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सराय मोहन (वाराणसी)

सूची सराय मोहन (वाराणसी)

अंगूठाकार सराय मोहन (Sarai mohan)काशी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह गांव अपने आप  में  बहोत  सी  पुरानी यादें  संजोये  हुए  है ! यह गांव अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गया है ! हिन्दू मुस्लिम भाईचारा यहाँ देखा जा सकता है शिक्षित लोगो से यह गांव भरा-पूरा है लोगो की यह मान्यता है कि किसी समय भगवान् कृष्णा यहाँ से गुजर रहे थे तोह विश्राम के लिए उंन्होने यह स्थान चुना तभी से इसका नाम सराय मोहन पड़ गया सराय मोहन की आधिकारिक भाषा सराय मोहन की मूल भाषा हिन्दी, हिन्दी-भोजपुरी  है यह गांव भी भारत के लाखों गांवों जैसा ही है ! और इस गांव का नाम सराय मोहन है ! गाँव के दक्षिण में कलकल करती हुई बेसो नदी बहती है ! चारों ओर खेतों की हरियाली गाँव की शोभा बढ़ा रही है ! अनेक प्रकार के फसले और विविध वनस्पतियाँ इसके प्राकर्तिक सोंदर्य में चार चाँद लगा देती है ! गाँव के बीचोंबीच एक बड़ा मंदिर है, जो ‘दुर्गा का मंदिर ’ नाम से प्रसिद्ध है ! प्रति दिन भजन कीर्तन के लिए लोग यहाँ आते हैं,समय समय पे रामलीला का आयोजन होता है लोग बड़ी मात्रा में बढ़ चढ़ के हिसा लेते हैं,मंदिर के सामने पोखरे और इस गांव के कुल देवता भीलम बाबा और दक्षिण दिशा में बादिल बाबा तथा डीह बाबा  का विशाल मंदिर है लोग बड़ी ही श्रद्धा से यहाँ आते हैं और अनेको देवी - देवता के मंदिर यहाँ है और सबकी अपनी अलग कहानिया ! चारो तरफ पक्के मक़ान,नए सड़के हैं  पाठशाला गांव के बीचोबीच है और अस्पताल गाँव के बाहर है ! यहाँ सभी वर्णों के लोग बिना किसी भेदभाव के रहते है ! इस गाँव के लोग बहुत उद्यमी और संतोषी है ! गाँव के लोगों की सभी जरूरतों की पूर्ति गाँव के लोग ही विविध ग्र्होद्योगों के माध्यम से करते है !इस गाँव में भजन-कीर्तन का कार्यक्रम भी होता है !  गाँव में अधिकतर शिक्षित अध्यापक,नौकरीपेशा और किसान रहते है ! अनेक देवी-देवताओं में उनका अटूट विशवास है ! होली के रंग सबके ह्रदय में हर्ष और उल्लास भर देते हैं, तो दिवाली की रोशनी से सबके दिल जगमगा उठते है ! ग्रामपंचायत ने इस गाँव की कायापलट कर दी है ! गाँव के बच्चे आज उत्साह से स्कूल में पढ़ते हैं ! आज तो गाँव में प्रौढ़ शिक्षा का भी प्रबंध हो चूका है ! गाँव के लोग सुबह पत्रिका मंगाते हैं और हर खबर की जानकारी लेते हैं ! गाँव के बाजार में भी एक नई रोनक हैं चाय की चुस्कियों के दौरान राजनीति (पॉलिटिक्स) की बाते ! और इस बाजार में घरेलु उपयोग की सभी चीजें मिलती हैं ! समय बदल गया है लोगो में अच्छी  जागरूकता आई है गांव का आज हर गली मोहल्ला साफ़ सुथरा है सभी के पक्के मक़ान और राजनीति के साथ भक्ति, शिक्षा,और विकास सभी ने अपनाया है !अधिकतर लोग आज शहरो में हैं परंतु गांव का आकर्षण उंन्हें खींच लाता है अपनी तरफ  यह गाँव अपने आप में अपनी शोभा बनाये हुए हैं  ! यहाँ प्रकर्ति की शोभा हैं, स्नेहभरे लोग हैं, धर्म की भावना हैं और मनुष्यता का प्रकाश है ! भोल-भाले स्त्री-परूष, स्नेहभरे भाभी-देवरों और सरल बच्चों से हरा भरा परिपूर्ण है  गर्मी के मौसम में यहाँ आम के फलो से बाग लद जाते हैं गेहू की फसल, गन्ना और अनेको फलो और फसलो से खेत भर जाते हैं ठंडी में खेतो में मटर,आलू और अनेको फसल देखने को मिलते है शाम को बाजार की रौनक वहां का चाट सभी को आकर्षित करता है ! __सूचीबद्ध__ __विषय_जोड़े_कड़ी_रहित__ श्रेणी:वाराणसी जिले के गाँव.

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