अजीव और जैन धर्म के बीच समानता
अजीव और जैन धर्म आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तत्त्वार्थ सूत्र, अधर्म, उमास्वामी।
तत्त्वार्थ सूत्र
तत्त्वार्थसूत्र, जैन आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित एक जैन ग्रन्थ है। इसे 'तत्त्वार्थ-अधिगम-सूत्र' तथा 'मोक्ष-शास्त्र' भी कहते हैं। संस्कृत भाषा में लिखा गया यह प्रथम जैन ग्रंथ माना जाता है। इसमें दस अध्याय तथा ३५० सूत्र हैं। उमास्वामी सभी जैन मतावलम्बियों द्वारा मान्य हैं। उनका जीवनकाल द्वितीय शताब्दी है। आचार्य पूज्यपाद द्वारा विरचित सर्वार्थसिद्धि तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी एक प्रमुख टीका है। .
अजीव और तत्त्वार्थ सूत्र · जैन धर्म और तत्त्वार्थ सूत्र ·
अधर्म
इसका अर्थ धर्म का एकदम विपरीत होता है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार अधर्म की ५ शाखाएँ है-.
अजीव और अधर्म · अधर्म और जैन धर्म ·
उमास्वामी
आचार्य उमास्वामी, कुन्दकुन्द स्वामी के प्रमुख शिष्य थे। वह मुख्य जैन ग्रन्थ, तत्त्वार्थ सूत्र के लेखक है। वह दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों के द्वारा पूजे जाते हैं। वह दूसरी सदी के एक गणितज्ञ थे। .
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अजीव और जैन धर्म के बीच तुलना
अजीव 5 संबंध है और जैन धर्म 131 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 2.21% है = 3 / (5 + 131)।
संदर्भ
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