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2017–18 ईरानी विरोध प्रदर्शन

सूची 2017–18 ईरानी विरोध प्रदर्शन

2017–18 ईरानी विरोध प्रदर्शन (تظاهرات ۱۳۹۶ ایران) सम्पूर्ण ईरान में होने वाले विरोध प्रदर्शनों की एक शृंखला है। यह प्रदर्शन 28 दिसम्बर 2017 को ईरान के दूसरे सबसे बड़े नगर मशहद से प्रारम्भ हुए जिसका प्रमुख उद्देश्य ईरानी सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करना था। जैसे जैसे यह विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैले, इसका उद्देश्य विस्तृत होकर ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई की कट्टर धार्मिक नीतियों के विरोध तक पहुँच गया। .

11 संबंधों: एथेंस, दंगा, बर्न, मशहद, स्टॉकहोम, हसन रूहानी, ईरान, ईरान का सर्वोच्च नेता, कर्मानशाह (बख्तरान), कोलोन, अली ख़ामेनेई

एथेंस

300px एथेंस जिसे एथीना भी कहा जाता है यूरोपीय देश यूनान की राजधानी एवं वहां का सबसे बड़ा शहर है। यह विश्व के प्राचीनतम शहरों में शुमार होता है। इसका इतिहास तीन हजार वर्ष से भी पुराना है। एथेंस की आबादी २००१ में लगभग ७,४५,५१४ थी। .

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दंगा

दंगा (इंग्लिश: Riot) सामाजिक विकार का एक रूप है जिसमें सामान्यतः एक हिंसक समूह प्रशासन, संपत्ति या लोगों के खिलाफ सार्वजनिक अशांति का माहौल पैदा कर देता है। दंगों में आम तौर पर बर्बरता और सार्वजानिक या निजी संपत्ति का विनाश देखने को मिलता है। संपत्ति का प्रकार इसमें शामिल लोगों के हठ पर निर्भर करता है। लक्ष्य में दुकानें, कारें, रेस्तरां, राज्य के स्वामित्व वाली संस्थाओं और धार्मिक इमारतों भी शामिल हो सकतीं हैं। .

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बर्न

बर्न शहर (अंग्रेज़ी: Bern ब:(र्) न, फ़्रांसिसी: Berne बॅर्न, जर्मन: Bern बॅर्न) स्विट्ज़रलैंड देश की राजधानी है। इसकी दो राजभाषाएँ हैं: जर्मन और फ़्रांसिसी। .

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मशहद

मशहद (फ़ारसी: مشهد शहीद की जगह) पूर्वी ईरान में एक नगर है। ईरान का द्वितीय बड़ा नगर हैं। तेहरान से ८५० कि॰मी॰ पुर्व हैं। यह ख़ोरासान की ऐतिहसिक राजधानी रहा है और वर्तमान में रसावि ख़ोरासन प्रांत की राजधानी है। २००५ में २,३८७,७३४ लोग इस नगर मे रहते थे।। .

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स्टॉकहोम

स्टॉकहोम या स्टॉकहोल्म (Stockholm) उत्तरी यूरोप में स्थित स्वीडन देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह पूरे स्कैन्डीनेविया इलाके का भी सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। २०१० में इसके नगर निगम के तहत रहने वाले नागरिकों की आबादी ८,५१,१५५ अनुमानित की गई थी। उस समय इसके पूरे शहरी इलाके में १३.७ लाख लोग और पूरे स्टॉकहोम प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग २१ लाख बस रहे थे। कुल मिलकर स्टॉकहोम प्रशासनिक क्षेत्र में पूरे स्वीडन के २२% नागरिक रहते हैं। स्टॉकहोम की स्थापना सन् ११८७ ईसवी में अनुमानित की गई है और यह सदियों से स्वीडन का सांस्कृतिक, साहित्यिक, राजनैतिक और आर्थिक केंद्र रहा है। यह शहर स्वीडन के दक्षिण-मध्यपूर्व तट पर १४ द्वीपों पर मैलारन झील के मुख के समीप विस्तृत है। यह अपनी सुन्दरता, शानदार इमारतों, खुली आब-ओ-हवा और उद्यानों के लिए जाना जाता है। २००८ के विश्व शहरी सूची में इसे स्कैन्डीनेविया में पहला, यूरोप में १०वाँ और विश्वभर में २४वाँ सब से बढ़िया शहर ठहराया गया।, Foreign Policy, November 2008 स्वीडन की राष्ट्रीय संसद (जिसे रिक्स्दाग/Riksdag कहते हैं) इसी शहर में स्थित है और स्वीडन के राजा-रानी और प्रधान मंत्री भी यहीं निवास करते हैं। .

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हसन रूहानी

हसन रूहानी (फ़ारसी), जिनका जन्म के समय नाम हसन फ़ेरिदोन था, एक ईरानी राजनीतिज्ञ, वक़ील, विद्वान व कूटनीतिज्ञ हैं। इन्हें जून २०१३ में ईरान का अगला राष्ट्रपति चुना गया। १९९९ से वे ईरान की माहिरों की सभा, १९९१ से ईरान की प्रशासनिक निगरानी परिषद, १९८९ से सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और १९९२ से कूटनीति अनुसन्धान केन्द्र के सदस्य रहे हैं। ७ मई २०१३ को रूहानी ने ईरान के राष्ट्रपति चुनावों में अपने आप को एक उम्मीदवार के रूप में दर्ज करवाया। उन्होंने कहा कि अगर वे चुने गए तो एक 'नागरिक अधिकारों का घोषणापत्र' तैयार करेंगे, देश की आर्थिक स्थिति मज़बूत करेंगे और पश्चिमी देशों के साथ सम्बन्धों में सुधार लाने की कोशिश करेंगे। १५ जून को उन्होंने मुहम्मद बाग़ेर ग़ालीबाफ़ और चार अन्य उम्मीदवारों को हरा कर चुनाव जीत लिया। क्रमानुसार अब उनकी ३ अगस्त २०१३ में राष्ट्रपति पद ग्रहण करने की तैयारी है। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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ईरान का सर्वोच्च नेता

ईरान का सर्वोच्च नेता (Persian رهبر انقلاب) ईरान का सबसे शक्तिशाली राजनैतिक पद हैं। * श्रेणी:ईरान का सरकार.

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कर्मानशाह (बख्तरान)

ईरान के शहर कर्मानशाह (फारसी: كرمانشاه) ईरान में बाखतरान या कर्मांशाह प्रांत का एक शहर है। इस शहर की जनसंख्या वर्ष २००६ अनुसार ७९४,८६३ है। यह बाखतरान प्रांत की राजधानी है। श्रेणी:कर्मांशाह प्रांत.

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कोलोन

मध्य कोलोन का दृष्य कोलोन (जर्मन: Köln; अंग्रेजी उच्चारण: /kəˈloʊn/) बर्लिन, हैम्बर्ग और म्युनिख़ के बाद जर्मनी का चौथा सबसे बड़ा शहर है। कोलोन, राइन नदी के दोनों तरफ बसा हुआ है। शहर का मशहूर कोलोन कैथेड्रल, कोलोन के कैथोलिक आर्कबिशप का निवास है। कोलोन विश्वविद्यालय यूरोप के सबसे पुराने और बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है जिसमें लगभग 44,000 विद्यार्थी पढ़ते हैं। .

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अली ख़ामेनेई

आयतोल्लाह सय्यद अली होसैनी ख़ामेनेई (फ़ारसी: آیت‌الله سید علی حسینی خامنه‌ای; फ़ारसी उच्चारण: //) (जन्म १७ जुलई १९३९, मशहद, ईरान) ईरान के रहबरे इन्क़िलाब हैं। १९८१ से १९८९ तक ये ईरान के राष्ट्रपति थे। वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल अज़्मा सैयद अली ख़ामेनई का जन्म 1939 मं ईरान के पवित्र नगर मशहद एक धार्मिक परिवार में हुआ, आप के पिता हाज सैयद जवाद ख़ामनई मशहद के वरिष्ठ धर्म गुरुओं में से थे और आप की माता एक प्रसिद्ध धर्म गुरु हुज्जतुलइस्लाम सैयद हाशिम नजफ़ाबादी की सुपुत्री थीं। शिक्षा दीक्षा वरिष्ठ नेता सैयद अली ख़ामनई ने धार्मिक शिक्षा से अपनी शिक्षा आंरभ की और 14 वर्ष की आयु में एक प्रतिष्ठित धर्म शिक्षा केन्द्र से जुड़ गये किंतु इस के साथ ही आप ने आधुनिक शिक्षा का क्रम भी जारी रखा। बाद में ईरान के पवित्र नगर और विश्व में शीआ समूदाय की धार्मिक शिक्षा केन्द्र कुम आए जहॉ इमाम ख़ुमैनी सहित नामी गुरुओं से ज्ञान प्राप्त किया। यह वही काल था जब कुम में इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी राजशाही शासन के विरुद्ध अभियान का आरंभ कर रहे थे इस्लामी क्रांति आंदोलन जन्म ले रहा था। वरिष्ठ नेता इस पूरी प्रक्रिया में शामिल रहे। संघर्ष का आंरभ शाही सुरक्षा बलों द्वारा कुम के मदरसए फ़ैज़िया नामक शिक्षा संस्थान पर आक्रमण के बाद इमाम ख़ुमैनी ने वरिष्ठ नेता को मशहद जाकर जनता में जागरुकता उत्पन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी। इमाम ख़ुमैनी ने पूरे ईरान में एक साथ जागरुकता आंदोलन छेड़ने की योजना बनाई थी। वरिष्ठ नेता ने ख़ुरासान प्रान्त के विभिन्न नगरों में जाकर इमाम खु़मैनी का यह संदेश पहुँचाया। वरिष्ठ नेता के लिए सरलता यह थी कि मोहर्रम का महीना आंरभ हो चुका था और लोग जगह जगह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाने के लिए सभाओं का आयोजन कर रहे थे। पहली गिरफतारी: तीन मोहर्रम से आप ने भीषण देना आंरभ किया 6 मोहर्रम तक विभिन्न विषयों पर चर्चा की और कार्यक्रमानुसार सात मोहर्रम से खुल कर शाही शासन के विरुद्ध भाषण देना आरंभ कर दिया। इस दौरान धार्मिक संस्थान फैज़िया पर आक्रमण की घटना भी आपने लोगों को बताई जिस से जनता में असंतोष की लहर दौड़ गयी भाषण को बीच ही में रोक का ईरानी शासक शाह के हरकारों ने आप को गिरफ़तार कर लिया। वरिष्ठ नेता की गिफ़तारी ने खुरासान प्रान्त की जनता में शाह विरोधी भावनाओं को और अधिक भड़का दिया। प्रथम गुव्त राजनीतिक संगठन की स्थापना: कई बार की गिरफ़तारियों के बाद वरिष्ठ नेता जब स्वंतत्र होकर कुम गयें तो वहॉ आप ने एक गुप्त राजनीतिक संस्था का गठन किया किंतु कुछ ही दिनों बाद शाही शासन को इस संस्था की भनक लग गयी और इस के कई सदस्य गिरफ़तार कर लिए गये। गिरफ़तारी आंरभ होने के बाद वरिष्ठ नेता एक वर्ष तक तेहरान में श्री हाशमी रफ़सन्जानी के घर में छिपे रहे शाही गुप्तचर सेवा को आप की खोज थी क्योंकि आप की लिखी हुई एक किताब ने भी ईरान के युवा वर्ग को अत्याधिक प्रभावित किया था। एक वर्ष की अवधि बीत जाने के पश्चात जब यह मामला कुछ ठंडा पड़ा और गिरफ़तार किए गये कई लोगों को स्वतंत्र कर दिया गया तो वरिष्ठ नेता मशहद चले गये जहॉ प्रान्त के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आप ने लोगों को शाही शासन के अत्याचारों और भ्रष्टाचारों