्राज्य की शुरुआत को थेओदोस्सिस (379–395) के राज्य की शुरुआत के वक्त को मानते हैं। साम्राज्य के गिरने की शुरुआत तब मानी जाती है जब ओट्टोमन तुर्कों ने कोंस्तान्तिनोपाल पर 1453 में कब्ज़ा कर लिया, पर ग्रीकों का राज साम्राज्य के दुसरे हिस्सों में कुछ और सालों तक चलता रहा जब तक मिस्त्रास 1460 में और ट्रेबिजोंद 1461 में गिर गए। .

नई!!: अत्तिला और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य · और देखें »

यूराल नदी

विमान से ली गई काज़ाख़स्तान में यूराल नदी की एक तस्वीर कैस्पियन सागर में यूराल नदी की विचित्र ऊँगली-जैसी डेल्टा (नदीमुख) यूराल नदी (अंग्रेज़ी: Ural), उराल नदी (रूसी: Урал) या झ़ायक नदी (रूसी: Жайық) रूस और काज़ाख़स्तान से बहने वाली एक नदी है। यह यूराल पहाड़ों के दक्षिणी भाग में उत्पन्न होती है और १,५११ किमी के लम्बे सफ़र के बाद कैस्पियन सागर में मिल जाती है। वोल्गा नदी और डैन्यूब नदी के बाद यह यूरोप की तीसरी सबसे लम्बी नदी है। कैस्पियन सागर के लिए यह वोल्गा नदी के बाद दूसरा सबसे मुख्य जलस्रोत है। .

नई!!: अत्तिला और यूराल नदी · और देखें »

रोम

यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- '''रोम''' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। .

नई!!: अत्तिला और रोम · और देखें »

रोमन साम्राज्य

अपने महत्तम विस्तार पर 117 इस्वी में '''रोमन साम्राज्य''' रोमन साम्राज्य का उत्थान एवं पतन रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावे उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। .

नई!!: अत्तिला और रोमन साम्राज्य · और देखें »

हूण लोग

हूण बंजारे लोग थे जिनका मूल स्थान वोल्गा के पूर्व में था। वे ३७० ई में यूरोप में पहुँचे और वहाँ विशाल हूण साम्राज्य खड़ा किया। हूण वास्तव में चीन के पास रहने वाली एक जाति थी। इन्हें चीनी लोग "ह्यून यू" अथवा "हून यू" कहते थे। कालान्तर में इसकी दो शाखाएँ बन गईँ जिसमें से एक वोल्गा नदी के पास बस गई तथा दूसरी शाखा ने ईरान पर आक्रमण किया और वहाँ के सासानी वंश के शासक फिरोज़ को मार कर राज्य स्थापित कर लिया। बदलते समय के साथ-साथ कालान्तर में इसी शाखा ने भारत पर आक्रमण किया इसकी पश्चिमी शाखा ने यूरोप के महान रोमन साम्राज्य का पतन कर दिया। यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों का नेता अट्टिला था। भारत पर आक्रमण करने वाले हूणों को श्वेत हूण तथा यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों को अश्वेत हूण कहा गया भारत पर आक्रमण करने वाले हूणों के नेता क्रमशः तोरमाण व मिहिरकुल थे तोरमाण ने स्कन्दगुप्त को शासन काल में भारत पर आक्रमण किया था। .

नई!!: अत्तिला और हूण लोग · और देखें »

जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

नई!!: अत्तिला और जर्मनी · और देखें »

इस्तांबुल

इतिहास में कस्न्निया के नाम से प्रसिद्ध तुर्की शहर इस्तांबुल (तुर्की: İstanbul) के नाम से जाना जाता है) देश का सबसे बड़ा शहर और उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। शहर राज्य इस्तांबुल राष्ट्रपति स्थान है। आबनाईे बासतुरस और उसकी प्राकृतिक बंदरगाह शाखा मुहाना (तुर्की: Haliç) के किनारे स्थित तुर्की का उत्तर पश्चिमी शहर बासतुरस एक ओर यूरोप क्षेत्र थरेस और दूसरी ओर एशिया के क्षेत्र आना्ऑलियह तक फैला हुआ है इस तरह वह दुनिया का एकमात्र शहर है जो दो महाद्वीपों में स्थित है। इस्तांबुल तारीख़े आलम का एकमात्र शहर जो तीन महान सटिनतों की राजधानी रहा है जिनमें ३३० ई. से ३९५ ई। तक रोमन साम्राज्य, ३९५ ए से १४५३ ई. तक बीजान्टिन साम्राज्य और १४५३ ई. से १९२३ ई। तक राज्य इतमानिया शामिल हैं। १९२३ ई. में तुर्की गणराज्य की स्थापना के बाद राजधानी अंकारा कर दिया गया। २००० की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी ८८ लाख 3 हजार ४६८ ए और कल शहरी क्षेत्र की आबादी एक करोड़ १८ हजार ७३५ है इस तरह इस्तांबुल यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। शहर को २०१० के लिए पैक्स, हंगरी और आसन, जर्मनी के साथ यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। इतिहास में शहर ने निवासियों की संस्कृति, भाषा और धर्म के आधार पर कई नाम बदले जिनमें से बाज़नटियम, कस्न्निया और इस्तांबुल भी जाने जाते हैं। शहर को "सात पहाड़ियों का शहर" कहा जाता है क्योंकि शहर का सबसे प्राचीन क्षेत्र सात पहाड़ियों पर बना हुआ है जहां हर पहाड़ी की चोटी पर एक मस्जिद स्थापित है। .

नई!!: अत्तिला और इस्तांबुल · और देखें »

कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

नई!!: अत्तिला और कैस्पियन सागर · और देखें »

४५३

453 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: अत्तिला और ४५३ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

अटिला

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »