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JavaServer Pages (जावासर्वर पेजेस)

सूची JavaServer Pages (जावासर्वर पेजेस)

JavaServer Pages (जावासर्वर पेजेस) (JSP) एक सर्वर साइड जावा तकनीक है, जो एक जावा वेब अनुप्रयोग कंटेनर (सर्वर) के लिए एक वेब ग्राहक के अनुरोध के जवाब में HTML, XML, या अन्य दस्तावेजों के प्रकारों के साथ, गतिक रूप से विकसित किये गए वेब पेज का निर्माण करने के लिए सॉफ्टवेयर का विकास करने वाले लोगों की मदद करती है। इसे सक्षम बनाने के लिए एक HTML पेज file extension.jsp को दिया जाता है और एक XML मार्क अप file extension.jspx, को दिया जाता है, ताकि जावा सर्वर (कंटेनर) यह पहचान लेगा कि फाइल को ग्राहक को भेजने से पहले JSP प्रोसेसिंग की जरुरत है। JSP पेजों को सर्वर में लोड किया जाता है और इसे एक संरचित विशेष रूप से इन्सटाल किये गए Java server packet (जावा सर्वर पैकेट) से ओपरेट किया जाता है जिसे J2EE Web Application (J2EE वेब एप्लीकेशन) कहा जाता है, इसे अक्सर एक.war या.ear फाइल संग्रह के रूप में पैक किया जाता है। यह तकनीक जावा कोड को और विशिष्ट पूर्व परिभाषित क्रियाओं को स्टेटिक पेज सामग्री में प्रवेश करने की अनुमति देती है और हर पेज के अनुरोध पर रनटाइम पर सर्वर पर संकलन की अनुमति देती है। जावा सर्वर (J2EE विनिर्देशन) और पेज स्क्रिप्ट दोनों और/या विस्तृत कस्टमाइज्ड प्रोग्रामिंग एक विशेष पहले से इंस्टाल किये गए बेस प्रोग्राम के द्वारा ओपरेट की जाती है, यह प्रोग्राम एक आभासी या वर्चुअल मशीन कहलाता है, जो मेजबान के ऑपरेटिंग सिस्टम को एकीकृत करता है, यह प्रकार Java Virtual Machine (जावा वर्चुअल मशीन) (JVM) होता है। क्योंकि या तो, एक Compiler-JVM set (कम्पाइलर- JVM सेट) (जो एक SDK या JDK कहलाता है) या लोन JVM (जो JRE, Java Runtime Environment(जावा रनटाइम एन्वायरनमेंट) कहलाता है) या दोनों अधिकांश कंप्यूटर प्लेटफोर्म OSs के लिए बने हैं और JVM के लिए कम्पाइल किये गए प्रोग्राम विशेष जावा बाईट कोड फाइलों में कम्पाइल किये जाते हैं, इसके लिए JVM बाईट कोड फाइलें (कम्पाइल किये गए जावा प्रोग्राम के वर्ग की फाइलें) प्लेटफोर्मों के बीच प्रभावी रूप से स्थानांतरित की जा सकती हैं, जिसके लिए विशेष परिस्थितियों या वर्जनिंग कमपेटीबिलिटी के आलावा पुनः कम्पाइल करने की जरुरत नहीं होती है। इन J2EE सर्वलेट या J2EE JSP प्रोग्रामों के लिए स्रोत कोड की आपूर्ति लगभग हमेशा J2EE JSP सामग्री और J2EE वेब अनुप्रयोग के साथ की जाती है क्योंकि सर्वर उन्हें लोड करते समय कम्पाइलर को बुलाता है। इन छोटे विस्तार कार्यक्रम (कस्टम टैग, सर्वलेट, बीन्स, पेज स्क्रिप्टिंग) चार होते हैं और इनके अपडेट किये जाने की संभावना होती है, या रन टाइम शुरू होने से पहले इन्हें परिवर्तित किया जा सकता है, या यह बीच बीच में किया जाता है, विशेष रूप से जब ये खुद JSP पेज अनुरोध भेजते हैं, इसे जरुरत होती है कि JSP सर्वर की पहुँच एक ava compiler (जावा कम्पाइलर) को हो (SDK या JDK) और आवश्यक स्रोत कोड (JVM JRE और बाईट कोड वर्ग की फाइलें साधारण रूप से नहीं) सर्व करने की विधि का सफलतापूर्वक उपयोग कर सके। JSP सिंटेक्स के दो बुनियादी प्रकार हैं, scriptlet (स्क्रिप्टलेट) और markup (मार्कअप) हालांकि मूल रूप से पेज या तो HTML या XML मार्क अप होते हैं। Scriptlet tagging (स्क्रिप्टलेट टैगिंग) (स्क्रिप्टलेट तत्व कहलाते हैं) (सीमांकित) मार्क अप के साथ ब्लोक्स ऑफ़ कोड प्रभावी रूप से मार्क अप नहीं होते हैं और किसी भी API से सम्बंधित जावा सर्वर (उदाहरण सर्वर जो खुद बाइनरी को चला रहें हैं या डाटा बेस कनेक्शन API या जावा मेल API) या अधिक विशिष्ट JSP API भाषा कोड को अनुमति देते हैं कि वह JSP फाइल में अपलब्ध करायी गयी सही घोषणाओं से युक्त एक HTML या XML पेज में प्रवेश कर जाएं और पेज के फाइल एक्सटेंशन प्रयुक्त किये जाते हैं। स्क्रिप्टलेट ब्लॉक्स को खुद ब्लॉक्स में पूरा होने की जरुरत नहीं होती है, स्टेटमेंट की जरुरत के अनुसार खुद ब्लॉक की आखिरी लाइन पूरी की जाती है, जो विश्लेषणात्मक रूप से सही होती है, इसे एक बाद के ब्लॉक में पूरा किया जा सकता है। इनलाइन कोडिंग सेक्शन को विभाजित करने की यह प्रणाली step over scripting (स्टेप ओवर स्क्रिप्टिंग) कहलाती है, क्योंकि इसे स्टेप ओवर करके स्टेटिक मार्क अप के चारों और लपेटा जा सकता है। रनटाइम पर (एक ग्राहक के अनुरोध के दौरान) कोड को कम्पाइल किया जाता है और इसका मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन कोड का कम्पाईलेशन (संकलन) आम तौर पर तब होता है जब फाइल के कोड में कोई परिवर्तन होता है। JSP सिंटेक्स या वाक्यविन्यास में अतिरिक्त XML की तरह के टैग होते हैं, जो JSP एक्शन कहलाते हैं, इनका उपयोग निर्माणात्मक क्रियाओं में किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी JSP टैग लायब्ररीज के निर्माण के लिए अनुमति देता है जो मानक HTML या XML टैग के लिए एक्सटेंशन के रूप में कार्य करता है। JVM के द्वारा ओपरेट किये गए लायब्ररी, एक वेब सर्वर की क्षमताओं के विस्तार के प्लेटफोर्म स्वतंत्र तरीके उपलब्ध कराता है। ध्यान दें कि जावा सर्वर के सभी कम्पनी निर्माण, J2EE specification (J2EE विनिर्देशन) अनुरूप नहीं हैं। .

