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अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल के बीच अंतर

अकार्बनिक रसायन vs. एसिटिक अम्ल

प्रांगार को छोड़कर शेष सभी तत्वों और उनके योगिकों की मीमांसा करना अकार्बनिक रसायन (Inorganic chemistry) का क्षेत्र है। बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम आदि तत्व भी लगभग उसी प्रकार के विविध यौगिक बनाते हैं, जैसे कार्बन। पर इस पार्थिव सृष्टि में उनका उतना महत्व नहीं है जितना कार्बन यौगिकों का, इसलिए कार्बनिक रसायन का अन्य तत्वों से पृथक्‌ रासायनिक क्षेत्र मान लिया गया है। मनुष्य एवं वनस्पतियों का जीवन कार्बन यौगिकों के चक्र पर निर्भर है, अत: कार्बनिक यौगिकों को एक अलग उपांग में रखना कुछ अनुचित नहीं है। यह कार्बन ही है जो पृथ्वी पर पाए जानेवाले सामान्य ताप (०° से ४०°) पर अनेक स्थायी समावयवी यौगिक दे सकता है। . शुक्ताम्ल (एसिटिक अम्ल) CH3COOH जिसे एथेनोइक अम्ल के नाम से भी जाना जाता है, एक कार्बनिक अम्ल है जिसकी वजह से सिरका में खट्टा स्वाद और तीखी खुशबू आती है। यह इस मामले में एक कमज़ोर अम्ल है कि इसके जलीय विलयन में यह अम्ल केवल आंशिक रूप से विभाजित होता है। शुद्ध, जल रहित एसिटिक अम्ल (ठंडा एसिटिक अम्ल) एक रंगहीन तरल होता है, जो वातावरण (हाइग्रोस्कोपी) से जल सोख लेता है और 16.5 °C (62 °F) पर जमकर एक रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस में बदल जाता है। शुद्ध अम्ल और उसका सघन विलयन खतरनाक संक्षारक होते हैं। एसिटिक अम्ल एक सरलतम कार्बोक्जिलिक अम्ल है। ये एक महत्वपूर्ण रासायनिक अभिकर्मक और औद्योगिक रसायन है, जिसे मुख्य रूप से शीतल पेय की बोतलों के लिए पोलिइथाइलीन टेरिफ्थेलेट; फोटोग्राफिक फिल्म के लिए सेलूलोज़ एसिटेट, लकड़ी के गोंद के लिए पोलिविनाइल एसिटेट और सिन्थेटिक फाइबर और कपड़े बनाने के काम में लिया जाता है। घरों में इसके तरल विलयन का उपयोग अक्सर एक डिस्केलिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है। खाद्य उद्योग में एसिटिक अम्ल का उपयोग खाद्य संकलनी कोड E260 के तहत एक एसिडिटी नियामक और एक मसाले के तौर पर किया जाता है। एसिटिक अम्ल की वैश्विक मांग क़रीब 6.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष (Mt/a) है, जिसमें से क़रीब 1.5 Mt/a प्रतिवर्ष पुनर्प्रयोग या रिसाइक्लिंग द्वारा और शेष पेट्रोरसायन फीडस्टोक्स या जैविक स्रोतों से बनाया जाता है। स्वाभाविक किण्वन द्वारा उत्पादित जलमिश्रित एसिटिक अम्ल को सिरका कहा जाता है। .

अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल के बीच समानता

अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धातु, गन्धकाम्ल, क्षार, कोयला

धातु

'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .

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गन्धकाम्ल

गन्धकाम्ल (सल्फ्युरिक एसिड) एक तीव्र अकार्बनिक अम्ल है। प्राय: सभी आधुनिक उद्योगों में गन्धकाम्ल अत्यावश्यक होता है। अत: ऐसा माना जाता है कि किसी देश द्वारा गन्धकाम्ल का उपभोग उस देश के औद्योगीकरण का सूचक है। गन्धकाम्ल के विपुल उपभोगवाले देश अधिक समृद्ध माने जाते हैं। शुद्ध गन्धकाम्ल रंगहीन, गंधहीन, तेल जैसा भारी तरल पदार्थ है जो जल में हर परिमाण में विलेय है। इसका उपयोग प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा अनेक रासायनिक उद्योगों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों के संश्लेषण में होता है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने के लिए सम्पर्क विधि का प्रयोग किया जाता है जिसमें गन्धक को वायु की उपस्थिति में जलाकर विभिन्न प्रतिकारकों से क्रिया कराई जाती है। खनिज अम्लों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला यह महत्त्वपूर्ण अम्ल है। प्राचीन काल में हराकसीस (फेरस सल्फेट) के द्वारा तैयार गन्धक द्विजारकिक गैस को जल में घोलकर इसे तैयार किया गया। यह तेल जैसा चिपचिपा होता है। इन्ही कारणों से प्राचीन काल में इसका नाम 'आयँल ऑफ विट्रिआँल' रखा गया था। हाइड्रोजन, गन्धक तथा जारक तीन तत्वों के परमाणुओं द्वारा गन्धकाम्ल के अणु का संश्लेषण होता है। आक्सीजन युक्ति होने के कारण इस अम्ल को 'आक्सी अम्ल' कहा जाता है। इसका अणुसूत्र H2SO4 है तथा अणु भार ९८ है। गन्धकाम्ल प्राचीनकाल के कीमियागर एवं रसविद् आचार्यों को गन्धकाम्ल के संबंध में बहुत समय से पता था। उस समय हरे कसीस को गरम करने से यह अम्ल प्राप्त होता था। बाद में फिटकरी को तेज आँच पर गरम करने से भी यह अम्ल प्राप्त होने लगा। प्रारंभ में गन्धकाम्ल चूँकि हरे कसीस से प्राप्त होता था, अत: इसे "कसीस का तेल' कहा जाता था। तेल शब्द का प्रयोग इसलिए हुआ कि इस अम्ल का प्रकृत स्वरूप तेल सा है। .

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क्षार

क्षार एक ऐसा पदार्थ है, जिसको जल में मिलाने से जल का pHमान 7.0 से अधिक हो जाता है। ब्रंस्टेड और लोरी के अनुसार, क्षार एक ऐसा पदार्थ है जो अम्लीय पदार्थों को OH- दान करते हैं। क्षारक वास्तव में वे पदार्थ हैं जो अम्ल के साथ मिलकर लवण और जल बनाते हैं। उदाहरणत:, जिंक आॅक्साइड सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ मिलकर ज़िंक सल्फेट और जल बनाता है। दाहक सोडा (कॉस्टिक सोडा), सल्फ़्यूरिक अम्ल के साथ मिलकर सोडियम सल्फेट और जल बनाता है। धातुओं के आॅक्साइड सामान्यत: क्षारक हैं। पर इसके अपवाद भी हैं। क्षारकों में धातुओं के आॅक्साइड और हाइड्राॅक्साइड हैं, पर सुविधा के लिए तत्वों के कुछ ऐसे समूह भी रखे गए हैं जो अम्लों के साथ मिलकर बिना जल बने ही लवण बनाते हैं। ऐसे क्षारकों में अमोनिया, हाइड्राॅक्सिलएमीन और फाॅस्फीन हैं। द्रव अमोनिया में घुल जाता है पर फिनोल्फथैलीन से कोई रंग नहीं देता। अत: कहाँ तक यह क्षारक कहा जा सकता है, यह बात संदिग्ध है। यद्यपि ऊपर की क्षारक की परिभाषा बड़ी असंतोषप्रद है, तथापि इससे अच्छी परिभाषा नहीं दी जा सकी है। क्षारक (बेस) और क्षार (ऐल्कैली) पर्यायवाची शब्द नहीं हैं। सब क्षार क्षारक हैं पर सब क्षारक क्षार नहीं हैं। क्षार-धातुओं के आॅक्साइड, जैसे सोडियम आॅक्साइड, जल में घुलकर हाइड्राॅक्साइड बनाते हैं। ये प्रबल क्षारकीय होते हैं। क्षारीय मृदाधातुओं के आक्साइड, जैसे कैल्सियम आॅक्साइड, जल में अल्प विलेय और अल्प क्षारीय होते हैं। अन्य धातुओं के आॅक्साइड जल में नहीं घुलते और उनके हाइड्राॅक्साइड परोक्ष रीतियों से ही बनाए जाते हैं। धातुओं के आॅक्साइड और हाइड्राॅक्साइड क्षारक होते हैं। क्षार धातुओं के आॅक्साइड जल में शीघ्र घुल जाते हैं। कुछ धातुओं के आॅक्साइड जल में कम विलेय होते हैं और कुछ धातुओं के आॅक्साइड जल में ज़रा भी विलेय नहीं हैं। कुछ अधातुओं के हाइड्राइड, जैसे नाइट्रोजन और फाॅस्फोरस के हाइड्राइड (क्रमश: अमोनिया और फाॅस्फीन) भी भस्म होते हैं। .

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कोयला

कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का ३५% से ४०% भाग कोयलें से पाप्त होता हैं। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किया जाता है। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है। .

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अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल के बीच तुलना

अकार्बनिक रसायन 28 संबंध है और एसिटिक अम्ल 108 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 2.94% है = 4 / (28 + 108)।

संदर्भ

यह लेख अकार्बनिक रसायन और एसिटिक अम्ल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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