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P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक के बीच अंतर

P-श्रेणी क्षुद्रग्रह vs. कार्बनिक यौगिक

७६ फ़्राएया (76 Freia) एक P-श्रेणी का क्षुद्रग्रह है P-श्रेणी क्षुद्रग्रह (P-type asteroid) क्षुद्रग्रहों की एक श्रेणी है जिसके सदस्यों का ऐल्बीडो (चमकीलापन) बहुत कम (०.१ से कम) होता है और जिनका उत्सर्जन वर्णक्रम (एमिशन स्पेक्ट्रम) बिना किसी ख़ास अवशोषण बैंड (absorption band) के सिर्फ़ एक लालिमा दिखाता है। यह हमारे सौर मंडल की सबसे काली वस्तुओं में से हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि P-श्रेणी क्षुद्रग्रह कार्बनिक-युक्त (ओरगैनिक) सिलिकेट, जल-रहित सिलिकेट और कार्बन की सतह रखते हैं और उनका अंदरूनी भाग पानी की बर्फ़ का बना होता है। कुल मिलाकर ३३ P-श्रेणी के क्षुद्रग्रह ज्ञात हैं और यह क्षुद्रग्रह घेरे (ऐस्टेरोयड बेल्ट) के बाहरी हिस्से में स्थित हैं। . मिथेन सबसे सरल कार्बनिक यौगिक कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। .

P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक के बीच समानता

P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कार्बन

कार्बन

कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई. में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली तथा उनके सहकर्मियों ने की। इस खोज के लिए उन्हें वर्ष १९९६ ई. का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

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P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक के बीच तुलना

P-श्रेणी क्षुद्रग्रह 10 संबंध है और कार्बनिक यौगिक 39 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.04% है = 1 / (10 + 39)।

संदर्भ

यह लेख P-श्रेणी क्षुद्रग्रह और कार्बनिक यौगिक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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