8 संबंधों: ऍचटीऍमऍल, एऍसपी.नेट, एक्स॰एम॰एल॰, नेटस्केप नेविगेटर, पीएचपी, जावा (प्रोग्रामिंग भाषा), वेब सर्वर, इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर

ऍचटीऍमऍल

(HTML), HyperText Markup Language का संक्षिप्त रूप है। यह वेब पृष्ठों के लिये एक प्रमुख मार्कअप भाषा है। यह किसी द्स्तावेज में टैक्स्ट आधारित जानकारी की संरचना को निर्धारित करने का साधन है। इसके लिये यह टैक्स्ट विशेष को लिंक, हैडिंग, पैराग्राफ, सूची आदि के रूप में नोट करती है तथा इसमें इंटरैक्टिव फॉर्म, संलग्न चित्र, तथा अन्य ऑबजॅक्ट जोडती है। ऍचटीऍमऍल टैग्स के रूप में लिखी जाती है जो कि एंगल ब्रैकेट ("") के द्वारा घिरी होती है। ऍचटीऍमऍल कुछ हद तक किसी दस्तावेज के दृश्य रूप आदि को भी निर्धारित कर सकती है तथा इसमें स्क्रिप्टिंग भाषा कोड जैसे जावास्क्रिप्ट, पीऍचपी आदि भी संलग्न किया जा सकता है। HTML का प्रयोग किसी वेबसाइट के ढांचे को तैयार करने के लिए किया जाता है और यही एक मैं भाषा है जिसकी मदद से सभी वेबसाइट भी चलती है .