से अवगत कराना आंरभ कर दिया। आप की सक्रियता का दायरा बढ़ा और तेहरान में भी आप ने भाषण दिए जिस के बाद शाही शासन के विरुद्ध सशस्त्र कार्यवाही करने वाले संगठन एम के ओ ने आप से संबध स्थापित किया। एम के ओ ने 1969 से ही सशस्त्र कार्यवाही आंरभ कर दी थी। शाह की गुप्तचर संस्था सावाक ने वरिष्ठ नेता पर कड़ी नज़र रखी हुई थी क्योंकि उन्हें विश्वास था कि सशस्त्र कार्यवाहियों से वरिष्ठ नेता का संबध है इस आधार पर वरिष्ठ नेता को एक बार फिर गिरफ़तार कर लिया गया किंतु55 दिनों की कड़ी यातनाओं के बाद प्रमाण न होने के कारण आप को स्वतंत्र कर दिया गया किंतु आप की सक्रियता पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिस के कारण वरिष्ठ नेता ने गुप्त रूप से सक्रियता आंरभ की और सन1971 से 1974 तक यह स्थिति जारी रही। १९७२ से 1973 के दौरान आप ने अलवी आंदोलन का आरंभ किया जिसने पूरे ईरान को अपने प्रभाव में ले लिया इस के बाद सावाकी एजेन्टों ने एक बार फ़िर वरिष्ठ नेता को गिरफ़तार किया यह उन की छठी और सब से कठिन गिरफ़तारी थी। इस्लामी क्रांति की सफ़लता और जिम्मेदारियॉं इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के ज्येष्ठ पुत्र आयतुल्लाह हाज मुस्तफ़ा ख़ुमैनी की शहादत के बाद पूरे ईरान में शाही शासन के विरुद्ध आम रोष व्याप्त हुआ जनता में बेचैनी बढ़ी और सैनिकों ने छावनियों से भागना आंरभ कर दिया। इस्लामी क्रांति की सफ़लता का यह पहला चरण था। क्रांति की सफ़लता के बाद वरिष्ठ नेता को क्रांति की उच्य परिषद में सदस्यता मिली और फ़िर रक्षा मंत्रालय में क्रांति परिषद के प्रतिनिधि का पद संभाला। जिस के बाद आप ने क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान की कमान संभाली रक्षा की उच्य परिषद के सदस्य हुए और तेहरान के इमाम जुमा बनाए गये। सन 1980 में चुनाव आंरभ होने के साथ ही वरिष्ठ नेता संसद सदस्य निर्वाचित हुए और इसी वर्ष इराक ने ईरान पर आक्रमण कर दिया और आठ वर्षीय थोपा गया युद्ध आंरभ हो गया। जिस के दौरान वरिष्ठ नेता ने विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई सन 1981 में वरिष्ठ नेता पर एम के ओ ने घातक आक्रमण किया जिस में आप गंभीर रूप से घायल हुए इस विस्फोट में आप का दाहना हाथ निष्क्रिय हो गया। इसी वर्ष आप ने राष्टृपति चुनाव में प्रत्याशी के रूप में भाग लिया और बहुमत से इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्टृपति निर्वाचित हुए। जिस के बाद राष्टृपति के दूसरे काल में भी वरिष्ठ नेता राष्टृपति निर्वाचित हुए और दूसरा चरण समाप्त भी न होने पाया था कि इस्लामी गणतंण ईरान के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी का एक लंबी बीमारी के बाद सवर्गवास गया और वरिष्ठ नेता को उन की सिफ़ारिश और तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के मतानुसार इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के रूप में चुन लिया गया और इस प्रकार से ईरानी राष्टृ को इमाम ख़ुमैनी जैसे महान नेता को खो देने के बाद उन्हें के मार्ग पर अग्रसर एक दूसरा महान नेता मिल गया। वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनम उस समय से आज तक न केवल ईरान के वल्कि विश्व के अन्याचार ग्रस्त व पीड़ित राष्ट्रों के समर्थक के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और निभाते रहेगें। ख़ामेनेई, अली.

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