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एऍसपी.नेट

ASP.NET एक वेब एप्लीकेशन फ्रेमवर्क है जिसका विकास एवं विपणन माइक्रोसॉफ्ट द्वारा प्रोगामर को डायनामिक वेब साइट, वेब एप्लीकेशन एवं वेब सेवायें निर्मित करने की अनुमति हेतु किया गया है।.NET फ्रेमवर्क के संस्करण 1.0 के साथ इसे पहली बार जनवरी 2002 में जारी किया गया था एवं यह माइक्रोसॉफ्ट की एक्टिव सर्वर पेजिज़ (ASP) प्रौद्योगिकी का उत्तराधिकारी है। ASP.NET का निर्माण कॉमन लैग्वेज रनटाइम (CLR) पर किया गया है जिससे प्रोगामरों को कोई भी सहायक.NET भाषा का प्रयोग करते हुए ASP.NET कोड लिखने की सुविधा होती है। ASP.NET SOAP एक्सटेंशन फ्रेमवर्क ASP.NET कंपोनेंट को SOAP संदेशों को प्रक्रियारत करने की सुविधा प्रदान करता है। .

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एक्स॰एम॰एल॰

thumbएक्स॰एम॰एल॰ (Extensible Markup Language या XML) एक सामान्य उपयोग की मार्कअप भाषा है। अधिक सूक्ष्म रूप में कहें तो यह सामान्य उपयोग की विनिर्देश यानि स्पेसिफिकेशन है जो स्वानुकूल मार्कअप भाषा की रचना करने के काम आती है। एक्सटेंसिबल इसलिये क्योंकि ये प्रयोक्ताओं को अपने टैग बनाने की अनुमति देता है। क्षमल का मूल उद्देश्य है अलहदा सूचना निकायों के बीच, विशेषकर इंटरनेट द्वारा, संरचित यानी स्ट्रक्चर्ड सूचना के आदान प्रदान के लिये सुविधा प्रदान करना।;उदाहरण एक छोटी सी XML फाइल का एक उदाहरण नीचे दिया है। .

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नेटस्केप नेविगेटर

नेटस्केप नेविगेटर १९९० के दशक में प्रचलित एक वेब ब्राउज़र रहा है। इसका विकास नेटस्केप कम्युनिकेशंस कार्पोरेशन ने किया था। श्रेणी:वेब ब्राउज़र.

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पीएचपी

पीएचपी (PHP) नेट पर वेब साईट बनाने की एक भाषा है। इस को आसानी से HTML के साथ जोड़ किसी भी पेज़ को डायनामिक बनाया जा सकता है। यह एक सर्वर साइड स्क्रिप्टिंग भाषा है। .

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जावा (प्रोग्रामिंग भाषा)

जावा एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे मूलतः सन माइक्रोसिस्टम्स के जेम्स गोसलिंग द्वारा विकसित किया गया तथा 1995 में इसे सन माइक्रोसिस्टम्स के जावा प्लेटफ़ार्म के एक मुख्य अवयव के रूप में रिलीज़ किया गया। भाषा अपना अधिकांश वाक्य विन्यास (सिंटेक्स) C (सी) और C++ से प्राप्त करती है लेकिन इसके पास एक सरल ऑब्जेक्ट मॉडल और कुछ निम्न स्तर की सुविधायें मौजूद हैं। जावा के प्रयोगों को विशिष्ट रूप से बाईटकोड (क्लास फाइल) के लिए संकलित किया जाता है जिसे किसी भी कंप्यूटर आर्किटेक्चर वाले किसी भी जावा वर्चुअल मशीन (JVM) पर चालू किया जा सकता है। 1995 से सन द्वारा मूल तथा सन्दर्भ कार्यान्वयन जावा संकलकों (कम्पाइलरों), वर्चुअल मशीनों और क्लास लाइब्रेरियों को विकसित किया गया। मई 2007 तक, जावा कम्युनिटी प्रोसेस के विशेष उल्लेखपूर्वक अनुमति में सन ने अपने अधिकांश जावा प्रोद्योगिकियों को GNU जनरल पब्लिक लाइसेन्स के अर्न्तगत मुफ्त सॉफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध कराया.

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वेब सर्वर

डैल पावर एज वेब सर्वर का आंकरिक और बाहरी (पिछला) दृश्य वेब सर्वर वह सॉफ्टवेयर होता है जो वेब पेज सर्व करता है, अर्थात वह सॉफ्टवेयर जो वेब पेजों को उपयोक्ताओं तक पहुंचाता है। इसे दो भागों में बांट कर देखा जा सकता है: वह मशीन जिस पर वैबसर्वर को स्थापित किया जाता है और वो सॉफ्टवेयर जो वैब सर्वर की तरह काम करता है। ये पहला हार्डवेयर व दूसरा सॉफ्टवेयर होते हैं। सामान्यतयावे वेब पेज HTTP प्रोटोकॉल द्वारा उपयोक्ताओं तक पहुंचाये जाते है। किसी भी कंप्यूटर में वेब सर्वर का सॉफ्टवेयर स्थापित कर और उसे इंटरनेट से जोड़ कर उपयोक्ता उसे अंतरजाल पर वेब पेज प्रदान करने वाले वेब सर्वर में बदल सकते हैं। उपयोक्ता जो भी वेब पेज अंतरजाल पर देखते हैं वे उनके कंप्यूटर पर पास किसी ना किसी वेब सर्वर के द्वारा ही पहुंचाये जाते हैं। यदि उपयोक्ता अपने कंप्यूटर पर केवल सॉफ्टवेयर स्थापित करें और उसे इंटरनैट से ना जोड़े तो भी वो पूरा वेब सर्वर है जो कि केवल स्थानीय रूप से उपयोक्ता के लिये काम करेगा। .

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इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर

विण्डोज़ इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर (पूर्व नाम:माइक्रोसॉफ्ट इण्टरनेट ऍक्सप्लोरर, लघुनाम; ऍम॰ ऍस॰ आइ॰ ई॰ या आइ॰ ई॰) ग्राफ़िकल वेब ब्राउज़रों की एक श्रेणी है, जिसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने किया है। यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा १९९५ से जारी व चालू विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम लाइन का एक सॉफ्टवेयर है। १९९९ से बहुप्रचलित ये ब्राउज़र २००२-०३ के बीच प्रयोग का ९५% प्रतिशत श्रेय लेता रहा है। उस समय आइ॰ ई॰-५ एवं आइ॰ ई॰-६ प्रचलन में रहे थे। इंटरनेट एक्स्प्लोरर-८ विंडोज़ विस्ता में इंटरनेट एक्स्प्लोरर माइक्रोसोफ्ट का वेब ब्राउज़र है। हाल ही में इसका लॉन्च किया गया नया संस्करण आई.ई-८ है। माइक्रोसोफ्ट के अनुसार यह अब तक का सर्वोत्तम ब्राउज़र है।। तरकश। २८ मार्च,२००९ नया आईई पुराने संस्करणों से ४०% तेजी से खुलता है। यह पन्नों को तेजी से रेंडर करता है और वीडियो भी तेजी से चलाता है। गूगल के अनुसार भी यह ब्राउजर फायरफोक्स और क्रोम दोनों से तेज है। इसमें दो ऐसी सुविधाएँ जोडी गई हैं जिससे प्रयोक्ताओं को काफी सुरक्षा मिलती है। एक है क्रोस साइट फिशिंग, यानी कि आईई8 वेबपन्नों पर रखी गई हानिकारक स्क्रिप्ट की पहचान कर लेता है और ऐसे पन्नों को खोलता नहीं है, जिससे प्रयोक्ताओं के कंप्यूटर में ऐसी स्क्रिप्ट स्थापित नहीं हो पाती। दूसरी सुविधा है क्लिक-हाइजेकिंग, कई बार प्रयोक्ताओं को कोई बटन दिखाया जाता है जिसे दबाने पर नया पन्ना खुलेगा ऐसा बताया जाता है, परंतु वह वास्तव में हाइजैकिंग स्क्रिप्ट होती है जिससे कोई हानिकारक सक्रिप्ट कंप्यूटर में स्थापित हो जाती है। आईई8 ऐसी किसी भी स्क्रिप्ट को रोक देता है। आईई8 के टैब पेनल में भी बदलाव किये गए हैं। अब एक ही प्रकार की साइटें पास पास खुलती है और एक ही समूह की साइटों की टेब का रंग भी एक जैसा होता है जिससे प्रयोक्ताओं को टेब पन्नों को पहचानने में आसानी रहती है। इसके अलावा आईई 8 में एक विशेष सुविधा है एक्सीलरेटर। किसी भी वेबपेज के किसी भी शब्द को चुनने करने पर एक नीले रंग का बटन मिलता है जिसमें कई लिंक होते हैं जैसे कि गूगल मेप में ढूंढे, विकी पर देखें आदि। इससे प्रयोक्ता का समय बचता है। .

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